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CBI रेड के बाद बुलन्दशहर डाकघर अधीक्षक ने की खुदकुशी; SSP को भेजा सुसाइड नोट, 7 को बताया जिम्मेदार - Government Officer Suicide - GOVERNMENT OFFICER SUICIDE

मंगलवार देर रात सीबीआई द्वारा बुलंदशहर प्रधान डाकघर में छापा मारा गया था. बुलंदशहर प्रधान डाकघर में करोड़ों रुपए के गबन की जांच करने के लिए सीबीआई टीम पहुंची थी. सीबीआई टीम के छापे के बाद डाक अधीक्षक त्रिभुवन प्रताप सिंह तनाव में थे.

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बुलंदशहर प्रधान डाकघर के डाक अधीक्षक त्रिभुवन प्रताप सिंह. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 1:43 PM IST

अलीगढ़: बुलंदशहर प्रधान डाकघर में तैनात डाक अधीक्षक ने अलीगढ़ में अपने घर पर आत्महत्या कर ली. खुदकुशी करने से पहले उन्होंने एसएसपी अलीगढ़ के नाम सुसाइड नोट भी लिखा है. जिसमें उन्होंने 7 लोगों को जिम्मेदार बताया है.

बता दें कि मंगलवार की शाम सीबीआई द्वारा बुलंदशहर प्रधान डाकघर में छापा मारा गया था. बुलंदशहर प्रधान डाकघर में करोड़ों रुपए के गबन की जांच करने के लिए सीबीआई टीम पहुंची थी. सीबीआई टीम के छापे के बाद डाक अधीक्षक त्रिभुवन प्रताप सिंह तनाव में थे.

बताया जा रहा है कि इसके चलते त्रिभुवन प्रताप सिंह ने घर में आत्महत्या कर ली. घटना से परिवार में कोहराम मच गया. यह घटना थाना बन्ना देवी इलाके के सुरक्षा बिहार की है. त्रिभुवन प्रताप सिंह ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा.

एसएसपी अलीगढ़ को लिखे नोट में उन्होंने लिखा था कि 16 दिसंबर 2021 को डाकघर अधीक्षक बुलंदशहर का कार्यभार ग्रहण किया था. इसके बाद से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा था. सुरेश कुमार निवासी सैदपुर बुलंदशहर, मनोज तत्कालीन उप डाकपाल (वर्तमान में डाकपाल नारहट, ललितपुर) योगेंद्र सिंह पूर्व मेल ओवरसिपर, बनवारी लाल पूर्व मेल ओवरसिपर और उनके तीन बेटे अरुण, वरुण, टेक चंद्र लगातार प्रताड़ित कर रहे थे.

सुसाइड नोट में लिखा है कि यह लोग मुझ पर अनियमित कार्य का दबाव बना रहे थे और धमकी दे रहे थे. सुरेश कुमार और उनकी पत्नी कार्यालय आ कर उन पर हमला भी कर चुकी हैं. इससे तंग आकर के आत्महत्या कर रहा हूं. मेरी मौत के यही लोग जिम्मेदार हैं.

घटना को लेकर अलीगढ़ एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि आत्महत्या की सूचना पर पुलिस द्वारा मौका मुआयना किया गया है. फोरेंसिक टीम द्वारा साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं. शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज कर विधिक कार्रवाई की जा रही है.

टीपी सिंह मूल रूप से अलीगढ़ जिले के गांव अकरावत के रहने वाले थे. बन्नादेवी के सुरक्षा विहार में रहते थे. इसी आवास पर इन्होंने सुसाइड किया. मरने से पहले सुसाइड नोट उन्होंने डाकघर बुलंदशहर के वाट्सएप ग्रुप पर भी डाला. इसके बाद कई लोगों ने ग्रुप में ही कॉल और मैसेज कर पूछा, लेकिन उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नहीं आया. घटना के समय टीपी सिंह घर पर अकेले थे. परिवार के अन्य लोग त्योहार पर बाहर गए थे.

छोटे भाई प्रेम पाल सिंह ने बताया कि बड़े भाई टीपी सिंह ने विभाग के ग्रुप में सुसाइड नोट डाला, फिर ये लेटर मेरे पास पहुंचा. हम लोग घर आए तो अंदर से दरवाजा बंद था. किसी तरह अंदर घुसे तो शव पड़ा था. पास में उनकी रिवॉल्वर पड़ी थी. घर में कोई नहीं था. भाभी टीचर हैं तो वह भी स्कूल गई थीं.

कर्मचारियों पर रिश्वत लेकर बिल पास करने का था आरोप:CBI गाजियाबाद की एंटी करप्शन यूनिट ने मंगलवार को बुलंदशहर प्रधान डाकघर पर छापा मारा था. करीब 10 घंटे तक डॉक्युमेंट की जांच की. डाक विभाग के कर्मचारियों पर रिश्वत लेकर बिल पास करने के आरोप थे. इसी सिलसिले में एक शिकायत CBI के पास पहुंची थी. इसके बाद ये कार्रवाई हुई.

डाकघर में पूरी रात चली CBI की जांच: CBI टीम ने पूरी रात डाकघर में दस्तावेज खंगाले और अधीक्षक समेत कर्मचारियों से लंबी पूछताछ की. बुधवार तड़के 4 बजे CBI टीम लौटी थी. वो अपने साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स लेकर भी गई थी. इसी बीच बुधवार सुबह 10 बजे के आसपास डाकघर अधीक्षक के सुसाइड करने की सूचना आ गई. जिन लोगों पर टीपी सिंह ने आरोप लगाए हैं, वे सभी फरार हैं.

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