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कांवड़िया पथ पर नहीं लगेगा नेम प्लेट, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का JDU के मंत्री और RJD के पूर्व मंत्री ने किया स्वागत - Name plate controversy - NAME PLATE CONTROVERSY

Name on Kanwadiya path shop सुप्रीम कोर्ट ने आज सोमवार को यूपी, एमपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुकानदारों को दुकान के बॉर्डर पर नेम प्लेट लगाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट के फैसला का राष्ट्रीय जनता दल के नेता आलोक मेहता ने स्वागत किया है. पढ़ें, विस्तार से.

आलोक मेहता और रत्नेश सदा.
आलोक मेहता और रत्नेश सदा. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 22, 2024, 5:09 PM IST

आलोक मेहता, पूर्व मंत्री. (ETV Bharat)

पटना: पूर्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है उससे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हुई है. कोर्ट ने यह बता दिया है कि देश में लोकतांत्रिक मूल्य जिंदा है. उन्होंने कहा कि वह कोर्ट से यही अपेक्षा रखते हैं कि आगे आने वाले दिनों में भी यदि लोकतांत्रिक मूल्यों का वायलेशन होता है तो इसी प्रकार रक्षा करे. देश में विभिन्न जगहों पर विधायिका में जो लोग आए हैं वह जनता को ठग करके ऐसे निर्देश ला रहे हैं जो समाज में विभेद पैदा करने वाले हैं.

"ऐसे निर्णय देश को दो समुदाय में बांटने वाले हैं. इसके खिलाफ जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला है उसका स्वागत करते हैं. कोर्ट के फैसले ने यह बता दिया है कि देश में लोकतांत्रिक मूल्य जिंदा है."- आलोक मेहता, पूर्व मंत्री व राजद नेता

बिहार की जनता के साथ धोखा: बिहार भाजपा के नेताओं द्वारा बिहार में भी कांवरिया पथ पर दुकानदारों के नाम बोर्ड पर लिखने की अनिवार्यता की मांग करने के मामले पर आलोक मेहता ने कहा कि बिहार की विधायिका में भी ऐसे लोग आ गए हैं. जो ठग करके लोगों का वोट लेने का काम किए हैं और समाज को दो समुदाय में बांटने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव से पहले विशेष दर्जे की बात करने वाले लोग, जीतने के बाद संसद में कह दिए कि बिहार को विशेष दर्जा नहीं मिलेगा. यह बिहार की जनता के साथ धोखा है.

कानून व्यवस्था की स्थिति खराबः लालू यादव द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए जाने के बाद भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया पर पलटवार करते हुए आलोक मेहता ने कहा कि लालू यादव ने प्रदेश में सामाजिक न्याय कायम किया. पिछले तबके और समाज के अंतिम लोगों को आवाज दी कि वह अपने हक की लड़ाई लड़ सकें. उस दौर में लालू यादव ने पिछड़े तबके के लोगों को आवाज दिलाने का काम किया. आज प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है, सरकार को इसकी जिम्मेवारी लेनी चाहिए.

बिहार के मंत्री ने एससी के निर्णय का किया स्वागतः कांवरिया पथ पर दुकानदारों के नाम लिखे जाने के बाबत मंत्री रत्नेश सादा ने कहा कि लोगों को दुकान के आगे उनके नाम लिखने की बाध्यता नहीं होनी चाहिए. इससे समाज में विभेद पैदा होगा. सुप्रीम कोर्ट का निर्णय सही है. बिहार में जो लोग ऐसी मांग कर रहे हैं कि दुकानदार का नाम बोर्ड पर लिखने की अनिवार्यता की जाए तो यह बिहार में नहीं होगा. बिहार में सभी धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं. बिहार के लोगों को दुकान पर अपना नाम लिखने की जरूरत नहीं है.

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