हैदराबाद: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का महापर्व बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. शास्त्रों में इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. धार्मिक मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन व्रत रखता है और विधि-विधान से पूजा करता है, उसकी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूरी होती हैं. यदि आप भी इस बार महाशिवरात्रि पर पूजा करने या व्रत रखने का संकल्प लेने जा रहे हैं, तो शुभ मुहूर्त जानना आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. शुभ समय में की गई पूजा से सकारात्मक परिणाम मिलने में देर नहीं लगती।
महाशिवरात्रि 2025 कब है?
हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी, 2025 को सुबह 11:08 बजे से शुरू हो रही है और 27 फरवरी, 2025 को सुबह 08:54 बजे तक रहेगी. इसलिए महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी.
निशिता काल पूजा समय
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुसार निशिता काल पूजा का समय 27 फरवरी को 12:09 AM से 12:59 AM तक रहेगा. यह 50 मिनट का समय पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है.
रात्रि चार प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि की रात्रि चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है. प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव की आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 06:19 PM से 09:26 PM
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 09:26 PM से 12:34 PM, 27 फरवरी
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 12:34 AM से 03:41 AM, 27 फरवरी
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 03:41 AM से 06:48 AM 27 फरवरी
व्रत पारण समय
महाशिवरात्रि के व्रत का पारण 27 फरवरी को सुबह 06:48 से 08:54 के बीच करना शुभ है.
उमाशंकर मिश्र का कहना है कि किसी भी शुभ तिथि के दिन यदि शुभ मुहूर्त में पूजा की जाए, व्रत का संकल्प लिया जाए और फिर शुभ मुहूर्त में ही व्रत का पारण किया जाए, तो यह माना जाता है कि इससे मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं. इसलिए, महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें.
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