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मछली उत्पादन में आंध्र पर बिहार की निर्भरता खत्म, प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए यह काम करेगा विभाग - Bihar Poultry And Aqua Expo - BIHAR POULTRY AND AQUA EXPO

बिहार मछली उत्पादन में और आगे बढ़ेगा. अब गंगा की 11 सहायक नदियों में मछली का जीरा दिया जाएगा. इसकी जानकारी तीन दिवसीय बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो में दी गयी. इस दौरान आइसकंटेनर युक्त 25 साइकिल वितरित की गयी. पढ़ें पूरी खबर.

बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो
बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 15, 2024, 11:27 AM IST

पटनाःबीते 10 वर्षों में मीट, मछली और अंडे के उत्पादन में बिहार ने काफी तरक्की की है. ज्ञान भवन में चल रहे तीन दिवसीय बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का समापन के मौके पर बिहार की कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा पहले जहां बिहार में आंध्र की मछलियों की निर्भरता रहती थी वह अब खत्म हो गई है. मछली पालन के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है. अब बिहार बंगाल और अन्य राज्यों को मछली निर्यात कर रहा है.

बिहार पाॅल्ट्री एंड एक्वा एक्सपो का उद्घाटन करते मंत्री (ETV Bharat)

बिहार में 38 हजार मीट्रिक टन मछली उत्पादनः मंगल पांडे ने कहा कि बिहार से सालाना 38 हजार मीट्रिक टन मछली निर्यात की जा रही है. कार्यक्रम में पशुपालन मंत्री रेणु देवी भी मौजूद रही. इस अवसर पर दोनों मंत्रियों ने संयुक्त रूप से आइसकंटेनर युक्त 25 साइकिल का वितरण किया. मछलियों की बिक्री में इनका इस्तेमाल होगा. स्वास्थ्य एवं कृषि मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि मुर्गीपालन और मत्स्य पालन के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल से तरक्की हो रही है.

"प्रदेश में कुल सकल राज्य मूल्यवर्धन में पशुपालन और मत्स्य पालन का योगदान 20 प्रतिशत है. मछलीपालन के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर हो गया है. अब गांवों में भी ताजी मछलियां मिलती हैं. मछली खाने से लोग इंटेलिजेंट होते हैं. बिहार में पिछले एक दशक में दूध उत्पादन में 116 प्रतिशत, अंडा उत्पादन में 260 प्रतिशत, मांस उत्पादन में 120 प्रतिशत और मछली उत्पादन में 193 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है."-मंगल पांडे, कृषि मंत्री, बिहार

साइकिल वितरित करते मंत्री (d)

कृषि रोड मैप से सुधारः कृषि रोड मैप के कारण कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में तरक्की बढ़ी है. पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने कहा कि तकनीक के इस्तेमाल से ढाई फीट गहरे पानी में भी मछली पालन हो रहा है. मत्स्य उत्पादन में बिहार आत्मनिर्भर के साथ-साथ निर्यातक हो गया है. राज्य में 8.79 लाख मीट्रिक टन मछली उत्पादन हो रहा है. राज्य में मौजूद 9 लाख हेक्टेयर चौर क्षेत्र में 10-20 हजार हेक्टेयर चौर क्षेत्र को विकसित करने से मछली उत्पादन में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है. .

मंत्री रेणु देवी(बाएं से) और कृषि मंगल पांडे (दाएं से) (ETV Bharat)

"नदी पुनर्स्थापन कार्यक्रम के तहत गंगा की 11 सहायक नदियों में एक करोड़ मछलियां छोड़ी जाएंगी. मुर्गीपालन और मत्स्य पालन से बिहार के किसानों और उद्यमियों को 80-90 हजार करोड़ की आय हो रही है. आने वाले दिनों में यह क्षेत्र और विकास करने वाला है."-रेणु देवी, मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन

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