पटना: भारत में हर 11 में से 1 युवा डायबिटीज की चपेट में है. खराब लाइफस्टाइल इसकी मुख्य वजह बतायी जाती है. आधुनिक चिकित्सा डायबिटीज के लक्षणों को दूर करने और नियंत्रित करने की काम तो करती है पर प्राकृतिक चिकित्सा इसके मूल कर्म को समझकर और शारीरिक पर्यावरण के साथ प्राकृतिक व्यवहार दुरुस्त करने में भी मदद प्रदान करने की क्षमता रखती है.
क्या-क्या हो सकता है नुकसानः सीनियर नेचुरोपैथी डॉक्टर नितेश कुमार का कहना है कि डायबिटीज हमारे समय का एक प्रमुख रोग है. यह उच्च रक्तचाप स्ट्रोक और हृदय रोग के लिए खतरा पैदा करता है. डायबिटीज के इलाज में प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग हृदय रोग के जोखिम को कम करते हुए रोगियों को उनके ब्लड शुगर के स्तर में सुधार करने में मदद कर सकता है.
फाइबर का सेवन हो सकता है फायदेमंद: शोध में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि नेचुरोपैथ और योग डायबिटीज के रोगियों को उनके लक्षणों में काफी सुधार करने में मदद कर सकता है. प्राकृतिक दृष्टिकोण में रोगियों के आहार में से सभी संसाधित खाद्य पदार्थों को निकालना और उन्हें कम कैलरी वाले आहार पर रखना शामिल है. कैलरी की मात्रा कम करना और फाइबर का सेवन ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में बहुत फायदेमंद है.
खाने में बहुत सारे फल लेंः बहुत सारे फल, सब्जियों सहित पौधा आधारित आहार रोगियों को एंटीऑक्सीडेंट की उच्च खुराक प्रदान करते हैं जो शरीर में मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से लड़ने में मदद करते हैं. इसके अलावे योग और व्यायाम के साथ यह दृष्टिकोण शरीर और मस्तिष्क में आवश्यक जीवन शक्ति को पुनः स्थापित करता है.