पाकिस्तान के पीएम ने कार्यक्रमों में रेड कारपेट के इस्तेमाल पर लगाया बैन - Pakistan red carpet ban
Pakistan PM Bans Red Carpets: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आर्थिक सुधारों को लेकर कड़े कदम उठाए हैं. उन्होंने आधिकारिक कार्यक्रमों में रेड कारपेट के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है.
पाकिस्तान के पीएम ने कार्यक्रमों में रेड कारपेट के इस्तेमाल पर लगाया बैन (फोटो आईएएनएस)
इस्लामाबाद :पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अधिकारियों को आधिकारिक कार्यक्रमों में रेड कारपेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. एआरवाई न्यूज के हवाले से ये रिपोर्ट दी है. संघीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों की यात्राओं के दौरान लाल कालीन बिछाने की प्रथा पर असंतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने अपना रुख स्पष्ट किया.
एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार कैबिनेट डिवीजन के अनुसार रेड कारपेट पर प्रतिबंध प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुरूप लागू किया गया है. अधिसूचना में कहा गया है कि रेड कारपेट विशेष रूप से राजनयिक स्वागत के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा. हालिया घटनाक्रम में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और संघीय कैबिनेट के सदस्यों ने सामूहिक रूप से सरकार के कम खर्च अभियान के तहत अपने वेतन और भत्ते छोड़ने का फैसला किया है.
पिछले महीने प्रधानमंत्री शहबाज ने सरकार के लिए कम खर्च करने के उपायों के सर्वोपरि महत्व पर जोर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार इससे पहले, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने देश के सामने मौजूद आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए अपना वेतन और भत्ते लेने से इनकार कर दिया था. डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि पाकिस्तान को 2023 में अपने इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकटों में से एक का सामना करना पड़ा.
इसमें गरीबी, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी बढ़ गई, जिससे लाखों लोगों के स्वास्थ्य, भोजन और पर्याप्त जीवन स्तर के अधिकार खतरे में पड़ गए. शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई अपनी 740 पन्नों की 'विश्व रिपोर्ट 2024' में, एचआरडब्ल्यू ने 100 से अधिक देशों में मानवाधिकार प्रथाओं की समीक्षा की, और पाया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कम खर्च पर जोर देना और क्षतिपूर्ति उपायों के बिना रियायत हटाने के परिणामस्वरूप पाकिस्तान में कम आय वाले समूहों के लिए अतिरिक्त कठिनाई हुई. रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बना हुआ है और वैश्विक औसत से काफी ऊपर तापमान वृद्धि का सामना कर रहा है, जिससे चरम जलवायु घटनाएं लगातार और तीव्र हो गई हैं.