शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के संजौली कॉलेज कैंपस में नियुक्त को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति को रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने उक्त को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति को रद्द करते हुए कहा कि इग्नू ने यह नियुक्ति इस तथ्य के बावजूद की कि निजी प्रतिवादी की आयु 55 वर्ष से अधिक है. प्रार्थी के अनुसार इस पद पर केवल 55 वर्ष की आयु से कम वाले शिक्षाविद् को ही नियुक्त किया जा सकता है. प्रार्थी ने कोर्ट को बताया कि शिक्षार्थी सहायता केन्द्रों के लिए को-ऑर्डिनेटर की नियुक्ति के लिए जो मैनुअल तैयार किया गया है. उसमें समन्वयक की नियुक्ति के लिए शिक्षाविदों के संदर्भ में आयु सीमा निर्धारित की गई है.
यह मुख्य दस्तावेज है जो शिक्षाविदों की पात्रता की शर्त को 55 वर्ष से कम आयु का निर्धारित करता है जबकि मानक संचालन प्रक्रिया केवल मैनुअल के कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करती है, जिसे शिक्षार्थी सहायता केन्द्रों के लिए तैयार किया गया है. कोर्ट ने पाया कि इस मामले में विवाद बहुत ही संकीर्ण दायरे में है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में मुद्दा यह है कि क्या 55 वर्ष से अधिक आयु के किसी शिक्षाविद की सिफारिश की जा सकती है और फिर उसे समन्वयक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है या नहीं.
न्यायालय को अवगत कराया गया था कि निजी प्रतिवादी को 15 जुलाई 2024 को समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया था. जिस दिन उसके नाम की सिफारिश की गई थी और जिस दिन उसे समन्वयक के रूप में नियुक्त किया गया था, उस दिन उसकी आयु 55 वर्ष से अधिक थी. मामले के अनुसार, याचिकाकर्ता डॉ. मदन शांडिल का कहना था कि वह संजौली कॉलेज में अर्थशास्त्र विषय में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत है.