ETV Bharat / health

देश में अंगदान के प्रति जागरुकता की कमी, जानें जीवित रहते और मरने के बाद किन अंगों का हो सकता हैं डोनेशन - World Organ Donation Day - WORLD ORGAN DONATION DAY

Organ Donation In Bihar: आज दुनियाभर में विश्व अंगदान दिवस मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य अंगदान के बारे में लोगों को जागरूक करना है, क्योंकि अंगदान के मामले में भारत काफी पीछे है. बिहार में भी आज इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि लोग इसको लेकर लोगों में जागरुकता आएगी.

World Organ Donation Day
विश्व अंगदान दिवस (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 13, 2024, 7:53 AM IST

पटना: नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) के अनुसार, 2023 तक भारत में कुल 4,49,760 अंगदाता थे. यह आंकड़ा कई देशों की तुलना में काफी कम है. भारत में हर साल 1.8 लाख लोग किडनी फेल का शिकार होते हैं लेकिन करीब 6 हजार किडनी ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. इसी तरह लिवर ट्रांसप्लांट की 25000 लोगों को जरूरत होती है लेकिन 1500 लोग लीवर डोनेट करते हैं. ऐसे में देश में जागरुकता की जरूरता है.

"अंगदान महादान है. इससे मरता हुआ व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जीवन देकर जाता है. अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है. इसीलिए वे लोग लगातार जागरुकता अभियान चला रहे हैं. अंगदान नहीं होने से ट्रांसप्लांट के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. लिहाजा लोगों को इस दिशा में आगे आने की जरूरत है."- डॉ. मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस पटना

World Organ Donation Day
आईजीआईएमएस अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल (ETV Bharat)

अंगदान नहीं होने से ट्रांसप्लांट के लिए लंबा इंतजार: पटना आईजीआईएमएस के अधीक्षक और स्टेट ऑर्गन टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन अर्थात साटो के अध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अंगदान की कमी के कारण अस्पताल में ट्रांसप्लांट सुविधा होने के बावजूद कई मरीज ट्रांसप्लांट के इंतजार में है. आईजीआईएमएस में लिवर ट्रांसप्लांट भी होता है और अब तक मात्र दो ट्रांसप्लांट हुए हैं. अभी के समय अस्पताल के ट्रांसप्लांट यूनिट में 15 मरीज लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है. अस्पताल में 50 से अधिक लोग किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में है. अब तक अस्पताल में 115 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं.

इन अंगों का कर सकते हैं दान: डॉ मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान में 855 कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि जीवन रहते किडनी और स्किन का कुछ हिस्सा डोनेट किया जा सकता है. जीवन के बाद अर्थात मरने पर अथवा ब्रेन डेड की स्थिति में कई अंग डोनेट किया जा सकता है. आंखों के लिए कॉर्निया, स्किन, बोन (हड्डी), लिवर, किडनी, लंग्स, हार्ट, इंटेस्टाइन, पेनक्रियाज, का दान सिर्फ एक मरीज से किया जा सकता है.

'अंगदान के लिए आगे आना चाहिए': स्टेट ऑर्गन टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन अर्थात साटो के अध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने कहते हैं, 'मैं तो चाहता हूं कि अगले 10 वर्षों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में देश में संस्थान नंबर वन बने. इसके लिए जरूरी है कि लोग अंगदान के लिए आगे आएं. अंगदान करने वाले व्यक्ति के परिजनों को जरूरत पड़ने पर ट्रांसप्लांट में प्राथमिकता मिलती है.'

ये भी पढ़ें:

विश्व अंगदान दिवस : जानें क्यों जरूरी है अंगदान, भारत में क्या है स्थिति - World Organ Donation Day

Organ Donation Day: अंगदान से हजारों लोगों को मिल सकता है नया जीवन

World Organ Donation Day : भारत में हर साल अंग दान के अभाव में मर जाते हैं 5 लाख लोग, जानिए क्या है विश्व अंगदान दिवस का महत्व

पटना: नेशनल ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (NOTTO) के अनुसार, 2023 तक भारत में कुल 4,49,760 अंगदाता थे. यह आंकड़ा कई देशों की तुलना में काफी कम है. भारत में हर साल 1.8 लाख लोग किडनी फेल का शिकार होते हैं लेकिन करीब 6 हजार किडनी ट्रांसप्लांट किए जाते हैं. इसी तरह लिवर ट्रांसप्लांट की 25000 लोगों को जरूरत होती है लेकिन 1500 लोग लीवर डोनेट करते हैं. ऐसे में देश में जागरुकता की जरूरता है.

"अंगदान महादान है. इससे मरता हुआ व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को जीवन देकर जाता है. अंगदान को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी है. इसीलिए वे लोग लगातार जागरुकता अभियान चला रहे हैं. अंगदान नहीं होने से ट्रांसप्लांट के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. लिहाजा लोगों को इस दिशा में आगे आने की जरूरत है."- डॉ. मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस पटना

World Organ Donation Day
आईजीआईएमएस अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल (ETV Bharat)

अंगदान नहीं होने से ट्रांसप्लांट के लिए लंबा इंतजार: पटना आईजीआईएमएस के अधीक्षक और स्टेट ऑर्गन टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन अर्थात साटो के अध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अंगदान की कमी के कारण अस्पताल में ट्रांसप्लांट सुविधा होने के बावजूद कई मरीज ट्रांसप्लांट के इंतजार में है. आईजीआईएमएस में लिवर ट्रांसप्लांट भी होता है और अब तक मात्र दो ट्रांसप्लांट हुए हैं. अभी के समय अस्पताल के ट्रांसप्लांट यूनिट में 15 मरीज लिवर ट्रांसप्लांट के इंतजार में है. अस्पताल में 50 से अधिक लोग किडनी ट्रांसप्लांट के इंतजार में है. अब तक अस्पताल में 115 किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं.

इन अंगों का कर सकते हैं दान: डॉ मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान में 855 कॉर्निया ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि जीवन रहते किडनी और स्किन का कुछ हिस्सा डोनेट किया जा सकता है. जीवन के बाद अर्थात मरने पर अथवा ब्रेन डेड की स्थिति में कई अंग डोनेट किया जा सकता है. आंखों के लिए कॉर्निया, स्किन, बोन (हड्डी), लिवर, किडनी, लंग्स, हार्ट, इंटेस्टाइन, पेनक्रियाज, का दान सिर्फ एक मरीज से किया जा सकता है.

'अंगदान के लिए आगे आना चाहिए': स्टेट ऑर्गन टिशु ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन अर्थात साटो के अध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने कहते हैं, 'मैं तो चाहता हूं कि अगले 10 वर्षों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में देश में संस्थान नंबर वन बने. इसके लिए जरूरी है कि लोग अंगदान के लिए आगे आएं. अंगदान करने वाले व्यक्ति के परिजनों को जरूरत पड़ने पर ट्रांसप्लांट में प्राथमिकता मिलती है.'

ये भी पढ़ें:

विश्व अंगदान दिवस : जानें क्यों जरूरी है अंगदान, भारत में क्या है स्थिति - World Organ Donation Day

Organ Donation Day: अंगदान से हजारों लोगों को मिल सकता है नया जीवन

World Organ Donation Day : भारत में हर साल अंग दान के अभाव में मर जाते हैं 5 लाख लोग, जानिए क्या है विश्व अंगदान दिवस का महत्व

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.