पटना: बिहार के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में हुए पेपर लीक मामले को लेकर आर्थिक अपराध इकाई की अब तक की कार्रवाई हुई है. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन, ईओयू के एडीजी सुनील कुमार और ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों मौजूद रहे. इस दौरान कुंदन कृष्णन ने कहा कि संजीव मुखिया हमारे टारगेट में है और उनकी सभी संपत्ति जब्त की जाएगी.
10 मामलों में 250 से ऊपर आरोप पत्र : ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि 70वीं बीपीएससी में अभी तक पेपर लीक के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. पटना के बापू परीक्षा परिसर में जो हुआ है वह जिला प्रशासन का मामला है. उन्होंने बताया कि 2012 से ईओयू के पास पेपर लिखकर 10 मामले सामने आए हैं. इनमें 545 अभियुक्त रहे हैं जिनमें 250 पर आरोप पत्र दायर हो चुका है. बीपीएससी टीआरई 3 के पेपर लीक में 280 अभियुक्त बनाए गए हैं, जिनके ऊपर दो सप्ताह के भीतर आरोप पत्र दायर किया जाएगा. ऐसे में पेपर लीक मामले में 400 से अधिक लोगों पर आरोप पत्र दायर करने की संख्या हो जाएगी.
स्टेट जीएसटी से मांगी गई है ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की सूची : मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि सिपाही भर्ती पेपर लीक में एक नया पैटर्न सामने आया. इसमें पता चला कि सेल कंपनी बनाकर ऑनलाइन सेंटर पेपर लीक कर रहे हैं. यानी परीक्षा केंद्र का किसी और के नाम से लाइसेंस है और उसका संचालन कोई और कर रहा है. उन लोगों ने स्टेट जीएसटी और केंद्रीय जीएसटी से ऐसे परीक्षा केद्रों की सूची मांगी है.
''ऑनलाइन परीक्षा केंद्र के लाइसेंस के लिए जीएसटी बनवाना पड़ता है और जल्द ही उनके पास प्रदेश में संचालित होने वाली ऑनलाइन परीक्षा केंद्रों की सूची उपलब्ध हो जाएगी. इसके बाद निगरानी रखनी आसान हो जाएगी. अगर कोई ऑनलाइन परीक्षा केंद्र पेपर लीक में संलिप्त पाए जाते हैं तो जिनके नाम से लाइसेंस है और जो संचालन कर रहे हैं दोनों के ऊपर पीएमएलए एक्ट के माध्यम से कार्रवाई होगी.''- मानवजीत सिंह ढिल्लों, डीआईजी, ईओयू