पटना : इन दिनों चीन में HMPV (ह्यूमन मेटापेनेमोनिवायरस) वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है. भारत में भी इसके कुछ मामले सामने आए हैं. इस स्थिति को देखते हुए, भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. केंद्र की इस एडवाइजरी के बाद, बिहार में राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को कोरोना जैसी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, बीमार, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष एहतियात बरतने की अपील की गई है.
HMPV वायरस और इसके लक्षण :HMPV वायरस स्वसन तंत्र से संबंधित एक वायरस है, जिसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड में पहचाना गया था. वर्तमान में, यह वायरस चीन में तेजी से फैल रहा है. चीन के कुछ प्रदेशों में इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है, हालांकि इसे सीजनल इन्फ्लूएंजा माना जा रहा है. इस वायरस के लक्षण कोरोना वायरस से मिलते-जुलते होते हैं, जैसे खांसी, सर्दी, बुखार, गले में खराश, और सांस लेने में कठिनाई है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने, या संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से फैल सकता है.
कोरोना जैसी तैयारी और सुरक्षात्मक उपाय :स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने कहा है कि ''HMPV वायरस से बचाव के उपाय वही हैं, जो कोरोना के दौरान अपनाए गए थे. इसे आरटी-पीसीआर जांच से पहचाना जा सकता है. सभी स्वास्थ्य संस्थानों को Influenza Like Illness (ILI) और Severe Acute Respiratory Illness (SARI) का निगरानी रखने और प्रतिदिन रिपोर्ट करने की निर्देशित किया गया है. इसके साथ ही, कोविड-19 से संबंधित ड्रग्स, किट्स, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, और मास्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.''
संदिग्ध सैंपल की जांच और उपचार :स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को HMPV के संदिग्ध मामलों के सैंपल NIV पुणे भेजने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इसका लैब कंफर्मेशन हो सके. अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर को सक्रिय करने और कर्मचारियों को HMPV से बचाव के बारे में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है.