नई दिल्लीः वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग न केवल युवा पीढ़ी, बल्कि हर वर्ग और समुदाय के लोगों पर हावी हो रहा है. यह एक तरह का नशा है, जिस पर लगाम लगाना अब जरूरी हो गया है. अब पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है. इस अभियान में पूर्व सांसद डॉ. सोनल मान सिंह भी उनके साथ खड़ी हैं. 'ETV भारत' ने सोनल मान सिंह से उपरोक्त समस्या पर विस्तृत बातचीत की. आइए जानते हैं उनका क्या मानना है?
युवा पीढ़ी हमारे देश का गौरवः सोनल मान सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी हमारे देश का गौरव है, ऑनलाइन गेमिंग में न केवल युवा, बल्कि बच्चे, बूढ़े, पुरुष और महिलाएं हर कोई जुड़ा है. मुख्य रूप से युवा पुरुष जिसकी ऊर्जा देश के निर्माण और अपने भविष्य को सजग करने में होनी चाहिए, वर्तमान में वह गेमिंग ऐप के चलते कहीं गुम होती जा रही है. वहीं जहां बात आती है, देश और समाज के कल्याण की तो इसमें भी युवा पीढ़ी का मुख्य भूमिका में होना चाहिए, लेकिन वह गेमिंग ऐप के जरिए अपनी भविष्य और देश के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं.
नृत्य और संस्कृति के माध्यम से सुधार: सोनल मान सिंह का मानना है कि इस तरीके के नशे से मुक्ति के लिए देश भर के धर्माचार्य, महात्माओं और देवगुरुओं को आगे आने की जरूरत है. इसके अलावा पाठशाला, स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय से गेमिंग ऐप की कमियों के विषय में बातचीत होनी चाहिए, साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसके नशे और गंदी आदतों को खत्म करने के लिए विशेष अभियान छेड़ा जा सकता है. सोनल मान सिंह का मानना है कि नृत्य और संस्कृति के माध्यम से भी इस क्षेत्र में सुधार किया जा सकते हैं. उन्होंने अपने नृत्य के माध्यम से कई सामाजिक कुरीतियों, महिला हिंसा व घरेलू हिंसा के मुद्दों को सजग किया है. उनका मानना है कि वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग को खत्म करने के लिए सांस्कृतिक कलाकारों को जोड़ने की जरूरत है.
ऑनलाइन गेमिंग को रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरतः ऑनलाइन गेमिंग को रोकने के लिए कई तरीके के सख्त कानून की जरूरत है. सोनल मान सिंह ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग को लेकर कई सख्त कानून वर्तमान में लागू है. लेकिन उनका सख्ती से पालन होना जरूरी है. जिस तरीके से रेप, धूम्रपान और नशे को लेकर के सख्त कानून लागू किए गए हैं, इस तरह से ऑनलाइन गेमिंग के कानूनों को भी सख्ती से लागू करना चाहिए.
ऑनलाइन गेमिंग मानसिक बलात्कारः अंत में सोनल मान सिंह ने कहा है कि ऑनलाइन गेमिंग एक तरीके का मानसिक बलात्कार है, जो आपके दिमाग को एक तरह के बलात्कार के माध्यम से अपने कब्जे में ले लेता है. जिसकी लत छोड़ना किसी व्यक्ति विशेष के लिए मुश्किल हो जाता है. ऑनलाइन गेमिंग खेलने वाले को इस चीज की भनक तक नहीं होती है कि वह एक तरह से मानसिक शिकार की गिरफ्त में हैं. समाज और देश के लोगों को इस कुरीति से उबारना बेहद जरूरी है.
ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ अभियानः पूर्व केन्द्रीय मंत्री और लोक अभियान के प्रमुख विजय गोयल ने ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ अभियान चलाया है. आज प्रेस वार्ता में विजय गोयल, पूर्व राज्यपाल जगदीश मुखी, दिल्ली हाइकोर्ट के सेवानिवृत जज एमएन बीगत पूर्व महासचिव लोकसभा जीसी मल्होत्रा ने ऑनलाईन गेमिंग के खिलाफ अभियान में विजय गोयल का समर्थन किया.
#onlinegaming जुआ आज समाज में तेजी से फ़ैल रहा हैं जिससे लाखों लोगों के घर परिवार बर्बाद हो रहे हैं बच्चे और युवा इसका शिकार बन रहे हैं।
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) November 13, 2024
आइये शनिवार 16 नवम्बर प्रातः 10 बजे जंतर मंतर पर धरने में और इस अभियान से जुड़कर #OnlineGaming रूपी इस वायरस को मिलकर खत्म करें। #Gaming pic.twitter.com/OUh1GwV7Oh
ऑनलाइन गेमिंग बर्बादी और आत्महत्या का कारणः विजय गोयल ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग के कारण लगातार लोगों के बर्बाद होने और आत्महत्या करने की खबरें पूरे देश से आ रही थी. इसीलिए लॉटरी की तरह ऑनलाइन गेमिंग पर भी पूर्ण प्रतिबन्ध लगना आवश्यक हो गया है. एक अनुमान के अनुसार भारत में करीब इस साल ऑनलाइन सट्टा का कारोबार 12 लाख करोड़ रुपये का हो गया है और ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री हर साल 30 प्रतिशत की दर से फल-फूल रही है. गोयल ने कहा प्रति वर्ष हजारों परिवार बर्बाद हो जाते हैं. अकेले तमिलनाडु में पिछले वर्ष में 40 लोग आत्महत्या कर चुके हैं. पहले जो लोग लॉटरी और जुए की लत से बर्बाद होते थे, वही काम आज ऑनलाइन गेमिंग की लत कर रही है. जिसे स्मार्ट, एजुकेटिड और अप टू डेट युवा वर्ग खेलता है.
रातों-रात मालामाल होने के चक्कर में फंसते जा रहे हैं युवाः गोयल ने कहा कि भारत में लगभग दो-तिहाई सबसे ज्यादा आबादी युवाओं की है और Young Generation इतनी Digital Friendly होचुकी है कि शौक-शौक में खेलते हुए वह ऑनलाइन गेम के दलदल में कब फंस जाती है, पता ही नहीं चलता. यहां तक कि 10-15 आयु वर्ग के बच्चों को भी इसका नशा हो गया है और मां-बाप इसकी चिन्ता नहीं कर रहे हैं. रातों-रात मालामाल होने के चक्कर में ये फंस जाते है, जिससे निकलना आसान नहीं है.
सब को मिलकर ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ लड़ना होगाः गोयल ने कहा कि इस अभियान में वे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ेंगे. इस अभियान का राजनीति से संबंध नहीं है. इसीलिए वे सभी राजनीतिक पार्टियों से अपील करेंगे, कि जैसे लॉटरी पर प्रतिबन्ध लगवाने के लिए हमारे इसी मुद्दे पर एक साथ शामिल हुई थी, वैसे ही ऑनलाइन गेमिंग पर भी हमें सबका समर्थन मिलेगा.
गोयल ने कहा इस अभियान को धार देने के लिए शनिवार 16 नवंबर को जंतर-मंतर पर धरने से इसकी शुरुआत होगी, जिसमें वे माता-पिता भी शामिल होंगे, जिनके बच्चे मना करने के बावजूद भी ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं. उनका मानना है कि युवा पीढ़ी हमारे देश का गौरव है. ऑनलाइन गेमिंग में न केवल युवा, बल्कि बच्चे, बूढ़े, पुरुष और महिलाएं हर कोई जुड़ा है. मुख्य रूप से युवा पुरुष जिसकी ऊर्जा देश के निर्माण और अपने भविष्य को सजग करने में होनी चाहिए, वर्तमान में वह गेमिंग ऐप के चलते कहीं गुम होती जा रही है.
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