वाशिंगटन: दो भारतीय महिलाओं को कम वेतन पर घरेलू नौकरानी के रूप में अवैध रूप से भर्ती करने और उन्हें शरण देने के आरोप में एक भारतीय अमेरिकी डॉक्टर का मेडिकल लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया गया है.
डॉ. हर्षा साहनी ने पिछले फरवरी में विदेशियों को छिपाने और शरण देने की साजिश तथा गलत टैक्स रिटर्न दाखिल करने के संघीय आरोपों में दोष स्वीकार किया था. वह कोलोनिया, न्यू जर्सी में रुमेटोलॉजी के डॉक्टर थी. अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जे प्लैटकिन और उपभोक्ता मामलों के प्रभाग ने बुधवार को घोषणा की कि वह अक्टूबर 2024 में एक संघीय अदालत के न्यायाधीश द्वारा सुनाई गई 27 महीने की जेल की सजा काटना शुरू करेगी.
साहनी को सितंबर 2023 से चिकित्सा पद्धति से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि सरकार ने उनकी आपराधिक के मद्देनजर लाइसेंस रद्द करने के लिए प्रशासनिक कार्रवाई की थी. अटॉर्नी जनरल प्लैटकिन ने कहा, 'आज एक परेशान करने वाले मामले का समापन हो गया. इसमें देखभाल और सेवा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की शपथ लेने वाले एक डॉक्टर ने अपने आर्थिक लाभ के लिए कमजोर पीड़ितों का शोषण और दुर्व्यवहार किया.'
उन्होंने कहा,'इस तरह के आपराधिक आचरण और मानवता के प्रति घोर उपेक्षा के लिए चिकित्सा पेशे में कोई जगह नहीं है.' उपभोक्ता मामलों के प्रभाग की निदेशक कैरी फैस ने कहा, 'डॉ. साहनी ने अपने और अपने परिवार के लिए सस्ते श्रम के रूप में अवैध रूप से जिन महिलाओं को शरण दी, उनके साथ जो व्यवहार किया, वह चिकित्सा पेशे के सबसे बुनियादी नियमों का उल्लंघन है और पीड़ितों को अकल्पनीय पीड़ा पहुंचाई.'
फैस ने कहा, 'केवल उनके मेडिकल लाइसेंस को स्थायी रूप से रद्द करने से ही न्यू जर्सी और उसके निवासियों को एक चिकित्सक के रूप में उनके द्वारा उत्पन्न खतरों से बचाया जा सकता है.'
साहनी ने पिछले फरवरी में आरोपों को स्वीकार किया था. अपने दोष स्वीकार करते हुए उसने कहा कि वह उन महिलाओं को जानती थी. जिनकी पहचान दर्ज दस्तावेजों में पीड़ित 1 और पीड़ित 2 के रूप में की गई है. वे अवैध रूप से देश में थी और उसने वित्तीय लाभ के लिए उन्हें शरण दी और उन दोनों को यह विश्वास दिलाया कि अगर वे कानून प्रवर्तन अधिकारियों से संपर्क करेंगी तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और निर्वासित कर दिया जाएगा.
साहनी ने स्वीकार किया कि उसने पीड़ितों को भोजन, कपड़े और आवास उपलब्ध कराए तथा उन्हें घरेलू नौकरानी के रूप में काम करने के लिए रखा. लेकिन उसने नौकरों को काफी कम वेतन दिया. उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि उन्होंने महिलाओं को आव्रजन अधिकारियों को यह बताने के लिए कहा था कि वे उनके परिवार की सदस्य हैं और घुमने के लिए अमेरिका में हैं, जबकि उन्हें पता था कि यह सच नहीं है.
इस तथ्य के बावजूद कि महिलाएं घरेलू नौकर थी. साहनी ने अदालत में स्वीकार किया कि उन्होंने उनके श्रम से संबंधित टैक्स का भुगतान भी नहीं किया और पीड़ितों द्वारा किए गए श्रम का खुलासा अपने व्यक्तिगत आयकर रिटर्न में नहीं किया.