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6 राज्यों में पराली जलाने के 12,514 मामले, दिल्ली के आंकड़े भी चौंकाने वाले, देखें ICAR की रिपोर्ट - STUBBLE BURNING CASE

सर्दियां शुरू होते ही किसान पराली को जलाना शुरू कर देते हैं. इसका असर दिल्ली-एनसीआर में देखने को मिलता है.

दिल्ली पराली जलाने के आंकड़े, देखें
दिल्ली पराली जलाने के आंकड़े, देखें (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 7, 2024, 6:38 PM IST

नई दिल्ली: पराली के धुएं से दिल्ली एनसीआर गैस का चैंबर बन जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 6 राज्यों में 15 सितंबर से 6 नवंबर तक पराली जलाने के 12,514 मामले सामने आए हैं. नवंबर में हरियाणा व दिल्ली में पराली जलाने के मामलों में कमी दिख रही है. आईसीएआर छह राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी करती है.

जानकारी के अनुसार, आईसीएआर द्वारा 15 सितंबर से 15 नवंबर तक निगरानी की जाती है. हर साल पराली जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा सबसे आगे रहता है. इस वर्ष भी पंजाब पहले और हरियाणा दूसरे स्थान पर है. नवंबर में हरियाणा व दिल्ली में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है. लेकिन पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं. इस साल 1 नवंबर को पंजाब में सबसे अधिक 587 जगह पराली जलाई गई. दो नवंबर को 379, तीन नवंबर को 216, चार नवंबर को 262, पांच नवंबर को 361 और छह नवंबर को 286 स्थानों पर पराली जलाई गई.

पंजाब पराली जलाने में सबसे आगे, एक नवंबर से चार राज्यों में बढ़े पराली जलाने के मामले
पंजाब पराली जलाने में सबसे आगे, एक नवंबर से चार राज्यों में बढ़े पराली जलाने के मामले (ETV BHARAT)

वहीं, उत्तर प्रदेश में एक नवंबर को 67, दो नवंबर को 87, तीन नवंबर को 16, चार नवंबर को 84, पांच नवंबर को 122 और छह नवंबर को 50 स्थानों पर पराली जलाई गई. जबकि राजस्थान में एक नवंबर को 68, दो नवंबर को 80, तीन नवंबर 36, चार नवंबर को 98, पांच नवंबर को 90 व छह नवंबर को 72 स्थानों पर पराली जलाई गई. इसके आलावा, मध्य प्रदेश में एक नवंबर को 226, दो नवंबर को 296, तीन नवंबर को 67, चार नवंबर को 506, पांच नवंबर को 502 और छह नवंबर को 320 स्थानों पर पराली जलाई गई.

"धान की कटाई हो गई है. अब खेत की जुताई करानी है, जिससे किसान अगली फसल बो सकें. ऐसे में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं. पराली न जलाई जाए इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे. हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है. लेकिन अभी भी काम करने की जरूरत है. दिल्ली समेत पूरा एनसीआर धुंध की चादर में लिपटा हुआ है. प्रदूषण से हर नागरिक परेशान है."- डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, सदस्य केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कमेटी

15 सितंबर से 6 नवंबर तक किस राज्य में कितनी पराली जली?

राज्य पराली जलाने के मामले
पंजाब5041
हरियाणा888
उत्तर प्रदेश1544
दिल्ली12
राजस्थान1332
मध्य प्रदेश3697

बिगड़ सकती है हवा की सेहतः पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई. तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. हवा की रफ्तार भी कम हो रही है. ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं से हवा की सेहत खराब हो सकती है. दरअसल, पराली जलने से धुआं वायु मंडल में ही बना रहेगा. इससे हवा में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ जाएगी. जो लोगों की सेहत के लिए खराब है. पर्यावरणविद अगले 10 दिन को चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं.

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नई दिल्ली: पराली के धुएं से दिल्ली एनसीआर गैस का चैंबर बन जाता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के अनुसार भारत के 6 राज्यों में 15 सितंबर से 6 नवंबर तक पराली जलाने के 12,514 मामले सामने आए हैं. नवंबर में हरियाणा व दिल्ली में पराली जलाने के मामलों में कमी दिख रही है. आईसीएआर छह राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी करती है.

जानकारी के अनुसार, आईसीएआर द्वारा 15 सितंबर से 15 नवंबर तक निगरानी की जाती है. हर साल पराली जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा सबसे आगे रहता है. इस वर्ष भी पंजाब पहले और हरियाणा दूसरे स्थान पर है. नवंबर में हरियाणा व दिल्ली में पराली जलाने के मामलों में कमी आई है. लेकिन पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व मध्य प्रदेश में पराली जलाने के मामले बढ़े हैं. इस साल 1 नवंबर को पंजाब में सबसे अधिक 587 जगह पराली जलाई गई. दो नवंबर को 379, तीन नवंबर को 216, चार नवंबर को 262, पांच नवंबर को 361 और छह नवंबर को 286 स्थानों पर पराली जलाई गई.

पंजाब पराली जलाने में सबसे आगे, एक नवंबर से चार राज्यों में बढ़े पराली जलाने के मामले
पंजाब पराली जलाने में सबसे आगे, एक नवंबर से चार राज्यों में बढ़े पराली जलाने के मामले (ETV BHARAT)

वहीं, उत्तर प्रदेश में एक नवंबर को 67, दो नवंबर को 87, तीन नवंबर को 16, चार नवंबर को 84, पांच नवंबर को 122 और छह नवंबर को 50 स्थानों पर पराली जलाई गई. जबकि राजस्थान में एक नवंबर को 68, दो नवंबर को 80, तीन नवंबर 36, चार नवंबर को 98, पांच नवंबर को 90 व छह नवंबर को 72 स्थानों पर पराली जलाई गई. इसके आलावा, मध्य प्रदेश में एक नवंबर को 226, दो नवंबर को 296, तीन नवंबर को 67, चार नवंबर को 506, पांच नवंबर को 502 और छह नवंबर को 320 स्थानों पर पराली जलाई गई.

"धान की कटाई हो गई है. अब खेत की जुताई करानी है, जिससे किसान अगली फसल बो सकें. ऐसे में पराली जलाने के मामले बढ़ रहे हैं. पराली न जलाई जाए इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे. हालांकि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष पराली जलाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है. लेकिन अभी भी काम करने की जरूरत है. दिल्ली समेत पूरा एनसीआर धुंध की चादर में लिपटा हुआ है. प्रदूषण से हर नागरिक परेशान है."- डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, सदस्य केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कमेटी

15 सितंबर से 6 नवंबर तक किस राज्य में कितनी पराली जली?

राज्य पराली जलाने के मामले
पंजाब5041
हरियाणा888
उत्तर प्रदेश1544
दिल्ली12
राजस्थान1332
मध्य प्रदेश3697

बिगड़ सकती है हवा की सेहतः पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई. तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है. हवा की रफ्तार भी कम हो रही है. ऐसे में पराली जलाने की घटनाओं से हवा की सेहत खराब हो सकती है. दरअसल, पराली जलने से धुआं वायु मंडल में ही बना रहेगा. इससे हवा में पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ जाएगी. जो लोगों की सेहत के लिए खराब है. पर्यावरणविद अगले 10 दिन को चुनौतीपूर्ण मान रहे हैं.

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