नई दिल्ली: हम सभी अपने परिवार के भविष्य के लिए ही दिन-रात मेहनत करते हैं. हम चाहे नौकरी करें या बिजनेस हमारा मकसद ज्यादा से ज्यादा पैसों की बचत करना होता है. साथ ही इन पैसों का इस्तेमाल हम जरूरत पड़ने पर भी कर सकते हैं.
ऐसे में पैसों को सुरक्षित रखने के लिए हम बैंक अकाउंट ओपन करते हैं और घर का पूरा खर्चा करने के बाद हमारे पास जो रकम बचती है, उसे हम बैंक अकाउंट में जमा कर देते हैं. हालांकि, कई अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है और उसका पैसा बैंक में जमा रह जाता है.
ऐसे में लोगों के जहन में सबसे पहले जो सवाल उठता है, वह है कि अगर किसी अकाउंट होल्डर की मौत हो जाए तो उसके बैंक अकाउंट में जमा पैसे किसे दिए जाएंगे और इसके लिए किन-किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.
नॉमिनी को मिलता है सारा पैसा
बता दें कि कोई भी शख्स जब अपना अकाउंट ओपन करवाता है तो बैंक उससे एक फॉर्म भरवाता है. इस फॉर्म पर अकाउंट ओपन करवाने वाले को अपनी सारी डिटेल्स के साथ नॉमिनी की डिटेल्स भी देनी होती है. अगर किसी कारण वश अकाउंट होल्डर्स की मौत हो जाती है तो उसके अकाउंट में जमा राशि इसी नॉमिनी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है.
बैंक को देनी होती है नॉमिनी की जानकारी
जब कोई शख्स बैंक में अपना अकाउंट खुलवाता है तो उसे नॉमिनी सेक्शन में नॉमिनी का का नाम, उसके साथ संबंध, उसका पता, उसकी उम्रऔर उसके आईडी प्रूफ देना होता है. गौरतलब है कि यह पूरी तरह से अकाउंट होल्डर पर निर्भर करता है कि वह अपने बैंक अकाउंट के लिए किसे नॉमिनी चुनना चाहता है. बता दें कि अकाउंट केवल अपने माता-पिता, भाई-बहन, पति-पत्नी या बच्चे को ही नॉमिनी बना सकता है.
केवल नॉमिनी ही कर सकता है क्लेम
बता दें कि अकाउंट होल्डर की मौत के बाद उसके द्वारा बनाया गया नॉमिनी ही उसके खाते में जमा पैसों पर क्लेम कर सकता है. मान लीजिए अगर आपने अपनी पत्नी को नॉमिनी बनाया है तो आपकी मृत्यु के बाद आपके खाते में जमा सारे पैसे आपकी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे. इन पैसों पर कोई दूसरा व्यक्ति दावा नहीं कर सकता है.
किन दस्तावेजों की पडे़गी जरूरत?
बता दें कि अगर अकाउंट होल्डर की मौत हो जाती है और नॉमिनी उसके अकाउंट में जमा राशि पर क्लेम करता है तो उसको अपनी आईडी प्रूफ, अपना अकाउंट नंबर और अकाउंट होल्डर का डेथ सर्टिफिकेट जैसे डॉक्यूमेंट्स बैंक में जमा करने होंगे.