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आज से पितृपक्ष मेला, इस बार 16 दिनों का होगा पितृपक्ष.. यहां जानें कैसे करें पिंडदान - Pitru Paksha 2024

Pitru Paksha Mela 2024: इस बार पितृ पर्व 17 दिनों का नहीं बल्कि16 दिनों का है. आज से गया में 17 सितंबर से गया में लाखों तीर्थयात्री पिंडदान करेंगे. वहीं षष्ठी और सप्तमी का श्राद्ध एक तिथि को पड़ रहा है. आईए जानते हैं किस दिन कहां करना है पिंडदान.

Pitru Paksha Mela 2024
पितृपक्ष मेला 2024 (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 17, 2024, 7:58 AM IST

Updated : Sep 17, 2024, 9:30 AM IST

गया:बिहार के गया में पितृपक्ष मेला 2024 आज 17 सितंबर से शुरू हो रहा है. गया धाम में पितृ पक्ष मेले में पिंडदान करने के लिए करीब 12 से 15 लाख तीर्थयात्री के गया जी धाम आने की संभावना है. मोक्ष धाम विष्णु नगरी में तीर्थ यात्री आकर अपने पितरों के निमित्त पिंडदान कर मोक्ष की कामना करेंगे. इस बार पितृ पक्ष मेला 17 दिनों का नहीं, बल्कि 16 दिनों का होगा.

आज से पितृपक्ष मेला (ETV bharat)

पितृपक्ष की तिथियां: पूर्णिमा का श्राद्ध 17 सितंबर, 2024 मंगलवार, प्रतिप्रदा का श्राद्ध 18 सितंबर 2024 बुधवार, द्वितीया का श्राद्ध 19 सितंबर 2024 गुरुवार, तृतीया का श्राद्ध 20 सितंबर 2024 शुक्रवार, चतुर्थी का श्राद्ध 21 सितंबर 2024 शनिवार, पंचमी का श्राद्ध 22 सितंबर 2024 रविवार, षष्ठी का श्राद्ध 23 सितंबर 2024 सोमवार को पिंडदान किया जाएगा.

एकादशी का श्राद्ध: बता दें कि सप्तमी का श्राद्ध 23 सितंबर 2024 सोमवार, अष्टमी का श्राद्ध 24 सितंबर 2024 बुधवार, नवमी का श्राद्ध 25 सितंबर 2024 गुरुवार, दशमी का श्राद्ध 26 सितंबर 2024 शुक्रवार, एकादशी का श्राद्ध 27 सितंबर 2024 शुक्रवार को होगा. वहीं द्वादशी का श्राद्ध 29 सितंबर 2024 रविवार, मघा का श्राद्ध 29 सितंबर 2024 रविवार, त्रयोदशी का श्राद्ध 30 सितंबर 2024 सोमवार, चतुर्दशी का श्राद्ध 1 अक्टूबर 2024 मंगलवार, सर्वपितृ का श्राद्ध 2 अक्टूबर 2024 बुधवार को होगा.

पितृपक्ष पक्ष में ऐसे करें पिंडदान (ETV bharat)

पितृपक्ष पक्ष में ऐसे करें पिंडदान: भाद्र शुक्ल चतुर्दशी पर पुनपुन तट पर श्राद्ध. भाद्र शुक्ल पूर्णिमा पर फल्गु नदी में स्नान और नदी तट पर खीर के पिंड से श्राद्ध. अश्वनी कृष्ण प्रतिपदा पर ब्रह्म कुंड, प्रेत शिला, राम कुंड और रामशिला और काकबली पर पिंडदान करना चाहिए. आश्विन कृष्ण द्वितीया पर उत्तर मानस उदिची कनखल दक्षिण मानस जिह्वालोल वेदियों पर पिंडदान करना चाहिए. आश्विन कृष्ण तृतीया पर सरस्वती स्नान, मातंग वापी, धर्मारण्य पर श्राद्ध करना चाहिए. आश्विन कृष्ण चतुर्थी पर ब्रह्म सरोवर पर श्राद्ध, आम्र सिंचन काकबली पर पिंडदान करना चाहिए.

यहां होता है खीर के पिंड से श्राद्ध: आश्विन कृष्ण पंचमी पर विष्णु पद मंदिर में रुद्र पद ब्रह्म पद और विष्णु पद पर खीर के पिंड से श्राद्ध करना चाहिए. आश्विन कृष्ण षष्ठी से अष्टमी तक विष्णु पर मंदिर के 16 वेदी नामक मंडप में 14 स्थान पर और पास के मंडप में दो स्थान पर पिंडदान होता है. आश्विन कृष्ण नवमी पर राम गया में श्राद्ध और सीता कुंड पर माता-पिता पर पितामही को बालू के पिंड दिए जाते हैं. अश्विन कृष्ण दशमी पर गयासिर गया कूप के पास पिंडदान करना चाहिए. आश्विन कृष्ण एकादशी पर मुंड पृष्ठा आदि गया और धौत पद में खोवे का या तिल गुड़ से पिंडदान करना चाहिए.

गया में आज से पितृपक्ष मेला (ETV bharat)

यहां भी करना है पिंडदान:आश्विन कृष्ण द्वादशी पर भीम गया, गो प्रचार और गदा लोल में पिंडदान करना चाहिए. आश्विन कृष्ण त्रयोदशी पर फल्गु स्नान करके दूध का तर्पण गायत्री सावित्री और सरस्वती तीर्थ पर प्रात, मध्यान्ह, सायं स्नान करना चाहिए. आश्विन कृष्ण चतुर्दशी पर वैतरणी स्नान और तर्पण किया जाता है. आश्विन कृष्ण अमावस्या पर अक्षयवट के नीचे श्राद्ध और ब्राह्मण भोज. यहीं पर गयापाल पंडा द्वारा सफल विदाई दी जाती है.

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Last Updated : Sep 17, 2024, 9:30 AM IST

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