लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष चुनने के लिए राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को भेजा गया है. सूत्रों की मानें तो उन्होंने उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर चेहरा चुन लिया है. बस यहां रणनीतिक प्रबंधन के जरिए उस चेहरे के प्रति समर्थन जुटाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का अगला अध्यक्ष किसी दलित या पिछड़े वर्ग के चेहरे को चुना जा सकता है.
इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ऐसे मामलों में विशेषज्ञों को चौंकाने के लिए भी जानी जाती है. इस वजह से कुछ लोग ब्राह्मण अध्यक्ष चुने जाने की भी बात कर रहे हैं. हालांकि इसकी संभावना बहुत कम बताई जा रही है. महामंत्री विनोद तावड़े ने बुधवार देर रात तक बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात की जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल रहे.
यूपी के प्रदेश अध्यक्ष चयन की कवायद तेजः उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के चयन को लेकर गतिविधियां तेज हो गई है. महाराष्ट्र के बड़े नेता और राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावडे सक्रिय हैं. वे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर चुके हैं.भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े बुधवार को लखनऊ में रहे. प्रदेश अध्यक्ष बदलने से पहले प्रदेश के नेताओं से रायशुमारी कर रहें हैं, मंथन जारी है.
वह रिपोर्ट लेकर दिल्ली जाएंगे. विनोद तावड़े ने लगभग एक घंटे तक CM योगी आदित्यनाथ से भेंट कर वार्ता की. वहीं, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से भी तावड़े ने भेंट की. प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी मेजबान की भूमिका में हैं. उनसे भी काफी बातचीत तावड़े ने की है.
प्रदेश अध्यक्ष रेस में कौन-कौन से नेताः पिछड़े वर्ग से अगर उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष का चयन किया जाता है तो सबसे प्रमुख नाम जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह का बताया जा रहा है. वह उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान अध्यक्ष रहे. उनके नाम पर बेहतर अनुभव दर्ज हैं. ऐसे में वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चुने जा सकते हैं. यही नहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का भी नाम कुछ स्तर पर लिया जा रहा है.
राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े ने केशव प्रसाद मौर्य से मुलाकात करके इन चर्चाओं को और अधिक हवा दे दी है. पिछड़े वर्ग में अन्य नेताओं के तौर पर अमरपाल मौर्य का नाम लिया जा रहा है जो कि राज्यसभा सदस्य हैं. वह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री भी हैं.
राज्यसभा सांसद बाबूराम निषाद भी फेहरिस्त में हैं. दलित वर्ग से बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष होने की दशा में है वरिष्ठ नेता विद्यासागर सोनकर और कुछ अन्य नाम का चर्चा की जा रही है. पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जिस जाति का चुनेगा उस जाति का प्रदेश अध्यक्ष नहीं होगा.
चर्चाएं ब्राह्मण नेताओं की भीः इन सारे नेताओं के अलावा ब्राह्मण नेताओं की भी चर्चा की जा रही है. जिसकी संभावना बहुत कम है फिर भी समर्थक अपने-अपने नेताओं का नाम ले रहे हैं. जिसमें सबसे प्रमुख नाम राज्यसभा सांसद पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का बताया जा रहा है. अब यह देखना होगा कि यूपी किस जाति के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपती है.
2022 में भूपेंद्र चौधरी बने थे प्रदेश अध्यक्षः उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी साल 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद स्वतंत्र देव सिंह की जगह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. साल 2025 में बीजेपी का संगठनात्मक चुनाव पहले से ही तय था. उनका कार्यकाल इसी समय तक था.
भारतीय जनता पार्टी अगर एक बार फिर से उनको अध्यक्ष पद पर चुन लेती है तो कार्यकाल आगे बढ़ जाएगा. वैसे बीजेपी उनको दोबारा अध्यक्ष बनाएगी इसकी संभावना कम है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाटों को साधने के लिए बीजेपी ने उनको 2022 में अध्यक्ष बनाया था. वह जाट कम्युनिटी से आते हैं मगर राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन हो जाने के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना बहुत कम है.