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यूपी में प्राइवेट बस और टैक्सी का सफर होगा महंगा, जानिए कैसे लग सकता जेब को झटका ? - bus booking - BUS BOOKING

यूपी में प्राइवेट बस और टैक्सी में सफर करने वालों के लिए यह खबर झटका देने वाली हो सकती है. आखिर क्या है पूरी खबर चलिए आगे जानते हैं.

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यूपी में बस और टैक्सी का सफर अब पड़ेगा जेब पर भारी. (photo credit: etv bharat gfx)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 7:53 AM IST

Updated : Aug 1, 2024, 1:15 PM IST

लखनऊ: यूपी में प्राइवेट बस और टैक्सी में सफर करना आगे महंगा पड़ सकता है. सरकार कॉमर्शियल वाहनों पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी कर रही है. ऐसे में इन वाहनों का किराया भी बढ़ जाएगा. इसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.

दरअसल, परिवहन विभाग व्यावसायिक वाहनों का टैक्स 12 से 14 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. दो अगस्त को परिवहन आयुक्त कार्यालय में टैक्स को लेकर बैठक भी बुलाई गई है. इस बैठक में बस, ट्रक और मध्यम-हल्के माल व यात्री वाहनों से संबंधित संगठन के लोगों को भी आमंत्रित किया गया है. बैठक से पहले ही ट्रैवेल्स संचालकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. कहा है कि इससे व्यापार प्रभावित होगा, यात्रियों की जेब पर भी बेवजह ही भार पड़ेगा.

यूपी में कॉर्मिशयल वाहनों पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी. (photo credit: etv bharat)
परिवहन विभाग ने व्यावसायिक वाहनों का टैक्स बढ़ाने का फैसला कोरोना काल के बाद ही ले लिया था. हालांकि किसी वजह से इस पर रोक लग गई. एक बार फिर से इसकी कवायद शुरू कर दी गई है. टैक्स बढ़ोतरी की सूचना के बाद ही ट्रैवेल्स संचालकों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है.

वर्तमान में लागू है ये त्रैमासिक टैक्स

4000 रुपये
पांच सीटर वाहन
6000 रुपये सात सीटर वाहन
8000 रुपये
आठ सीटर वाहन
9500 रुपये
18 सीटर टेम्पो ट्रैवलर
14500 रुपये
26 सीटर ट्रैवलर
195 रुपये
प्रति सीट नई एसी बस
125 रुपये
प्रति सीट नॉन एसी बस.



ट्रैवेल्स एंड ट्रांसपोर्ट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष पीयूष गुप्ता ने कहा है कि टैक्स बढ़ जाने से वाहन खरीदने में भी परेशानी होगी. लोग जीविकोपार्जन के लिए कर्ज लेकर किसी तरह डाउन पेमेंट भर का पैसा जुटा पाते हैं, टैक्स बढ़ेगा तो डाउन पेमेंट भी बढ़ जाएगा. इससे दिक्कत होगी. व्यावसायिक वाहनों की उम्र पांच साल ही हो पाती है. ग्राहक हमेशा नई गाड़ियों की डिमांड करते हैं. सरकार सड़कों की मरम्मत और अन्य सुविधाएं नहीं बढ़ा रही है, लेकिन टैक्स बढ़ाने की योजना बना दी गई है. संगठन के उपाध्यक्ष रवि आनंद का कहना है कि टैक्सी मालिकों को वर्तमान त्रैमासिक टैक्स व्यवस्था की सुविधा भी दी जाए. टैक्सी मलिक वन टाइम टैक्स जमा करना चाहें, वह जमा कर सकते हैं, लेकिन त्रैमासिक व्यवस्था का विकल्प चुनने की भी उन्हें छूट मिलनी चाहिए.

इस मामले में अपर परिवहन आयुक्त (राजस्व) विजय कुमार का कहना है कि कल बुलाई गई बैठक में टैक्स रिवीजन पर विचार किया जाएगा. पहले भी हमारी मीटिंग हुई है लेकिन स्टेकहोल्डर्स के साथ अब तक बैठक नहीं हुई थी, इसलिए टैक्स पर विचार विमर्श करने के लिए कल उन्हें भी बैठक में बुलाया गया है. जिन वाहन स्वामियों को लगता होगा कि उनका टैक्स ज्यादा है तो रिवाइज करने पर विचार किया जाएगा. वह अपना आवेदन दे सकते हैं. जहां तक उन्हें यह भ्रम है कि 12 से 14% टैक्स बढ़ाया जा रहा है तो इसे कल बैठक में दूर किया जाएगा. उदाहरण के तौर पर कोई वाहन स्वामी एक प्राइवेट कार खरीदना है तो एकमुश्त टैक्स जमा कर देता है वहीं कोई वाहन स्वामी व्यावसायिक वाहन के रूप में दर्ज कराता है तो या वार्षिक उसे टैक्स के रूप में तिमाही, छमाही या वार्षिक शुल्क जमा करना होता है. उन्हें लगता है कि उनसे ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है. इसे लेकर वाहन स्वामियों को जानकारी दी जाएगी. टैक्स बढ़ाने जैसी फिलहाल अभी कोई बात नहीं है इसे बाद में डिसाइड किया जाएगा.




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Last Updated : Aug 1, 2024, 1:15 PM IST

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