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ट्रेवलिंग करते समय बचना है तेज गर्मी और हीट स्ट्रोक से तो जरूर बरतें ये सावधानी - Heatstroke precautions - HEATSTROKE PRECAUTIONS

Heatstroke Precautions : गर्मी के मौसम में कई समस्याएं हैं जो कम या ज्यादा गंभीर प्रभाव दिखा सकती हैं. वहीं यदि ऐसे मौसम में जब हीट वेव चल रही हो या तापमान 45 डिग्री के आसपास या उससे भी ज्यादा हो तो सफर करना हीट स्ट्रोक का कारण बन सकता है. ऐसे में समस्याओं व परेशानियों से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि घर से बाहर निकलते समय जरूरी सावधानियों का ध्यान रखा जाए. Heat Stroke , Heat Wave , Heatstroke , Summer health tips , HeatWave

HEATSTROKE PRECAUTIONS DURING TRAVELLING IN SUMMER HIGH TEMPATURE HEATWAVE
कॉन्सेप्ट इमेज (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 27, 2024, 7:55 AM IST

Updated : May 27, 2024, 8:39 AM IST

हैदराबाद: हाल ही में शाहरुख खान को हीट स्ट्रोक होने की खबर सभी न्यूज़ चैनल की सुर्खियां बनी. वहीं आजकल सोशल मीडिया पर भी तेज गर्मी के प्रकोप से जुड़ी खबरें आती ही रहती हैं. वैसे तो हर मौसम के अपने फायदे नुकसान होते हैं लेकिन गर्मी का मौसम कई बार कई गंभीर समस्याओं के साथ व्यक्ति के जीवन तक के लिए खतरे का कारण बन सकता है. चिकित्सकों के अनुसार भी लू लगना या Heat Stroke होना तथा उससे जुड़ी कई अन्य समस्याएं मेडिकल इमरजेंसी का कारण बन सकती हैं.

चिकित्सक तेज गर्मी के मौसम में शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथघर के बाहर कम निकलने सहित कई सुझाव देते हैं. जिससे गर्मी के कारण होने वाली समस्याओं से बचा जा सके. लेकिन ऐसे लोग जिन्हें नौकरी या अन्य कारणों से सफर करना ही पड़ता है या ज्यादा देर तक धूप में रहना पड़ता है उन्हें किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए यह जानने के लिए ETV भारत सुखीभव ने अपने विशेषज्ञ से बात की.

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हीट स्ट्रोक के प्रभाव
भोपाल के जनरल फिजीशियन डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि Heat Stroke में शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. Heat Stroke के प्रभाव में आने के बाद यदि तत्काल पीड़ित के शरीर के तापमान को कम करने के लिए प्रयास ना किया जाय तथा उसे तत्काल प्राथमिक उपचार ना दिया जाय तो पीड़ित तो चक्कर, कमजोरी, उल्टी-मतली, हीट क्रैम्प्स, भ्रम , दौरे, बेहोशी, सांस व दिल धड़कने की रफ्तार तेज होना, डायरिया, सामान्य बुखार, टाइफाइड तथा तेज सरदर्द होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं. वहीं इसके गंभीर प्रभाव किडनी, लिवर व कुछ अन्य अंगों को नुकसान पहुंचने और यहां तक की मृत्यु का कारण भी बन सकते हैं.

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सफर में सावधानी
वह बताते हैं की सामान्य तौर पर दिन में तेज धूप के संपर्क में ज्यादा देर तक ना रहने, ज्यादा शरीरिक श्रम ना करने, ज़्यादा मात्रा में पानी पीने जिससे शरीर हाइड्रेट रह सके, तेज धूप में निकलते समय धूप के चश्में, छाते या टोपी का उपयोग करने, जिससे सीधे तौर पर धूप के संपर्क में आने से बचा जा सके, से मौसम के प्रकोप से कुछ हद तक राहत मिल सकती है. लेकिन ऐसे लोग जिनके लिए धूप में काम या अन्य कारण से सफर के लिए निकलना मजबूरी है, या फिर जो लोग वेकेशन मनाने के लिए सफर पर निकल रहे हैं, उनके लिए रास्ते में कुछ सावधानियों को बरतना बहुत जरूरी है . जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

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  1. ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं.
  2. सफर में साथ में ORS , इलेक्ट्रोलाइट्स पाउडर तथा ग्लूकोज ( Electrolytes Powder and Glucose ) जरूर रखें. तथा हीट स्ट्रोक से जुड़े हल्के लक्षण नजर आने पर भी उनका सेवन करें.
  3. पानी के अलावा नारियल पानी, नींबू पानी या अन्य तरल पदार्थ, दही, सलाद, तथा ऐसे फल व आहार लेते रहें जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा हो.
  4. तेज धूप के सीधे संपर्क में आने से बचने के लिए अच्छी क्वालिटी वाले धूप के चश्मे, छाते, टोपी/हैट, दुपट्टा, सूती दस्तानों व जुराबों का उपयोग करें.
  5. सफर में ढीले व हल्के, जहां तक संभव हो सूती कपड़े पहनें, जो हवा को शरीर तक पहुंचने में और पसीने को सुखाने में मदद करते हैं. सूती कपड़े त्वचा को ठंडा रखने में भी मदद करते हैं.
  6. यदि संभव हो, तो दिन के सबसे गर्म समय (दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच) सफर करने से बचें. सुबह जल्दी या शाम को सफर करना बेहतर होता है जब तापमान थोड़ा कम होता है.
  7. सफर के दौरान बीच-बीच में ठंडी और छायादार जगहों पर रुकें. इससे शरीर को आराम मिलेगा और अत्यधिक गर्मी से बचाव होगा.
  8. थोड़ी थोड़ी देर बाद हाथों व चेहरे को पानी में भीगे कपड़े से पोछने से भी शरीर का तापमान कम होता है.
  9. अगर आप गाड़ी से सफर कर रहे हैं, तो एयर कंडीशनिंग का उपयोग करें. लेकिन ध्यान रहे कि यदि गाड़ी बहुत कुछ देर तक धूप में बंद खड़ी रही है तो गाड़ी स्टार्ट करने के बाद कुछ समय तक एसी चालू करने के साथ खिड़की भी खोल कर रखें. थोड़ी देर बाद उन्हे बंद कर दें.
  10. सफर मे प्राथमिक चिकित्सा किट जरूर रखें. जिसमें ORS तथा कूलिंग पैक के साथ जरूरी दवाइयां भी हों.

प्राथमिक चिकित्सा
डॉ राजेश बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति अचानक से Heat Stroke का शिकार हो जाए तो उसे चिकित्सक को दिखाना बेहद जरूरी होता है. लेकिन साथ ही बहुत जरूरी होती है प्राथमिक चिकित्सा. जो चिकित्सक तक पहुंचने या मदद मिलने तक पीड़ित की हालत को बिगड़ने से रोग सकती है. Heat Stroke होने पर चिकित्सक के पास पहुंचने तक या उनके पीड़ित तक पहुंचने से पहले प्राथमिक चिकित्सा में जिन चरणों को अपनाना जरूरी होता है वह इस प्रकार हैं.

  1. पीड़ित व्यक्ति को ठण्डे पानी से स्पंज करें या उस पर ठण्डे पानी की फुहारें डालते हुए पंखा झलें.
  2. गर्दन, बगल और कमर पर गीले व ठंडे तौलिये रखें.
  3. पीड़ित व्यक्ति को ठंडी, नम चादर से ढकें और उस पर भी पानी का हल्का छिड़काव करते रहें.
  4. पीड़ित को ठंडा पानी, Electrolytes Powder , Glucose दें.
  5. यदि व्यक्ति बेहोश हो गया हो और उसकी सांसे हल्की चल रही हों तो सीपीआर शुरू करें. Heat Stroke , Heat Wave , Heatstroke , Shah Rukh Khan , HeatWave , Summer health tips

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Last Updated : May 27, 2024, 8:39 AM IST

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