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बड़े भाई की मौत का सदमा नहीं सह पाया छोटा भाई, एक ही दिन में दोनों ने त्यागे प्राण - BROTHERS DIED IN SAME DAY

एक ही दिन में जोगिंद्रनगर में दो सगे भाइयों की मौत हुई है जिससे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है...

दो सगे भाइयों की एक दिन में मौत
दो सगे भाइयों की एक दिन में मौत (सोशल मीडिया)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 10:51 PM IST

मंडी: कलयुग के इस दौर में हम रोजाना ऐसे उदाहरण देखते हैं जहां भाई-भाई एक दूसरे की जान के दुश्मन बने हुए हैं. बहुत कम ऐसे उदाहरण देखने को मिलेंगे जहां दो सगे भाइयों में बचपन जैसे प्यार की गहराई अंतिम सांस तक बनी रहे. मंडी जिला के जोगिंदर नगर में जिंदगी के करीब 6 दशक पूरा करने के बाद दो सगे भाइयों का ऐसा प्रेम देखने को मिला कि एक ही दिन दोनों ने इस संसार को अलविदा कह दिया. सुबह पहले बड़े भाई ने प्राण त्यागे और उसके वियोग में छोटे भाई ने भी इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

बड़ा भाई था मिस्त्री और छोटा भाई था इंस्पेक्टर

एक ही दिन में दो सगे भाइयों की मौत की इस खबर ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है. बतां दे कि बड़े भाई का नाम रामनाथ था जिनकी उम्र 60 वर्ष थी, जबकि छोटे भाई का नाम ज्ञान चंद था जिनकी उम्र 58 वर्ष थी. बड़ा भाई मिस्त्री का काम करता था. वहीं, छोटा भाई सीआरपीएफ में बतौर इंस्पेक्टर तैनात था. दोनों भाइयों ने अलग-अलग स्थानों पर अपने घर बनाए थे लेकिन दोनों में आज भी बचपन जैसा प्रगाड़ प्रेम था. रामनाथ ने अपना घर द्रुबल पंचायत में जबकि ज्ञान चंद ने अपना घर टिकरी मुशैहरा पंचायत में बनाया हुआ था. दोनों भाइयों ने एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होना और परिवारों को आपस में जोड़े रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. बताया जा रहा है कि इन दिनों दोनों ही भाई बीमारी से ग्रसित चले हुए थे. रामनाथ का उपचार चंडीगढ़ के एक बड़े हॉस्पिटल से जबकि ज्ञान चंद का दिल्ली स्थित सेना के हॉस्पिटल से इलाज चल रहा था.

मंगलवार सुबह रामनाथ की तबीयत बिगड़ी और वह दुनिया को अलविदा कह गए. बड़े भाई के निधन की खबर जब छोटे भाई ज्ञान चंद तक पहुंची तो वह इस सदमे को सहन नहीं कर पाए. शाम के समय उनकी तबीयत भी बिगड़ गई और उन्हें उपचार के लिए दिल्ली ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही ज्ञान चंद ने अपने प्राण त्याग दिए.

बुधवार को द्रुबल के मोक्षधाम में बड़े भाई रामनाथ का अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, गुरुवार को छोटे भाई का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ चौंतड़ा के मोक्षधाम में किया गया. इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है और लोग यह नहीं समझ पा रहे हैं कि यह दोनों भाइयों का प्रगाड़ प्रेम था या प्रभु की इच्छा थी या फिर नियती का फेर था.

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