जयपुर : भारत के 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य, मोहिंदर अमरनाथ ने भारतीय क्रिकेट के बारे में अपनी राय साझा की. उन्होंने कहा कि क्रिकेट में बदलाव समय के साथ होने चाहिए, लेकिन ये बदलाव सकारात्मक दिशा में होने चाहिए. अमरनाथ ने भारतीय टीम के प्रदर्शन पर बात करते हुए कहा कि घरेलू मैदानों पर टीम इंडिया अच्छा प्रदर्शन करती है, क्योंकि वहां माहौल को अपने अनुकूल बनाया जाता है, जो क्रिकेट के परंपरागत रूप से ठीक नहीं है.
उन्होंने यह भी बताया कि आजकल टेस्ट क्रिकेट के मुकाबले तेजी से खत्म हो रहे हैं. पहले 5 दिन का टेस्ट मैच पूरा होता था, लेकिन अब ढाई से तीन दिन में मुकाबला समाप्त हो जा रहे हैं, जो फैंस के लिए भी अच्छा नहीं है. अमरनाथ का मानना है कि अगर आपकी टीम मजबूत है तो अच्छे मैच के लिए अच्छे पिच तैयार करने चाहिए. उन्होंने कहा कि अब अंक और आंकड़ों की होड़ में अच्छे खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया जाता है, बल्कि माहौल इस तरह का हो गया है कि आप अपनी फेवरेबल कंडीशंस तैयार कर लेते हैं.
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T20 क्रिकेट से प्रभावित हो रहा है प्रदर्शन :वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में भारत के प्रदर्शन को लेकर अमरनाथ ने कहा कि भारत की हार का कारण T20 क्रिकेट है. उनका कहना था कि छोटे फॉर्मेट्स में खिलाड़ियों का माइंडसेट इस तरह का हो गया है कि छोटे मैदानों पर व्हाइट बॉल क्रिकेट में खिलाड़ी विकेट लेने की बजाय बॉलर से बचने की कोशिश करते हैं. इससे खेल का असल उद्देश्य, यानी मनोरंजन, अधिक हावी हो गया है, जो भविष्य में भारतीय क्रिकेट को नुकसान पहुंचा सकता है.अमरनाथ ने हाल ही में भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के शॉट्स और आउट होने पर भी अपनी चिंता जताई. उनका मानना है कि कुछ खिलाड़ी यह सोचने लगे हैं कि वे खुद खेल से बड़े हैं, और यह मानसिकता बदलनी चाहिए.
घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों की जिम्मेदारी :अमरनाथ ने यह भी कहा कि अगर एक खिलाड़ी अपने राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता, तो यह उसकी क्रिकेट यात्रा के लिए एक बड़ी कमी है. उन्होंने कहा कि यदि आप पेशेवर खिलाड़ी हैं, तो आपके पास कोई बहाना नहीं होना चाहिए और आपको फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेलना चाहिए. उनका कहना था कि खेल से बड़ा कोई खिलाड़ी नहीं होता और यह समझना जरूरी है कि एक खिलाड़ी का कर्तव्य सिर्फ क्रिकेट को खेलना नहीं, बल्कि अपनी टीम और देश के लिए भी जिम्मेदार बनना है.
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चयनकर्ताओं के बारे में बेबाक राय :अमरनाथ ने भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं के बारे में भी अपनी राय साझा की. एक दौर था कि मोहिंदर अमरनाथ ने भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं को जोकर बता दिया था. उन्होंने कहा कि अगर कोई बड़ा खिलाड़ी है, तो उसके काम पर सवाल नहीं उठाए जाते, लेकि सवाल तब लाजमी है, जब यह देखा जाता है कि बिना किसी अचीवमेंट के कोई शख्स गद्दी पर बैठा हुआ है.
किताब से युवाओं को प्रेरणा :मोहिंदर अमरनाथ के छोटे भाई और प्रथम श्रेणी क्रिकेटर रहे राजिंदर अमरनाथ ने अपनी किताब "फियरलेस" के बारे में बात की. यह किताब युवाओं को क्रिकेटर बनने के लिए जरूरी प्रेरणा और सोच सिखाएगी. राजिंदर ने बताया कि किताब में मोहिंदर अमरनाथ के जीवन और करियर के अनुभवों को साझा किया गया है. यह पूरी तरह से रियलिटी पर आधारित है न कि फिक्शन पर, जैसा कि फिल्म "83" में दिखाया गया था. राजिंदर का मानना है कि इस किताब से क्रिकेटरों को यह समझने में मदद मिलेगी कि एक सफल क्रिकेटर बनने के लिए क्या बुनियादी सोच होनी चाहिए और एक परिवार का इसमें क्या रोल है.