छतरपुर में खेतों को बर्बाद कर रहे रेत माफिया, रेत भरे वाहन निकालने से भड़के ग्रामीण, विरोध पर उतरे - PROTEST AGAINST SAND CONTRACTOR - PROTEST AGAINST SAND CONTRACTOR
छतरपुर जिले के नौगांव अनुविभाग क्षेत्र की धसान नदी से लगातार रेत का उत्खनन किया जा रहा है. वहीं अपने खेतों से भारी वाहनों के निकलने से करारागंज के किसान परेशान हैं. उन्होने आरोप लगाया कि कुछ खदानों को पर्यावरण विभाग से मंजूरी भी नहीं मिली है और वाहनों के निकलने का विरोध करने पर ठेकेदार के लोग मारपीट की धमकी देते हैं.
छतरपुर। जिले के नौगांव अनुविभाग क्षेत्र से बहने वाली धसान नदी से रेत निकाली जा रही है. वहीं करारागंज के किसानों के खेतों से रेत से भरे वाहन निकल रहे हैं जिससे किसान परेशान हैं. किसानों ने आरोप लगाया कि अलीपुरा, टीला व करारागंज की पांच रेत खदान में से कुछ को छोड़कर पर्यावरण विभाग से मंजूरी भी नहीं मिली है लेकिन ठेकेदार के द्वारा बालू निकालने का काम किया जा रहा है और हमारे खेतों से जबरदस्ती वाहन निकाले जा रहे हैं.
धसान नदी से निकाली जा रही है रेत (Etv Bharat)
लगातार किया जा रहा है रेत का उत्खनन
नौगांव अनुविभाग क्षेत्र से बहने वाली धसान नदी के अलीपुरा, टीला, धर्मपुरा व करारागंज रेत खदान में पनडुब्बी लिफ्टर मशीन व एलएनटी मशीन लगातार रेत का उत्खनन जारी है. वहीं लोगों ने आरोप लगाया कि कुछ खदानों को छोड़कर कई खदानों को पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं मिली है. इस बारे में जब खनिज विभाग के निरीक्षक अशोक द्विवेदी से घाटों की पर्यावरण मंजूरी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने उत्खनन न होना बताया, साथ उन्होंने कहा कि ऑफिस में देखकर बता पाएंगे कि पर्यावरण की मंजूरी है या नहीं. वहीं जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने भी देखकर बताने की बात कही.
ग्रामीणों ने किया खेतों से वाहनों के निकलने का विरोध
वहीं करारागंज गांव के किसानों ने खेतों से भारी वाहनों के परिवहन का विरोध किया है. किसान ब्रजेंद्र कुशवाहा, महेंद्र कुशवाहा, बाबा जी साहू सहित एक दर्जन किसानों ने कहा, '' हम सभी को फसल की तैयारी के लिए खेतों की जुताई करनी है, जिससे हम आगे फसल की बुवाई कर सकें. लेकिन रेत घाट से भर कर आ रहे ट्रैक्टर और डंपर हमारे खेतों से निकलकर जमीन खराब कर रहे हैं, यदि वाहन चालकों को मना करो तो रेत ठेकेदार के गुंडे आकर विवाद करते हुए मारपीट करने की धमकी देते हैं. जिससे हम मजबूर हैं. विरोध करने के बावजूद भी हमारे खेत बर्बाद हो रहे हैं.''
वहीं जब इस बारे में नौगांव एसडीएम विशा माधवानी से बात की तो उन्होंने बताया, ''किसानों के खेतों से जबरदस्ती वाहन निकालने की शिकायत नहीं मिली है, लेकिन फिर भी किसानों की समस्या है तो तहसीलदार और पटवारी को भेजकर दिखवाते हैं. यदि ऐसा है तो कार्रवाई होगी.'' पर्यावरण मंजूरी के बारे में जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि ''पर्यावरण मंजूरी के बारे में देखकर बताते हैं, यदि मंजूरी बिना मिले ही घाट से उत्खनन हो रहा है, तो यह गलत है, मैं खुद वहां जाकर जांच करूंगा, इसे बंद कराया जाएगा. जो भी दोषी होगा कार्रवाई की जाएगी.''