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मोबाइल के अधिक इस्तेमाल से नपुंसकता का खतरा, विशेषज्ञों की चेतावनी- संभल जाएं वरना.. - Side Effects Use Of Mobile

Excessive Use Of Mobile: भारत में 1.2 बिलियन से ज्यादा लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं. यह चौंकाने वाला आंकड़ा यह मानने पर मजबूर कर देता है कि ये छोटा सा उपकरण हमारे रोजमर्रा के जीवन का बड़ा हिस्सा बन गया है लेकिन हमें मोबाइल के इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जिसमें सबसे बड़ा खतरा नपुंसकता है. यहां जानें विशेषज्ञ की राय.

Excessive use of mobile
मोबाइल से बढ़ा रही नपुंसकता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 27, 2024, 10:06 AM IST

Updated : Aug 27, 2024, 11:42 AM IST

मोबाइल से बढ़ा रही नपुंसकता (ETV Bharat)

पटना: बिहार में दो दिवसीय आर्टिकुलेट 2024 सम्मेलन संपन्न हुआ. इसमें देश भर से 250 से अधिक क्लिनिकल गायनेकोलॉजिस्ट के साथ-साथ एंब्रॉलजिस्ट शामिल हुए. इसमें हाल के दौड़ में महिलाओं और पुरुषों में बढ़ रही नपुंसकता पर चिंता व्यक्त हुई और बांझपन के इलाज में जो नई तकनीक आ रही हैं उसे पर विस्तार से चर्चा हुई.

मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से नपुंसकता: डॉ कल्पना सिंह ने बताया कि मोबाइल के अधिक इस्तेमाल महिलाओं और पुरुषों में नपुंसकता के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महिलाओं में अंडाणु की कमी, ट्यूब में ब्लॉकेज या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी समस्याएं हैं. लगभग 15 से 30% महिलाओं में अंडाणु की कमी की समस्या आ रही है. वहीं 24 से 30 परसेंट पुरुषों में शुक्राणु की कमी आ रही है. यह सब हमारे दैनिक जीवन शैली से जुड़ी हुई समस्याएं हैं.

"मोबाइल का अधिक इस्तेमाल से इसका अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन नपुंसकता का कारण बन रहा है. इसके अलावा कम फिजिकल वर्क, अधिक मेंटल स्ट्रेस, अनियमित और असंयमित खान पान से नपुंसकता बढ़ रही है."- डॉ कल्पना सिंह, विभागाध्यक्ष, रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग, आइजीआइएमएस

एआई से दूर होगी बांझपन की समस्या: आइजीआइएमएस की रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर कल्पना सिंह ने बताया कि बांझपन को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की चर्चा हुई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गर्भ ठहरने की सटीकता को बताएगा. किस तरह से क्लीनीसियन एआई का इस्तेमाल अपने रोजाना प्रैक्टिस में कर सकते हैं ताकि गर्भ ना ठहरने की समस्या दूर हो, इस पर विशेष चर्चा हुई है.

कब से गिरने लगती है फर्टिलिटी: डॉ. कल्पना सिंह ने बताया कि महिलाओं में 35 वर्ष के बाद और पुरुषों में 45 वर्ष के बाद सामान्य रूप से फर्टिलिटी कम होने लगती है. आजकल करियर के लिए महिलाएं लेट से शादी कर रही हैं. ऐसे में कई बार गर्भ न ठहरने की दिक्कत आती है. उन्होंने बताया कि इसका उपाय है कि महिलाएं शादी से पहले ही अपने अंडाणु को फ्रीज कर दें और पुरुष अपने शुक्राणु को फ्रीज करा दें.

जानें अंडाणु को फ्रीज करने का खर्च: इसके अलावा कोई दंपति है तो वह अपने भ्रूण को भी फ्रीज कर सकते हैं. सरकारी केंद्र पर 7000 रुपये सालाना दर है. कोई कैंसर पेशेंट है तो कीमो के पहले उसे अपना शुक्राणु और अंडाणु फ्रीज करा लेना चाहिए, क्योंकि कीमो के बाद फर्टिलिटी कम हो जाती है.

कैसी हो दिनचर्या: डॉ कल्पना सिंह ने बताया कि अब कई नई तकनीक है जिससे बांझपन और नपुंसकता का प्रभावी इलाज संभव है. हालांकि लोगों को सबसे पहले अपनी दिनचर्या सुधारना जरूरी है. रात 10:00 बजे तक सोने की कोशिश करनी चाहिए और सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए.

स्ट्रेस से बनाए दूरी: प्रतिदिन 1 घंटे का वर्कआउट करें जिसमें 20 मिनट की दौर हो. अधिक तेल मसाला वाला भोजन नहीं करें और सबसे महत्वपूर्ण है कि रात में सोने से पहले मोबाइल को अपने बिस्तर से काफी दूर कर दें. स्ट्रेस ना ले और स्ट्रेस को दूर करने के लिए योग अथवा मेडिटेशन करें.

पढ़ें-सावधान! ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल कर सकता है आपको बहरा, जानें इसको इस्तेमाल करने का सही समय - Disadvantages Of Using Earphones

मोबाइल से बढ़ा रही नपुंसकता (ETV Bharat)

पटना: बिहार में दो दिवसीय आर्टिकुलेट 2024 सम्मेलन संपन्न हुआ. इसमें देश भर से 250 से अधिक क्लिनिकल गायनेकोलॉजिस्ट के साथ-साथ एंब्रॉलजिस्ट शामिल हुए. इसमें हाल के दौड़ में महिलाओं और पुरुषों में बढ़ रही नपुंसकता पर चिंता व्यक्त हुई और बांझपन के इलाज में जो नई तकनीक आ रही हैं उसे पर विस्तार से चर्चा हुई.

मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से नपुंसकता: डॉ कल्पना सिंह ने बताया कि मोबाइल के अधिक इस्तेमाल महिलाओं और पुरुषों में नपुंसकता के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. महिलाओं में अंडाणु की कमी, ट्यूब में ब्लॉकेज या पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम जैसी समस्याएं हैं. लगभग 15 से 30% महिलाओं में अंडाणु की कमी की समस्या आ रही है. वहीं 24 से 30 परसेंट पुरुषों में शुक्राणु की कमी आ रही है. यह सब हमारे दैनिक जीवन शैली से जुड़ी हुई समस्याएं हैं.

"मोबाइल का अधिक इस्तेमाल से इसका अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन नपुंसकता का कारण बन रहा है. इसके अलावा कम फिजिकल वर्क, अधिक मेंटल स्ट्रेस, अनियमित और असंयमित खान पान से नपुंसकता बढ़ रही है."- डॉ कल्पना सिंह, विभागाध्यक्ष, रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग, आइजीआइएमएस

एआई से दूर होगी बांझपन की समस्या: आइजीआइएमएस की रिप्रोडक्टिव मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर कल्पना सिंह ने बताया कि बांझपन को दूर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल की चर्चा हुई है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गर्भ ठहरने की सटीकता को बताएगा. किस तरह से क्लीनीसियन एआई का इस्तेमाल अपने रोजाना प्रैक्टिस में कर सकते हैं ताकि गर्भ ना ठहरने की समस्या दूर हो, इस पर विशेष चर्चा हुई है.

कब से गिरने लगती है फर्टिलिटी: डॉ. कल्पना सिंह ने बताया कि महिलाओं में 35 वर्ष के बाद और पुरुषों में 45 वर्ष के बाद सामान्य रूप से फर्टिलिटी कम होने लगती है. आजकल करियर के लिए महिलाएं लेट से शादी कर रही हैं. ऐसे में कई बार गर्भ न ठहरने की दिक्कत आती है. उन्होंने बताया कि इसका उपाय है कि महिलाएं शादी से पहले ही अपने अंडाणु को फ्रीज कर दें और पुरुष अपने शुक्राणु को फ्रीज करा दें.

जानें अंडाणु को फ्रीज करने का खर्च: इसके अलावा कोई दंपति है तो वह अपने भ्रूण को भी फ्रीज कर सकते हैं. सरकारी केंद्र पर 7000 रुपये सालाना दर है. कोई कैंसर पेशेंट है तो कीमो के पहले उसे अपना शुक्राणु और अंडाणु फ्रीज करा लेना चाहिए, क्योंकि कीमो के बाद फर्टिलिटी कम हो जाती है.

कैसी हो दिनचर्या: डॉ कल्पना सिंह ने बताया कि अब कई नई तकनीक है जिससे बांझपन और नपुंसकता का प्रभावी इलाज संभव है. हालांकि लोगों को सबसे पहले अपनी दिनचर्या सुधारना जरूरी है. रात 10:00 बजे तक सोने की कोशिश करनी चाहिए और सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए.

स्ट्रेस से बनाए दूरी: प्रतिदिन 1 घंटे का वर्कआउट करें जिसमें 20 मिनट की दौर हो. अधिक तेल मसाला वाला भोजन नहीं करें और सबसे महत्वपूर्ण है कि रात में सोने से पहले मोबाइल को अपने बिस्तर से काफी दूर कर दें. स्ट्रेस ना ले और स्ट्रेस को दूर करने के लिए योग अथवा मेडिटेशन करें.

पढ़ें-सावधान! ईयरफोन का लगातार इस्तेमाल कर सकता है आपको बहरा, जानें इसको इस्तेमाल करने का सही समय - Disadvantages Of Using Earphones

Last Updated : Aug 27, 2024, 11:42 AM IST
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