वाराणसी: राष्ट्रीय युवा महोत्सव "विकसित भारत यंग लीडर डायलॉग" 10 से 12 जनवरी 2025 तक भारत मंडपम नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है. जहां काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के महिला महाविद्यालय की बीए तृतीय वर्ष की छात्रा शुभांगी क्षितिजा सौरव का चयन हुआ है, जो विकास भी विरासत भी" विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष अपनी प्रस्तुति देंगी.
शुभांगी लगातार दूसरे वर्ष युवा एवं खेल मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम के लिए चयनित हुई हैं. इस बार उन्हें प्रधानमंत्री के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने का सुनहरा मौका मिला है. यह मौका देशभर के प्रतिभावान युवाओं को राष्ट्रीय मंच पर अपनी क्षमता दिखाने का मौका प्रदान करता है."विकास भी विरासत भी" विषय पर शुभांगी की प्रस्तुति भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास के संगम पर आधारित है. उन्होंने भारत के प्राचीन मूल्यों और वर्तमान विकास के साथ इनके सामंजस्य पर अपनी दृष्टि प्रस्तुत की है.
इस बारे में महिला महाविद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. रीता सिंह ने कहा कि यह हमारे विश्वविद्यालय और महिला महाविद्यालय के लिए गर्व का क्षण है. शुभांगी की यह उपलब्धि अन्य विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बनेगी. शुभांगी ने नवंबर में आयोजित क्षेत्रीय अंतर विश्वविद्यालय युवा महोत्सव में स्वर्ण पदक जीत कर मार्च में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय अंतर विश्वविद्यालय युवा महोत्सव के लिए भी चयनित हुई है. जिसमें वे बीएचयु का प्रतिनिधित्व करेंगी.
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्देश्य देश के युवाओं को सशक्त बनाना और उनके विचारों को राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित करना है. यह महोत्सव न केवल युवाओं को उनकी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर देता है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में "नए भारत" के निर्माण में युवा पीढ़ी की भागीदारी को भी प्रोत्साहित करता है.
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में काशी हिंदू विश्वविद्यालय 9 जनवरी को 'विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों में स्वयम पाठ्यक्रमों के एकीकरण और कार्यान्वयन' पर पहली क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन करने जा रहा है. कार्यशाला विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित की जा रही है.
उन्होंने बताया कि यह आउटरीच कार्यशाला, शिक्षा मंत्रालय (एमओई) और यूजीसी द्वारा शुरू की गई है, जो आगामी जनवरी से मार्च 2025 तक निर्धारित कार्यशालाओं की श्रृंखला में से पहली है. कार्यशाला का उद्देश्य उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के विश्वविद्यालयों में स्वयम पाठ्यक्रमों के सफल कार्यान्वयन पर चर्चा करना है, जिससे क्रेडिट संचयन के लिए छात्रों की भागीदारी बढ़े और अंतर्विषयक अकादमिकता को प्रोत्साहन मिले.
यह भी पढ़ें: बनारस संगीत घराना; उस्ताद बिस्मिल्लाह खान से लेकर छन्नूलाल मिश्रा तक ने दिलाई शोहरत, अब विरासत-परंपरा को बचाने की जंग