कुशीनगर :नेपाल से निकलकर बहने वाली नारायणी नदी के पार रेता क्षेत्र में बसे करीब 50 हजार लोगों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. पक्की सड़क और पक्के पुल की मांग पूरी न होने पर इन दिनों वे आंदोलनरत हैं. उन्होंने जनप्रतिनिधियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. रेता क्षेत्र के कुछ गांव कुशीनगर जबकि कुछ महराजगंज जिले में पड़ते हैं. यहां के लोगों की मांग है कि आजादी के कई साल बीत जाने के बावजूद उनके गांवों में सुविधाएं नहीं हैं. हर बार चुनाव में वादों की घुट्टी पिलाकर उन्हें छल लिया जाता है. इस बार उन्होंने आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है.
डिप्टी सीएम ने दिया था आश्वासन :रेता क्षेत्र के गांव सोहगीबरवां, शिकारपुर, भोतहां, मरिचहवां, हरिहरपुर, शिवपुर, नरायनपुर, बकुलादहवाल के करीब 50 हजार ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है. गांवों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नारायणी नदी पर पक्का पुल व सड़क बनवाने की मांग की है. प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उनके इलाके के गांवों में लोगों को आज भी जान हथेली पर रखकर नावों के सहारे आना-जाना पड़ता है. पूर्व क्षेत्रीय विधायक जटाशंकर त्रिपाठी के प्रयास से नारायणी नदी भैसहां घाट पर पीपे के पुल का निर्माण कराया गया था. मुख्य अतिथि के रूप में मार्च-2021 में इसका उद्घाटन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया था. क्षेत्रीय जनता को आश्वस्त करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा था कि नदी पर पक्का पुल और पक्की सड़क का निर्माण होगा.