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मरीजों की मुसीबत बनी 'ABHA', घंटों कतार में लगने के बाद भी नहीं बन पा रहे ओपीडी पर्चे - Ayushman Yojna Health Account Issue

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 12, 2024, 5:17 PM IST

पीएम मोदी डिजिटल इंडिया के तहत हर क्षेत्र में भारत को टेक्नोलॉजी से जोड़ रहे हैं. इसी क्रम में मरीजों के लिए शुरू किया आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट अब उनके लिए परेशानी बन रहा है, क्योंकि ग्वालियर में तो घंटों लाइन में लगने के बाद भी मरीजों का ओपीडी पर्चा तक नहीं बन पा रहा है. कमलाराजा अस्पताल में मरीजों को हो रही परेशानी का ETV भारत संवाददाता पीयूष श्रीवास्तव ने ग्राउंड जीरो से जाएजा लिया.

AYUSHMAN YOJNA HEALTH ACCOUNT ISSUE
मरीजों की मुसीबत बनी ABHA (ETV Bharat)

ग्वालियर।शासकीय चिकित्सालय में अब मरीजों को ओपीडी पर्चा बनवाने के लिए लंबी कतारों में लगने की आवश्यकता ना पड़े, उन्हें बेहतर इलाज मिल सके इस उद्देश्य से आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत हर मरीज को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) से जोड़ने की प्रक्रिया लागू कर दी गई है, लेकिन इस सुविधा के उलट ग्वालियर में मरीज को पर्चा बनवाने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है. इसके बाद भी पर्चा बनने की कोई गारंटी नहीं मिल पा रही. जिसकी वजह से मरीज और उनके अटेंडर इलाज के लिए परेशान हो रहे हैं.

क्या बोले अधिकारी (ETV Bharat)

आभा ऐप रजिस्ट्रेशन के बाद बनाये जा रहे ओपीडी पर्चे

ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आने वाले ग्वालियर के सबसे बड़े कमला राजा अस्पताल में पिछले कुछ दिनों से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ओपीडी का पर्चा लगवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है. लोग सुबह 6:00 से लाइन में लग जाते हैं, लेकिन उनका पर्चा बनने में 4 से 6 घंटे का समय लग रहा है. कई बार तो समय पूरा हो जाने पर खिड़की बंद हो जाती है, लेकिन पर्चा नहीं बन पाता तो बेचारे मरीजों को खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है. इस सब के पीछे एक मुख्य वजह यह बताई जा रही है कि मरीज का पर्चा तभी बनाए जा रहे हैं. जब उनका रजिस्ट्रेशन आभा (ABHA) ऐप पर कर दिया जा रहा है.

चार से छह घंटे तक लाइन में इंतजार करने की मजबूरी

मौके पर पहुंचे ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड जीरो पर जायजा लिया तो पर्चा बनवाने की लाइन में अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों ने अपनी परेशानी बताई. सुबह 8:00 से अपनी बारी का इंतजार कर रही बुजुर्ग महिला ने बताया कि पिछले 18 साल से वह इस अस्पताल में अपना इलाज करने आ रही हैं, लेकिन इस तरह की स्थिति आज तक नहीं हुई. पिछले कुछ महीनों से यहां पर्चा बनवाने के लिए मरीज या उनके अटेंडर को परेशान होना पड़ रहा है. घंटों तक लाइन में लगना पड़ रहा है.

पर्चे बनवाने मरीज हो रहे परेशान (ETV Bharat)

पर्चा बनवाने के लिए खिड़की पर जाओ तो वहां लाइन में लगकर अपनी बारी आने का इंतजार करने के लिए कह दिया जाता है, लेकिन सुबह 8:00 से दोपहर 1:00 तक भी नंबर नहीं आ सका है. वहीं उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से आए शख्स का कहना था कि वह सुबह 8 बजे से यहां पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगे हैं, लेकिन उनका नंबर नहीं आ पा रहा ना कुछ खाया है ना पिया है बस अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

स्मार्टफोन वालों को प्राथमिकता, ऑफलाइन वाले परेशान

एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि ओपीडी के परीक्षा काउंटर पर दो तरह की लाइन चल रही है. एक जिनके पास स्मार्टफोन है और दूसरे जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है. इन लोगों का मानना था कि जिन लोगों के पास एंड्रॉयड फोन है, उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है. ऐसे पांच लोगों के पर्चे बनाए जाते हैं. तब जाकर एक पर्चा ऑफलाइन वालों का बनाया जा रहा है. जिन लोगों के पास स्मार्टफोन नहीं है या वह फीचर फोन यूज कर रहे हैं, सबसे ज्यादा परेशानी उनको खड़ी हो रही है.

ऐप रजिस्ट्रेशन ने की डिजिटल इंडिया की धीमी रफ्तार

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाली लाइन में लगे एक युवक से जब हमने बात की तो उसका कहना था कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया है. जहां मरीज परेशान हो रहे हैं. जिन लोगों के पर्चे ऑफलाइन बनाए जा रहे हैं. उनके लिए तो स्थिति फिर भी ठीक है. जबकि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में बहुत समय जा रहा है. लोगों को पहले अपने मोबाइल फोन पर आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट के तहत आभा ऐप डाउनलोड कर रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है. इसके बाद ही उन्हें पर्चा दिया जा रहा है. इस वजह से पर्चा बनने में अत्यधिक समय लग रहा है. यदि इसी रफ्तार से पर्चे बनते रहे तो पर्चा बनने तक डॉक्टर ही जा चुके होंगे. ऐसे में इलाज के लिए उन्हें अगले दिन फिर इसी तरह परेशान होना पड़ेगा.

आभा मरीजों के लिए बनी मुसीबत (ETV Bharat)

आठ के बाद आये तो लौटना होगा खाली हाथ

वहीं एक युवती ने बताया कि वह एक दिन पहले भी पर्चा बनवाने के लिए आई थी, लेकिन सुबह 8:00 बजे से आकर लगने के बावजूद इसका पर्चा नहीं बन सका. आज दोबारा वही स्थिति बन रही है. उसका मानना है कि जो लोग सुबह 6:00 बजे से आकर लग जाते हैं. उनका पर्चा तो 11 से 12 बजे तक बन जाता है, लेकिन 8:00 बजे या उसके बाद आने वाले मरीजों को खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है. इन हालातों को देखकर एक बात तो साफ हो गई कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मरीज को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट से जोड़ने का प्रयास अब परेशानी का सब बन चुका है, क्योंकि इस रजिस्ट्रेशन के चक्कर में मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है.

डीन बोले- व्यवस्था परिवर्तन में होती है परेशानी

इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आरकेएस धाकड़ का कहना है कि 'यह बात उनके भी संज्ञान में आई है, लेकिन यह बात भी सच है कि जब व्यवस्थाओं में बदलाव होता है, तो थोड़ी तकलीफ होती है. इन दिनों अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों को आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानी आभा से जोड़ने का काम शुरू किया गया है. इसके तहत पंजीयन स्कैन और शेयर दोनों प्रक्रियाएं रखी गई है. डॉ आरकेएस धाकड़ का कहना था कि मरीज और उनके अटेंडर इन दोनों थोड़ा सहयोग करें. जिससे कैसे हेल्थ अकाउंट से उन मरीजों उनके परिजनों और समाज का ही भला होगा, क्योंकि इसके जरिए उनका एक हेल्थ अकाउंट क्रिएट हो जाएगा. इससे आने वाले भविष्य में आगे उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा. अपने दस्तावेज साथ लेकर नहीं घूमना पड़ेगा. उनकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री उनके अकाउंट से पता चल जाया करेगी.

सभी जगह ओपीडी समय पर आ रही सर्वर की परेशानी

वहीं अस्पताल में लग रही लंबी लाइनों को लेकर उन्होंने कहा कि कुछ सर्वर के इशू इन दिनों आ रहे हैं. इसलिए पेशेंट रजिस्ट्रेशन काउंटर्स पर कई सारे आभा मित्र और कर्मचारी अप्वॉइंट कर दिए गए हैं, लेकिन कई बार सर्वर डाउन होने की वजह से काम की रफ्तार धीमी हो जाती है, क्योंकि इस समय यह प्रक्रिया पंजीयन पूरे देश में किया जा रहे हैं. इसलिए ओपीडी टाइम में यह समस्या सभी जगह आ रही है. इसे भी जल्द से जल्द हल करने का प्रयास किया जा रहा है, चूंकि यह ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे बड़ा अस्पताल है. इसलिए यहां मरीजों की संख्या भी ज्यादा है, क्योंकि यहां अन्य जिलों से भी मरीज आते हैं.

पर्चे बनाने घंटों लाइन में लगे मरीज (ETV Bharat)

गंभीर मरीजों के लिए नहीं पर्चे की लाइन

डॉ धाकड़ का यह भी कहना है कि जो गंभीर बीमारियों के मरीज हैं. वह कतई इन लाइनों में खड़े होकर परेशान ना हों, उनके लिए पहले ही अस्पताल में सातों दिन 24 घंटे इमरजेंसी यूनिट में सुविधा उपलब्ध कराई गई है. वे सीधा इमरजेंसी में पहुंचे और वहां से तत्काल उन्हें संबंधित बीमारी के विभाग में ट्रांसफर करने की व्यवस्था की गई है. खिड़की पर पर्चा बनवाने की व्यवस्था सिर्फ ओपीडी के मरीजों के लिए है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है कि जल्द ही पर्चा बनवाने के लिए कियॉस्क लगवाए जाएंगे. जहां से सीधा स्कैन कर अपना पर्चा निकाल सकेगा.

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आपको बता दें कि भारत सरकार ने मरीज को सुविधा देने के लिए आयुष्मान भारत मिशन के तहत हर मरीज का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी है. जो पूरे देश में हर व्यक्ति और हर अस्पताल में लागू होगी. इस हेल्थ अकाउंट के जरिए मरीज की समस्त जानकारी और मेडिकल हिस्ट्री के मरीज को कब कहां किस डॉक्टर से किस अस्पताल में किन बीमारियों का इलाज मिला, उसकी पिछली जांच है कब और कौन सी हुई, यह सभी डाटा स्कैन एंड शेयर के माध्यम से अपलोड करने की व्यवस्था कराई जा रही है. जिससे के हर मरीज को अपने पर्चे और जांच हर जगह लेकर के जाने की आवश्यकता ना पड़े और उसकी पूरी जानकारी इस हेल्थ अकाउंट के द्वारा ही संबंधित चिकित्सक को उपलब्ध हो सकेगी.

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