ETV Bharat / state

पिता का हाथ छूटा, फिर भीड़ के धक्के से सिर में घुसी कील... दिल्ली भगदड़ की दर्दनाक कहानी - NEW DELHI RAILWAY STATION STAMPEDE

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को हुई भगदड़ से 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 16, 2025, 9:57 PM IST

नई दिल्लीः शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाले यात्रियों के बीच मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई. उनमें से एक 7 साल की बच्ची भी शामिल थी. वह अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन पर पहुंची थी, लेकिन भगदड़ के दौरान भीड़ का शिकार हो गई. इस घटना के बाद से मृतक बच्ची के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीती रात हुई भगदड़ के दौरान सागरपुर की रहने वाली 7 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई. उस मंजर को याद कर उसके पिता ने रुंधे गले से बताया कि कैसे प्लेटफार्म नंबर 14 पर भारी भीड़ जमा हो गई. भगदड़ मचा तो वह प्रयागराज जाने की बात छोड़कर घर वापसी के लिए पुल की सीढ़ी पर चढ़ने लगे, लेकिन सामने से काफी संख्या में लोग आ रहे थे और अपना-अपना सामान फेंकते हुए भाग रहे थे.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ (ETV Bharat)

'घर की खुशियां उजड़ गई': मुतक बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी बच्ची का हाथ छूटा और वह सीढ़ी के साथ वाले हिस्से में घुसे और वही लोहे का एक कील उसके सिर में घुस गया. इसके बाद बच्ची को अस्पताल पहुंचाने की मदद को लेकर इधर-उधर भागते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. बाद में खुद से आधे घंटे के अंदर बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई. उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बिटिया थी. सबसे छोटी बिटिया रिया थी, जिसकी मौत हो गई. पूरा परिवार इस घटना से सदमे में है. उन्होंने कहा कि उसके घर की खुशियां उजड़ गई, जिस बच्चे के साथ वह खेलते, उठते बैठते थे वह उनसे दूर हो गई.

भगदड़ में एक नर्स की भी मौत: वहीं, महावीर एनक्लेव पार्ट वन में रहने वाली पूनम नाम की एक महिला की भी मौत हो गई. मृतक पूनम अपनी दो सहेलियों के साथ प्रयागराज के लिए घर से निकली थी, लेकिन देर रात परिवार वालों को इस घटना की जानकारी मिली. परिवार वालों का कहना है कि रात दस बजे से लेकर सुबह 3 तक अस्पताल के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनके परिजनों को कहां भर्ती कराया गया है, कोई जानकारी नहीं मिली, वह धक्के खाते रहे. परिवार वालों से मिली जानकारी के अनुसार पूनम और उनकी सहेली का ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं था, लेकिन रात में स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए वह घर वापस आने की बात फोन पर अपने परिवार वाले को बताई थी, उसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला. कुछ देर के बाद परिवार वालों ने जब संपर्क किया तो फोन बंद आ रहा था. अब परिवार वाले सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ें:

नई दिल्लीः शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने वाले यात्रियों के बीच मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई. उनमें से एक 7 साल की बच्ची भी शामिल थी. वह अपने माता-पिता और बड़ी बहन के साथ प्रयागराज जाने के लिए स्टेशन पर पहुंची थी, लेकिन भगदड़ के दौरान भीड़ का शिकार हो गई. इस घटना के बाद से मृतक बच्ची के माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बीती रात हुई भगदड़ के दौरान सागरपुर की रहने वाली 7 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई. उस मंजर को याद कर उसके पिता ने रुंधे गले से बताया कि कैसे प्लेटफार्म नंबर 14 पर भारी भीड़ जमा हो गई. भगदड़ मचा तो वह प्रयागराज जाने की बात छोड़कर घर वापसी के लिए पुल की सीढ़ी पर चढ़ने लगे, लेकिन सामने से काफी संख्या में लोग आ रहे थे और अपना-अपना सामान फेंकते हुए भाग रहे थे.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ (ETV Bharat)

'घर की खुशियां उजड़ गई': मुतक बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी बच्ची का हाथ छूटा और वह सीढ़ी के साथ वाले हिस्से में घुसे और वही लोहे का एक कील उसके सिर में घुस गया. इसके बाद बच्ची को अस्पताल पहुंचाने की मदद को लेकर इधर-उधर भागते रहे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. बाद में खुद से आधे घंटे के अंदर बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी मौत हो गई. उनके परिवार में उनकी पत्नी और दो बिटिया थी. सबसे छोटी बिटिया रिया थी, जिसकी मौत हो गई. पूरा परिवार इस घटना से सदमे में है. उन्होंने कहा कि उसके घर की खुशियां उजड़ गई, जिस बच्चे के साथ वह खेलते, उठते बैठते थे वह उनसे दूर हो गई.

भगदड़ में एक नर्स की भी मौत: वहीं, महावीर एनक्लेव पार्ट वन में रहने वाली पूनम नाम की एक महिला की भी मौत हो गई. मृतक पूनम अपनी दो सहेलियों के साथ प्रयागराज के लिए घर से निकली थी, लेकिन देर रात परिवार वालों को इस घटना की जानकारी मिली. परिवार वालों का कहना है कि रात दस बजे से लेकर सुबह 3 तक अस्पताल के चक्कर काटते रहे, लेकिन उनके परिजनों को कहां भर्ती कराया गया है, कोई जानकारी नहीं मिली, वह धक्के खाते रहे. परिवार वालों से मिली जानकारी के अनुसार पूनम और उनकी सहेली का ट्रेन में रिजर्वेशन नहीं था, लेकिन रात में स्टेशन पर भीड़ को देखते हुए वह घर वापस आने की बात फोन पर अपने परिवार वाले को बताई थी, उसके बाद उनका कुछ पता नहीं चला. कुछ देर के बाद परिवार वालों ने जब संपर्क किया तो फोन बंद आ रहा था. अब परिवार वाले सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

यह भी पढ़ें:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.