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पतंगबाजी से घायल परिंदों को मिली नई जिंदगी, इलाज कर 154 पक्षियों को किया खुले आसमान में रिलीज - birds released on republic day

मकर संक्रांति​ के मौके पर हुई पतंगबाजी में कई पक्षी मांझे और डोर में फंसने के चलते घायल हो गए. इन घायल पक्षियों को वन विभाग और कई एनजीओ ने मिलकर इलाज दिया. स्वस्थ होने पर गणतंत्र दिवस के मौके पर 154 पक्षियों को रिलीज किया गया.

154 birds released after treatment
घायल परिंदों को मिली नई जिंदगी

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 26, 2024, 9:25 PM IST

जयपुर.मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी से शहर में सैकड़ों पक्षी घायल हो गए थे. पतंगबाजी से पर कटा बैठे परिंदों को आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई जिंदगी मिली है. राजधानी जयपुर में होप एंड बियोंड, एंजल आईज, रक्षा संस्थान, एचजी फाउंडेशन और वन विभाग राजस्थान की ओर से करीब 154 पक्षियों को खुले आसमान में रिलीज किया गया है. जिनमें होप एंड बियोंड और एंजेल आईज की टीम ने 47 पक्षी, रक्षा संस्थान, एचजी फाउंडेशन और वन विभाग की टीम ने 107 पक्षियों को रिलीज किया है.

होप एंड बियोंड के डॉ जॉय गार्डनर के मुताबिक पतंगबाजी से पर कटा बैठे परिंदों को नई जिंदगी मिली है. होप एंड बियोंड और एंजेल आईज की टीम ने आज गणतंत्र दिवस पर 47 पक्षी रिलीज किए हैं. वॉलंटियर्स की टीम ने 45 कबूतर और दो फाख्ता (कमेड़ी) को रिलीज किया है. ये पक्षी मकर संक्रांति पर मांझे की डोर में उलझकर बुरी तरह घायल हुए थे. होप एंड बियोंड और एंजेल आईज के पक्षी चिकित्सा शिविर में पक्षियों को नई जिंदगी मिली है. 80 से अधिक चिकित्सा और वॉलंटियर्स की टीम ने मेहनत कर इनके परों में ताकत भरी.

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घायल परिंदों ने भरी उड़ान: रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल ने बताया कि रक्षा संस्थान, एचजी फाउंडेशन और वन विभाग राजस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आज 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर 107 कबूतरों को पिकॉक गार्डन मालवीय नगर में रिलीज किया गया. यह सभी कबूतर मकर संक्रांति के समय ग्लास-कोटेड मांझे से घायल हुए थे. वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सा डॉ अशोक तंवर, डॉ स्टीफन हर्ष, डॉ शुभम पंत, डॉ राकेश मिश्रा, डॉ भारघवी और 20 अन्य वेटेरिनरी डॉक्टर्स की टीम ने करीब 481 पक्षियों का पांच दिवसीय निशुल्क पक्षी चिकित्सा शिविर में इलाज किया. 481 पक्षी रेस्क्यू किए और 40 डॉक्टर्स की टीम ने करीब 320 सर्जरी की. जिसमें मुख्य रूप से कबूतर रहे. पिछले दो दिनों में 107 कबूतर, एक मोर, एक कौवा, एक हरियल, एक बॉर्न आऊल, 8 चील, एक कैटल इग्रेट, दो स्पॉटेड ऑऊलेट, 6 कमेडी को ठीक करके स्वछंद उड़ान के लिए रिलीज किया गया.

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रोहित गंगवाल ने बताया इस वर्ष मकर संक्रांति वाइल्ड बर्ड्स पर बहुत भारी पड़ी है. एक मोरनी, एक इंडियन ईगल आउल, एक फाल्कन, एक कुर्जा (खीचन मे) का पूरा पंख मांझे से कट गया. अब वह कभी दुबारा उड़ नहीं पाएंगे. सबको जागना पड़ेगा और चाइनीज मांझे का उपयोग और खरीद-फरोख्त पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए. जयपुर में कहीं पर भी घायल पक्षी दिखे, तो रक्षा संस्थान के पक्षी हेल्पलाइन नंबर 9828500065 पर संपर्क किया जा सकता है.

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एचजी फाउंडेशन के सिद्धार्थ शर्मा ने बताया कि आज बड़ा खुशी का दिन है कि कुछ पक्षीयो की चोटे गंभीर नहीं थी, उनको ठीक किया गया. स्वतंत्र विचरण करने के लिए उनके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया. खास बात ये भी है बहुत सारे पक्षी इस घातक मांझे के प्रहार से काल के ग्रास में समा गए. कुछ पक्षी ऐसे भी हैं, जो मांझे की चपेट से अपंग हो गए और आगे कभी नहीं उड़ पाएंगे.

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