छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है. छतरपुर जिला अस्पताल में एक पिता अस्पताल में पदस्थ स्टाफ से हाथ जोड़कर कहता रहा की 'मेरी बेटी मर गई है' मुझे परेशान मत करो, लेकिन स्टाफ के कानों में जू भी नहीं रेंगा. स्टाफ पीड़ित पिता से बार-बार मेडिकल से पट्टी और दवाइयां लाने के लिए दबाब डालते रहे.
मृत पड़ी थी बेटी खून से लथपथ थी मां डॉक्टर बोले जाओ पट्टी लेकर आओ
दरअसल, बीते रोज जटाशंकर धाम जाते हुए बिजावर में श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रैक्टर-ट्राली पलट गई थी. ट्रॉली में लगभग 40 लोग सवार थे. घटना में ज्यादतर बच्चे घायल हुए और दो बच्चों सहित एक युवती की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते ही लक्ष्मण राजपूत जिला अस्पताल पहुंच गया. ट्रैक्टर पलटने की घटना में लक्ष्मण की 5 साल बेटी दिव्यांशी की मौत हो गई और उसकी मां भी गंभीर रूप से घायल हो गई. लक्ष्मण का कहना है की जब वह जिला अस्पताल में पहुंचा तो उसकी बेटी जिंदा थी, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
पीड़ित पिता बोला-भगवान ऐसा दिन किसी को न दिखाए
लक्ष्मण का आरोप है की 'एक तरफ उसकी बेटी मृत पड़ी थी. दूसरी ओर मां खून से लथपथ थी. जब मां के इलाज के लिए वार्ड में मौजूद स्टाफ से कहा तो उन्होंने मेडिकल से पट्टी और दवाइयां लाने के लिए कह दिया. लक्ष्मण की माने तो वह परेशान था. उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था. उसने हाथ जोड़कर कहा की मेरी बेटी मर गई है. आप लोग कैसे भी करके मेरी मां को बचा लीजिए. पीड़ित ने कहा कि वह अपनी बेटी के शव को पोस्टमार्टम और मां को ऑपरेशन थियेटर में छोड़कर आया हूं, भगवान इतना दुख किसी को न दे.'