तेल अवीव:हमास ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया है. उसका दावा है कि इस वीडियो में 19 वर्षीय लड़की इजराइली सैनिक है. लड़की 450 दिनों से हमास का बंधक है. वीडियो में जिस लड़की का जिक्र किया गया है उसका नाम लिरी अल्बाग है. वह एक इजराइली सैनिक है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अल्बाग के माता-पिता ने उसे अपनी बेटी मानने से इनकार किया है. उनका कहना है कि ये उनकी बेटी की परछायी है. उसकी बेटी ऐसी नहीं थी.
कहा जा रहा है कि इजराइल और हमास के बाच संघर्ष विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से बातचीत चल रही है. इसी क्रम में हमास ने एक इजराइली बंधक का वीडियो जारी किया है. कहा ये भी जा रहा है कि ये दबाव बनाने की रणनीति है.
बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन यरुशलम में प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर इजरायली प्रदर्शनकारी लिरी अल्बाग और अन्य बंधकों की तस्वीरें लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी हमास द्वारा गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई की मांग की.
450 दिनों से बंधक है लड़की वीडियों में लड़की टूटी और बिखरी नजर आ रही है. वह बोलते समय कांप रही है. उसकी आवाज दर्द भरी है. करीब तीन मिनट के इस वीडियो में लड़की हिब्रू भाषा में अपनी दर्दभरी कहनी बयां कर रही है. साथ ही सरकार से रिहाई की गुहार लगा रही है. अल्बाग को उस समय बंदी बनाया गया था जब वह 18 साल की थी. उसे गाजा सीमा पर नाहल ओज बेस पर छह अन्य महिला सिपाहियों के साथ बंदी बनाया गया था.
मां ने कहा ये परछाई है वीडियो सामने आने के बाद अल्बाग की मां ने कहा कि वीडियो में उसकी बेटी नहीं है. यह उसकी परछाई है. टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार परिवार ने उसे अपना मानने से इनकार किया है. उनका कहना है कि अल्बाग एक संघर्ष करने वाली मजबूत लड़की है जबकि वीडियो में वह ठीक इसके उलट है.
हमास ने सैनिकों को भी बनाया था बंदी हमास ने हमले के दौरान करीब 250 लोगों को बंदी बना लिया था. इसमें सात सैनिक भी शामिल थे. हालांकि इनमें से एक सैनिक को बचा लिया गया था जबकि एक कैद रहने के दौरान मृत पाया गया था. इस तरह अल्बाग के साथ चार सैनिक हमास की गिरफ्त में थे.
बता दें कि 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल के एक हिस्से पर हमला कर दिया था. इस दौरान 1200 लोग मारे गए थे. वहीं हमास के लड़ाकों ने करीब 250 इजरालियों को बंधक बना लिया था. इसके बाद इजराइल ने हमास को नेस्तनाबूद करने की कमस खाई और गाजा पट्टी में हमास के ठिकानों पर भीषण हमले किए.
लंबी लड़ाई के बाद तुर्की के हस्तक्षेप से कुछ इजराइल और हमास के बीच समझौता हुआ. समझौता शर्तों के तहत दोनों के बीच कुछ बंधकों की अदला बदली की गई. हमास ने कुछ इजराइली बंधकों को रिहा किया. वहीं इजराइल ने पहले से विभिन्न मामले में जेलों में बंद कुछ फिलिस्तीनियों को छोड़ा.
इस दौरान विश्व के कई देशों ने युद्ध विराम को लेकर इजराइल पर दबाव बनाया. संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध विराम को लेकर कड़े संदेश भी दिये. दवाबों के बीच इजराइल और हमास के बीच युद्ध विराम भी हुआ लेकिन यह अधिक समय तक नहीं रहा.