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अर्थशास्त्री से प्रधानमंत्री तक का सफर, डॉ. मनमोहन सिंह, जिन्होंने भारत की दिशा बदल दी - MANMOHAN SINGH PASSES AWAY

डॉ. मनमोहन सिंह, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, एक महान अर्थशास्त्री थे. उन्हें आर्थिक सुधारों की लिए हमेशा याद किया जाएगा.

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डॉ. मनमोहन सिंह (फाइल फोटो) (AFP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 14 hours ago

नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. वे काफी लंबे समय से बीमार थे. खबर के मुताबिक, आज शाम तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था. उन्होंने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी मैट्रिक की शिक्षा पूरी की थी. पंजाब से वह ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी तक पहुंचे. उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की.

मनमोहन सिंह का राजनीतिक सफर
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री थे. साल1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. वहीं, 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उन्होंने काम किया.

मनमोहन सिंह ने विभिन्न सरकारी पदों पर रहे उनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल है. सिंह 1991 से लेकर 1996 के बीच भारत के वित्तमंत्री भी रहे. मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को आज याद किया जाता है.

मनमोहन सिंह पहली बार 1991 में राज्य सभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम और 2019 में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया. 1998 से 2004 तक, जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी, मनमोहन सिंह राज्य सभा में विपक्ष के नेता थे. 1999 में, उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा हालांकि, उन्होंने चुनाव नहीं जीता.

मनमोहन सिंह ने साल 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली थी. वह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.

डॉक्टर मनमोहन सिंह को दिए गए कई पुरस्कारों और सम्मानों में से सबसे प्रमुख भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण (1987) था. इसके अलावा उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार से समेत कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर अपने शोक संदेश में कहा...

" भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है. साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने. उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे. हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए."

ये भी पढ़ें: नहीं रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने जताया शोक

नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया. वे काफी लंबे समय से बीमार थे. खबर के मुताबिक, आज शाम तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था. उन्होंने 1948 में पंजाब यूनिवर्सिटी से अपनी मैट्रिक की शिक्षा पूरी की थी. पंजाब से वह ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी तक पहुंचे. उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास ऑनर्स की डिग्री हासिल की.

मनमोहन सिंह का राजनीतिक सफर
मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री थे. साल1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में शामिल हुए. वहीं, 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के रूप में उन्होंने काम किया.

मनमोहन सिंह ने विभिन्न सरकारी पदों पर रहे उनमें भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल है. सिंह 1991 से लेकर 1996 के बीच भारत के वित्तमंत्री भी रहे. मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को आज याद किया जाता है.

मनमोहन सिंह पहली बार 1991 में राज्य सभा के लिए चुने गए थे. उन्होंने उच्च सदन में पांच बार असम और 2019 में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया. 1998 से 2004 तक, जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी, मनमोहन सिंह राज्य सभा में विपक्ष के नेता थे. 1999 में, उन्होंने दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा हालांकि, उन्होंने चुनाव नहीं जीता.

मनमोहन सिंह ने साल 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. वहीं 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली थी. वह 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे.

डॉक्टर मनमोहन सिंह को दिए गए कई पुरस्कारों और सम्मानों में से सबसे प्रमुख भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण (1987) था. इसके अलावा उन्हें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू जन्म शताब्दी पुरस्कार से समेत कई अन्य प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट पर अपने शोक संदेश में कहा...

" भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है. साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने. उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर अपनी गहरी छाप छोड़ी. संसद में उनके हस्तक्षेप भी बहुत ही व्यावहारिक थे. हमारे प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए."

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