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छठ के वो गीत जिसे सुन आप अलग ही दुनिया में खो जाते हैं, ईटीवी भारत पर सुनिए - CHHATH GEET

छठ गीत जब कानों तक पहुंचते हैं तो अलग ही अहसास होता है. ईटीवी भारत आपको गंगा नदी से सीधे वह अहसास दिला रहा है.

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जय हो छठी मइया (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2024, 8:34 PM IST

पटना :लोक आस्था का महापर्व छठ बिहार की पहचान है. छठ के कई दिनों पूर्व से ही चारों तरफ छठ के गीत बजने लगते हैं. बिना छठ गीत के छठ अधूरा सा लगता है. हर साल गायक नए-नए छठ के गाने लेकर आते हैं. हालांकि छठ के जो पुराने लोकगीत हैं, उनकी मिठास अलग ही है. छठ के समय जब 'केरवा के पात पर, उगs हो सूरज देव भईल अरग के बेर' जैसे लोकगीत बजते हैं तो छठ पर्व जीवंत हो जाता है.

गंगा तीरे छठ गीतों का मिठास :छठ के लोकगीतों में पूरे छठ पर्व का बखान होता है. ऐसे ही बिहार की उभरती लोक गायिका हैं हनी प्रिया, जो अपनी सुरीली आवाज में छठ गीतों के माध्यम से छठ के माहौल में मिठास घोल रही हैं. हनी बताती हैं कि अन्य पर्व त्योहार में चाहे जो हो, लेकिन छठ की परंपराओं को युवा वर्ग काफी संजीदगी से लेते हैं.

हनी प्रिया की आवाज में छठ गीत. (ETV Bharat)

''कितने भी नए छठ गीत क्यों ना आ जाए, लेकिन जो छठ के लोकगीत हैं वह अद्वितीय है. छठ पर्व के हर विधान पर लोकगीत है. छठ पर्व हमें प्रकृति से जुड़ना सीखाता है और साफ सफाई का महत्व बताता है. जल जीवन होता है, तो नदी किनारे स्वच्छता का प्रतीक है छठ पर्व, जिसमें छठ पर्वों को लेकर नदी किनारे घाटों की सफाई होती है.''-हनी प्रिया, लोक गायिका

'यह एक अलग अहसास है' :गंगा में नाव पर बैठकर गीत गाते हुए हनी बताती हैं कि छठ पर्व का जब समय आता है तो किसी का भी मन अपने घर से दूर नहीं लगता है. सभी चाहते हैं कि कैसे जल्द से जल्द अपने घर चले जाएं और पूरा छठ का पर्व घर पर मनाएं. छठ मनाने के लिए परिवार के साथ ही जो दूसरे जगह पर काम के सिलसिले में रहते हैं, सभी आते हैं और एकजुट होते हैं. यह एक अलग अहसास है, जिसमें भावनाओं का उबाल होता है. कोई कभी अपने घर आए चाहे ना आए छठ के समय जरूर आना चाहता है.

''छठ एक ऐसा पर्व है जिसमें केला के पत्ता से लेकर आम के पत्ता तक का महत्व होता है. इसमें कोई पुरोहित नहीं होता, बल्कि सभी अपनी आस्था से पूरी श्रद्धा के साथ छठी मैया का पर्व करते हैं. जो पहली बार छठ कर रहे होते हैं, उनके मन में काफी डर होता है कि कहीं कोई गलती ना हो जाए. गीत गाकर छठी मैया से पूजा की विधान में अनजाने में हुई गलतियों के लिए माफी मांगते हैं.''- हनी प्रिया, लोक गायिका

युवा पीढ़ी भी छठ को लेकर जागरूक :लोगों को पहले यह चिंता थी कि लोग संस्कृति का जो महापर्व छठ है वह युवा पीढ़ी को कैसे आकर्षित करेगी और कैसे युवा पीढ़ी छठ की परंपराओं को निभा पायेंगे. लेकिन यह छठ पर्व की महिमा ही ऐसी है कि युवाओं में छठ पर्व की परंपराओं को लेकर पुराने दौर की लोगों से अधिक जागरूकता है. सभी छठ पर्व की शुद्धता को समझते हैं और सभी छठ पर्व की लोक परंपराओं को जानने के साथ-साथ जीते भी हैं.

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