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रक्षाबंधन में भद्राकाल का रखें ध्यान, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान, जानिये आज कब से कब तक है भद्रा? - RAKSHA BANDHAN 2024 - RAKSHA BANDHAN 2024

BHADRA KAL IN RAKSHA BANDHAN: भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं तो भाई भी बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं. लेकिन रक्षाबंधन में भद्रकाल का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है तो चलिए जानते हैं कि आज भद्राकाल कब है और इसमें क्या विशेष ध्यान देना चाहिए.

RAKSHA BANDHAN 2024
रक्षाबंधन में भद्राकाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 19, 2024, 6:39 AM IST

पटनाः वैसे तो रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है लेकिन इस पर्व का पौराणिक और धार्मिक महत्त्व भी है. इसलिए ही रक्षाबंधन में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. जिन बातों का ध्यान रखना जरूरी है उसमें सबसे महत्त्वपूर्ण है भद्राकाल, क्योंकि भद्राकाल में रक्षाबंधन शुभ नहीं माना गया है.

भद्राकाल में नहीं करें रक्षाबंधन: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भद्रकाल में रक्षाबंधन सर्वथा वर्जित है. माना जाता है कि भद्राकाल के दौरान रक्षाबंधन करना अशुभ हो सकता है. इसलिए रक्षाबंधन के पहले ये जान लेना बेहद ही आवश्यक है कि आज भद्राकाल कब है और भद्रकाल के दौरान रक्षाबंधन क्यों नहीं करना चाहिए.

आज 1 बजकर 25 मिनट तक है भद्रकाल: रक्षाबंधन का त्योहार सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. पूर्णिमा शुरू हो चुकी है और रक्षाबंधन का त्योहार भी धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन काशी पंचाग के अनुसार आज दिन में 1 बजकर 25 मिनट तक भद्रा है. ऐसे में कई लोग कह रहे हैं कि आज दिन में 1 बजकर 25 मिनट के बाद ही रक्षाबंधन का मुहूर्त है, लेकिन ये बिल्कुल भी सच नहीं है.

मकर राशि की भद्रा में कर सकते हैं रक्षाबंधन: ये बात सच है कि आज दिन में 1 बजकर 25 मिनट तक भद्रा है, लेकिन ये भद्रा मकर राशि की है और मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार अलग-अलग राशि की भद्रा का वास अलग-अलग जगहों पर होता है और भद्रा के वासस्थान के अनुसार ही उसका फल भी होता है.

पाताल में रहती है मकर राशि की भद्राः मुहूर्त चिंतामणि में वर्णित श्लोक के में ये बताया गया है कि किस राशि की भद्रा का वास किस जगह पर होता है. उसी श्लोक के अनुसार मकर राशि की भद्रा पाताल में रहती है और उसका शुभ-अशुभ फल भी पाताल लोक में ही मान्य होता है. ऐसे में आज मकर राशि की भद्रा है और इसका फल भी पाताल लोक में ही मान्य है.

"कुंभकर्कद्वये अब्जे (चंद्रे) मर्त्ये (मृत्युलोके निवसति).अजात् त्रये अलिगे (चंद्रे) स्वर्गे, स्त्रीधनुर्जूकनक्रे अधः (पाताले) भद्रा तिष्ठति (यत्र भद्रा तिष्ठति) तत्रैव तत्फलं (भवति).

अर्थात् कुंभ, मीन, कर्क और सिंह राशि में चंद्रमा हो तो भद्रा मर्त्य ( मनुष्यलोक) में रहती है. मेष, वृष, मिथुन और वृश्चिक राशि में चंद्रमा हो तो भद्रा स्वर्ग में रहती है. कन्या, धनु, तुला और मकर में चंद्रमा हो तो पाताल में भद्रा रहती है. भद्रा का जहां वास होता है वहीं उसका फल होता है."- मुहूर्त चिंतामणि

आज दिन भर है रक्षाबंधन का मुहूर्त: तो मुहूर्त चिंतामणि के श्लोक से बात पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है कि आज की भद्रा मृत्युलोक में नहीं है बल्कि पाताल में है. इसलिए इस भद्रा का शुभ-अशुभ फल पृथ्वी लोक में नहीं होगा. यानी रक्षाबंधन का मुहूर्त आज दिन भर है और आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी रक्षाबंधन कर सकते हैं.

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पटनाः वैसे तो रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक है लेकिन इस पर्व का पौराणिक और धार्मिक महत्त्व भी है. इसलिए ही रक्षाबंधन में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है. जिन बातों का ध्यान रखना जरूरी है उसमें सबसे महत्त्वपूर्ण है भद्राकाल, क्योंकि भद्राकाल में रक्षाबंधन शुभ नहीं माना गया है.

भद्राकाल में नहीं करें रक्षाबंधन: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार भद्रकाल में रक्षाबंधन सर्वथा वर्जित है. माना जाता है कि भद्राकाल के दौरान रक्षाबंधन करना अशुभ हो सकता है. इसलिए रक्षाबंधन के पहले ये जान लेना बेहद ही आवश्यक है कि आज भद्राकाल कब है और भद्रकाल के दौरान रक्षाबंधन क्यों नहीं करना चाहिए.

आज 1 बजकर 25 मिनट तक है भद्रकाल: रक्षाबंधन का त्योहार सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है. पूर्णिमा शुरू हो चुकी है और रक्षाबंधन का त्योहार भी धूमधाम से मनाया जा रहा है, लेकिन काशी पंचाग के अनुसार आज दिन में 1 बजकर 25 मिनट तक भद्रा है. ऐसे में कई लोग कह रहे हैं कि आज दिन में 1 बजकर 25 मिनट के बाद ही रक्षाबंधन का मुहूर्त है, लेकिन ये बिल्कुल भी सच नहीं है.

मकर राशि की भद्रा में कर सकते हैं रक्षाबंधन: ये बात सच है कि आज दिन में 1 बजकर 25 मिनट तक भद्रा है, लेकिन ये भद्रा मकर राशि की है और मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार अलग-अलग राशि की भद्रा का वास अलग-अलग जगहों पर होता है और भद्रा के वासस्थान के अनुसार ही उसका फल भी होता है.

पाताल में रहती है मकर राशि की भद्राः मुहूर्त चिंतामणि में वर्णित श्लोक के में ये बताया गया है कि किस राशि की भद्रा का वास किस जगह पर होता है. उसी श्लोक के अनुसार मकर राशि की भद्रा पाताल में रहती है और उसका शुभ-अशुभ फल भी पाताल लोक में ही मान्य होता है. ऐसे में आज मकर राशि की भद्रा है और इसका फल भी पाताल लोक में ही मान्य है.

"कुंभकर्कद्वये अब्जे (चंद्रे) मर्त्ये (मृत्युलोके निवसति).अजात् त्रये अलिगे (चंद्रे) स्वर्गे, स्त्रीधनुर्जूकनक्रे अधः (पाताले) भद्रा तिष्ठति (यत्र भद्रा तिष्ठति) तत्रैव तत्फलं (भवति).

अर्थात् कुंभ, मीन, कर्क और सिंह राशि में चंद्रमा हो तो भद्रा मर्त्य ( मनुष्यलोक) में रहती है. मेष, वृष, मिथुन और वृश्चिक राशि में चंद्रमा हो तो भद्रा स्वर्ग में रहती है. कन्या, धनु, तुला और मकर में चंद्रमा हो तो पाताल में भद्रा रहती है. भद्रा का जहां वास होता है वहीं उसका फल होता है."- मुहूर्त चिंतामणि

आज दिन भर है रक्षाबंधन का मुहूर्त: तो मुहूर्त चिंतामणि के श्लोक से बात पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है कि आज की भद्रा मृत्युलोक में नहीं है बल्कि पाताल में है. इसलिए इस भद्रा का शुभ-अशुभ फल पृथ्वी लोक में नहीं होगा. यानी रक्षाबंधन का मुहूर्त आज दिन भर है और आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी रक्षाबंधन कर सकते हैं.

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