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यूपी के इस इलाके के 50 हजार लोग लोकसभा चुनाव में नहीं करेंगे मतदान, नारेबाजी कर किया ऐलान, जानिए कारण - Narayani River Concrete Bridge

कुशीनगर में नदी के रेता इलाके में रहने वाले कई हजार लोगों ने आगामी चुनाव (Kushinagar rural election boycott) में वोट न डालने का ऐलान कर प्रशासन की नींद उड़ा दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 2:10 PM IST

Updated : Feb 8, 2024, 2:17 PM IST

कुशीनगर में ग्रामीण पुल के लिए आवाज उठा रहे हैं.

कुशीनगर :नेपाल से निकलकर बहने वाली नारायणी नदी के पार रेता क्षेत्र में बसे करीब 50 हजार लोगों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. पक्की सड़क और पक्के पुल की मांग पूरी न होने पर इन दिनों वे आंदोलनरत हैं. उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. रेता क्षेत्र के कुछ गांव कुशीनगर जबकि कुछ महराजगंज जिले में पड़ते हैं. यहां के लोगों की मांग है कि आजादी के कई साल बीत जाने के बावजूद उनके गांवों में सुविधाएं नहीं हैं. हर बार चुनाव में वादों की घुट्टी पिलाकर उन्हें छल लिया जाता है. इस बार उन्होंने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है.

डिप्टी सीएम ने दिया था आश्वासन :रेता क्षेत्र के गांव सोहगीबरवां, शिकारपुर, भोतहां, मरिचहवां, हरिहरपुर, शिवपुर, नरायनपुर, बकुलादहवाल के करीब 50 हजार ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. गांवों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नारायणी नदी पर पक्का पुल व सड़क बनवाने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उनके इलाके के गांवों में लोगों को आज भी जान हथेली पर रखकर नावों के सहारे आना-जाना पड़ता है. पूर्व क्षेत्रीय विधायक जटाशंकर त्रिपाठी के प्रयास से नारायणी नदी भैसहां घाट पर पीपे के पुल का निर्माण कराया गया था. मुख्य अतिथि के रूप में मार्च-2021 में इसका उ‌द्घाटन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया था. क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा था कि नदी पर पक्का पुल और पक्की सड़क का निर्माण होगा.

'रोड नहीं तो वोट नहीं' :2023 में 25 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ खड्डा में तहसील उद्घाटन के कार्यक्रम में आए थे. उस दौरान उन्होंने अधिकारियों व क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से नारायणी नदी पर भैंसहां घाट के सामने पीपा पुल की जगह पक्के पुल एवं सड़क के निर्माण के लिए प्रस्ताव मांगा था. इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ. ग्रामीण रामसहाय दुबे ने बताया कि पीपा पुल मात्र 03 महीने ही चलता है. नदी में बाढ़ आने पर पीपा पुल हटा दिया जाता है. इससे बाढ़ के पानी से चारों तरफ से ग्रामीण घिर जाते हैं. आवागमन ठप हो जाता है. ग्रामीण परशुराम यादव ने बताया कि ग्रामीण नारायणी नदी संघर्ष समिति के बैनर तले 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद कर रहे हैं. विनय सिंह, गोविंद यादव, राकेश गुप्ता, सचिन्दर सिंह ब्रह्मा यादव, निजामुद्दीन अंसारी, रामकल्प प्रसाद, प्रदीप गुप्ता , रामनवल पटेल, दुर्गभन गुप्ता, ओमप्रकाश कुशवाहा आदि ने उनकी मांगें जल्द पूरी करने की मांग की.

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Last Updated : Feb 8, 2024, 2:17 PM IST

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