भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस में इस सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. नया प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद सीनियर लीडर उनके साथ सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे हैं. अब एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. भाजपा में कमलनाथ के आने की चर्चा हो रही है. इसको लेकर पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश ने कार्यकर्ताओं को इशारा भी किया है.
कमलनाथ के भी कमल होने की तैयारी
बता दें कि बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में शिव प्रकाशपार्टी के सांसद-विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों समेत प्रदेश के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने ओडिशा का हवाला देते हुए कहा कि "वहां की एक विधानसभा से कार्यकर्ताओं से मुलाकात हुई. उसने शिव प्रकाश से कहा कि बीते 25 सालों से उनको भाजपा को वोट देने का मौका ही नहीं मिला, क्योंकि हर बार यह सीट सहयोगी पार्टियों को समझौते के तहत चली जाती है. इसका उदाहरण देते हुए शिव प्रकाश ने कहा कि मध्य प्रदेश में ऐसा नहीं है. यहां तो कमल ही कमल है. अब तो कमलनाथ भी कमल होने की तैयारी में हैं."
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते शिव प्रकाश (ETV Bharat) महिलाओं की भागीदारी पर दिया जोर
शिव प्रकाशने कार्यकर्ताओं से कहा कि 'एक सेल्फ र्स्टाट होता है और एक धक्का र्स्टाट. हमें सेल्फ स्टार्ट अध्यक्ष चाहिए, जो क्षमतावान और निर्णय लेने में सक्षम हो, क्योंकि पार्टी जितनी तेजी से बढ़ रही है, कार्यकर्ताओं पर उतनी जिम्मेदारी भी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 65 हजार बूथों में से केवल एक हजार बूथ अध्यक्ष महिलाएं हैं. अब भविष्य में 33 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को तो देना है. उसे रोक नहीं सकते. ऐसे में हमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी होगी.'
बहुसंख्यक जातियों वाली सीटों पर अल्पसंख्यक अध्यक्ष बनाएं
शिव प्रकाश ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 'यदि हम किसी को चुनकर लाए हैं, तो उसे योग्यतानुसार क्षमता देना पार्टी के संगठन का काम है. हमें महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने के बारे में भी विचार करना होगा. शिव प्रकाश ने कहा कि जो जनजाति प्रभार का जिला है, वहां जरुरी नहीं कि जनजाति वर्ग का ही अध्यक्ष हो. एक जिले में 10-12 मंडल हैं, तो क्या हम उसमें संतुलन नहीं बैठा सकते. वहां महिला, अनुसूचित जाति, ट्राइबल और सामान्य कार्यकर्ता भी अध्यक्ष बना सकते हैं. इसका मतलब पार्टी को सजाना है. जो एससी सीट है, वहां सामान्य अध्यक्ष बनाओ. सामान्य पर अनुसूचित जाति के बारे में सोचो. ये जो संतुलन है इसके ध्यान में रखकर अपने संगठन को खड़ा करना है.