मथुरा : जगद्गुरु कृपालु परिषत की ओर से वृंदावन में महात्माओं और निराश्रित महिलाओं को सहायता सामग्री वितरित की गई. इससे 14,000 जरूरतमंद ठंड से खुद को बचा सकेंगे. यह आयोजन वृंदावन धाम धाम स्थित प्रेम मंदिर और बरसाना स्थित कीर्ति मंदिर में किया गया.
9,000 जरूरतमंदों को दी गई सहायता :वृंदावन धाम स्थित प्रेम मंदिर में हुए मुख्य कार्यक्रम में 5,000 गरीब सत्पुरुषों और 4,000 निराश्रित विधवाओं को राहत सामग्री दी गई. लाभार्थियों ने जगद्गुरु कृपालु परिषत् की सेवा भावना को सराहना की. महात्माओं को पैकिंग बैग, स्लिंग बैग, 2 जोड़ी धोती-कुर्ता, पटका, बेडशीट, तौलिया, जैकेट, शॉल, चटाई, डोलू, लोटा और साबुन जैसे उपयोगी सामान दिए गए. निराश्रित विधवा माताओं को कपड़ों के दो सेट, शॉल, कोटी, तौलिया, बेडशीट, डोलू, टब, टॉर्च और साबुन प्रदान किए गए. यह वितरण समारोह हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के ठीक बाद आयोजित किया जाता है. जिससे ब्रजवासियों को ठंड के प्रकोप से बचाव किया जा सके.
कीर्ति मंदिर में 5,000 जरूरतमंदों को दी गई सामग्री :बरसाना स्थित कीर्ति मंदिर में 3,000 गरीब सत्पुरुषों और 2,000 निराश्रित विधवाओं को दैनिक जीवन में उपयोगी सामग्री प्रदान की गई. इन आयोजनों की विशेषता यह थी कि जगद्गुरु कृपालु परिषत् की तीनों अध्यक्षों डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी ने स्वयं लाभार्थियों को सामग्री वितरित की. उपस्थित लाभार्थियों ने परिषत् के सेवा कार्यों की प्रशंसा करते हुए जगद्गुरु कृपालु महाराज और उनकी तीनों पुत्रियों के प्रति कृतज्ञता प्रकट की.
महिलाएं बोलीं- सामान पाकर मिली खुशी :विधवा पुष्पलता देवी का कहना है कि हम पिछले 10 वर्षों से प्रेम मंदिर आ रहे हैं. यहां से मिले सामान को लेकर ऐसा महसूस होता है कि दुनिया में कोई हमारी परवाह करता है. कृपालु महाराज और तीनों दीदियों पर राधा रानी की कृपा बनी रहे. सत्पुरुषों ने भी अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन ठंड और अभाव में उनके लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होते हैं. जगद्गुरु कृपालु परिषत् की अध्यक्षाओं ने अपने पिता जगद्गुरु कृपालु महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की. डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम चलते रहेंगे. समस्त ब्रजवासी हमारे लिए अत्यधिक पूजनीय हैं.
हर जीव में श्रीकृष्ण का वास :डॉ. श्यामा त्रिपाठी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी ने कहा कि हर जीव में श्रीकृष्ण का वास होता है. यह सब श्री कृष्ण की कृपा से ही हो रहा है. जगद्गुरु कृपालु परिषत् द्वारा यह सेवा परंपरा जगद्गुरु कृपालु महाराज की प्रेरणा से आरंभ की गई थी. हर वर्ष हजारों गरीब सत्पुरुषों, विधवा माताओं, स्कूली बच्चों, श्रमिकों और अन्य अभावग्रस्त वर्गों को इन आयोजनों के माध्यम से सहायता प्रदान की जाती है. जगद्गुरु कृपालु परिषत् का यह आयोजन न केवल ब्रजवासियों को सहायता प्रदान करता है, बल्कि समाज को दूसरों की मदद करने की प्रेरणा भी देता है.
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