नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए भारत और चीन के बीच समझौते के कुछ दिनों बाद एक प्रमुख चीनी अखबार ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में 'चार साल के उतार-चढ़ाव' के बाद दोनों पड़ोसी देश 'मूल्यवान समाधानों को संजोकर रखेंगे'.
'चीन-भारत संबंधों में नए विकास के लिए निरंतर देखरेख और मजबूती की जरूरत' शीर्षक वाले संपादकीय में ग्लोबल टाइम्स (जिसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र माना जाता है) ने कहा कि यह समझौता 'द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता और विकास की आवश्यकता के बारे में चीन और भारत के बीच साझा समझ को दर्शाता है. साथ ही शांतिपूर्ण परामर्श के जरिये मतभेदों को हल करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
लंबे समय से चल रहा चीन-भारत सीमा विवाद दोनों देशों के बीच स्थित कई बड़े और छोटे क्षेत्रों की संप्रभुता के इर्द-गिर्द घूमता है. भारत-चीन सीमा, जिसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के रूप में जाना जाता है, हिमालय में 3,488 किलोमीटर से अधिक तक फैली हुई है.
5 मई, 2020 को पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हुआ था. इसके बाद से भारत और चीन के बीच व्यापारिक संबंधों को छोड़कर, अन्य संबंधों में भारी गिरावट आई थी.
हालांकि, इस महीने रूस में हुए ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, चीन, भारत, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने पूर्वी लद्दाख में सीमा वाले क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर सहमति की घोषणा की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कजान की यात्रा से पहले मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, "मैं आपको बता सकता हूं कि पिछले कई हफ्तों से, भारतीय और चीनी राजनयिक और सैन्य वार्ताकार विभिन्न मंचों पर एक-दूसरे के साथ निकट संपर्क में हैं. इन चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बन गई है, जिससे सैनिक पीछे हट रहे हैं और 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान हो रहा है. हम इस पर अगले कदम उठाएंगे."
मिस्री ने कहा कि दोनों पक्ष भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के साथ-साथ विभिन्न स्तरों पर सैन्य कमांडरों की बैठकों के माध्यम से कूटनीतिक स्तर पर चर्चा कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "अब, पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर सहमति बन गई है और इससे सैनिकों को हटाया जा रहा है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान हो रहा है."