पटनाःबीते 10 वर्षों में मीट, मछली और अंडे के उत्पादन में बिहार ने काफी तरक्की की है. ज्ञान भवन में चल रहे तीन दिवसीय बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का समापन के मौके पर बिहार की कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा पहले जहां बिहार में आंध्र की मछलियों की निर्भरता रहती थी वह अब खत्म हो गई है. मछली पालन के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है. अब बिहार बंगाल और अन्य राज्यों को मछली निर्यात कर रहा है.
बिहार में 38 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादनः मंगल पांडे ने कहा कि बिहार से सालाना 38 हजार मीट्रिक टन मछली निर्यात की जा रही है. कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री रेणु देवी भी मौजूद रही. इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने संयुक्त रूप से आइसकंटेनर युक्त 25 साइकिल का वितरण किया. मछलियों की बिक्री में इनका इस्तेमाल होगा. स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि मुर्गीपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल से तरक्की हो रही है.
"प्रदेश में कुल सकल राज्य मूल्यवर्धन में पशुपालन और मत्स्य पालन का योगदान 20 प्रतिशत है. मछलीपालन के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है. अब गांवों में भी ताजी मछलियां मिलती हैं. मछली खाने से लोग इंटेलिजेंट होते हैं. बिहार में पिछले एक दशक में दूध उत्पादन में 116 प्रतिशत, अंडा उत्पादन में 260 प्रतिशत, मांस उत्पादन में 120 प्रतिशत और मछली उत्पादन में 193 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है."-मंगल पांडे, कृषि मंत्री, बिहार