पटनाः बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ की गुरुवार 26 दिसंबर को बैठक हुई. बैठक में सरकार से उनकी वेतन विसंगति को दूर करने की मांग की. चेतावनी दी गयी कि अगर 15 जनवरी तक वेतन विसंगति को लेकर बिहार सरकार विचार नहीं करती है तो 16 जनवरी से बिहार के सभी व्यवहार न्यायालय के तृतीय श्रेणी और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे. कामकाज ठप करने की धमकी दी.
क्या है मामलाः व्यवहार न्यायालय के कर्मचारियों का कहना था कि दिसंबर में बिहार सरकार ने 20 दिसंबर को एक पत्र निकाला था, जिसमें कहा गया है कि न्यायालय के कर्मियों में वेतन विसंगति नहीं है. जबकि हाई कोर्ट ने अपने आदेश में लिखा है कि व्यवहार न्यायालय के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी जो योग्य हैं, ठीक से काम कर रहे हैं उनका वेतन स्नातक स्तर के कर्मचारी के अनुरूप किया जाए.
"माननीय उच्च न्यायालस्य की स्थाई समिति की अनुशंसा है. स्नातक योग्यता के अनुरूप, इनकी कार्य को देखते हुए उच्चतर वेतन दिया जाय. 4600 रुपया ग्रेड पर अनुशंसा किया गया. इसमें माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश पारित है. दो-दो बार स्थाई समिति की अनुशंसा है. उसके बाद भी नहीं दी जा रही हैं जो कि गलत है."- राजेश्वर तिवारी, अध्यक्ष, बिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ
हड़ताल की चेतावनीः व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के संयोजक अश्विनी कुमार का कहना था कि सरकार उनकी मांग को मान ले, नहीं तो 16 जनवरी से बिहार के सभी व्यवहार न्यायालय में जितने भी कर्मचारी हैं, सब हड़ताल पर चले जाएंगे. उन्होंने कहा- "हम लोग चाहते हैं कि वेतन विसंगति को जल्द से जल्द सरकार दूर करे. हाई कोर्ट ने इसको लेकर कई बार आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट का मानना है कि व्यवहार न्यायालय में काम कर रहे हैं कर्मचारियों का वेतन बहुत कम है."
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