शरीर को स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है. पानी पीने से कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है. लेकिन अधिक पानी पीना भी हानिकारक हो सकता है. इसलिए आपको पता होना चाहिए कि शरीर को कितने पानी की जरूरत है. हर किसी के मन में यह सवाल आता है कि हम कैसे जान सकते हैं कि शरीर को कितने पानी की आवश्यकता है और कितने की नहीं? ऐसे में डॉ. चैताली राठौड़ ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने इस सवाल का जवाब दिया है.
डॉ. चैताली राठौड़ के अनुसार, पेशाब का रंग आपको बता सकता है कि शरीर को कितने अधिक पानी की जरूरत है. दरअसल, पेशाब के रंग में बदलाव, पेशाब के दौरान जलन, पेशाब के दौरान झाग निकलना डिहाइड्रेशन का सबसे मुख्य कारण हो सकता है. कम पानी पीने के चलते वेजाइनल इंफेक्शन, ब्लैडर इंफेक्शन, कैलमाइडिया, किडनी स्टोन की समस्या सामने आ सकती है. अगर आप या आपके आस-पास कोई भी ऐसी ही समस्या का सामना कर रहा है, तो सुझाव दें कि तुरंत वे डॉक्टर से सलाह लें.
वहीं, अधिक पानी पीने से शरीर को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. इसे वाटर इंटॉक्सिकेशन या ओवरहाइड्रेशन भी कहा जाता है. अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट अनबैलेंस हो जाता है. इससे सिरदर्द, उल्टी, बेहोशी, और कोमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
ये गलतियां मत करो.
वहीं, कुछ लोग बिना डॉक्टर से सलाह लिए खुद को हाइड्रेट रखने के लिए कुछ ऐसे तरीके अपनाने लगते हैं, जो नुकसानदायक हो सकते हैं. इसलिए नीचे दी गई गलतियां न करें:-
- सुबह उठते ही सबसे पहले लीटर पानी पीना
- प्रतिदिन एक निश्चित मात्रा में पानी पीने का लक्ष्य रखना
- एक बार में बहुत सारा पानी गटकना
- प्यास की इच्छा को अनदेखा कर देना और बाद में अधिक मात्रा में पानी पीना.
डॉ. चैताली राठौड़ का कहना है कि किसी को भी ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए. शरीर की स्थिति, बीमारी, दवाओं, गतिविधि के स्तर और मौसम के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को पानी की मात्रा अलग-अलग होनी चाहिए.
अम्बर पीला:यदि आपके मूत्र का रंग अम्बर है, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है.
गहरा पीला:इस रंग का मूत्र का अर्थ है कि आपके शरीर को अधिक हाइड्रेशन की आवश्यकता है.
हल्का पीला रंग:हल्के पीले रंग का मूत्र सामान्य है. इसका मतलब है कि आपका शरीर अच्छी तरह से हाइड्रेटेड है.
कोई रंग नहीं:यदि आप खूब सारा पानी पीते हैं तो आपके मूत्र का रंग बदल जाएगा. यदि ऐसा होता है, तो आपको पानी की मात्रा कम करनी होगी.
पारदर्शी पीला:मूत्र का पारदर्शी पीला रंग भी सामान्य है.
अपने शरीर की जरूरत के अनुसार पानी पियें.
डॉ. चैताली राठौड़ का कहना है कि पानी हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी चीज है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम ज्यादा या कम पानी पिएं. आपके मूत्र पथ का प्रत्येक अंग निर्जलीकरण और अतिजलयोजन से प्रभावित होता है. इसलिए अपने शरीर की जरूरत के हिसाब से ही पानी पिएं. जब आप बहुत अधिक पानी पीते हैं, तो आपकी किडनी अतिरिक्त पानी से छुटकारा नहीं पा पाती और आपके खून में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है. इसे हाइपोनेट्रेमिया कहते हैं और यह जानलेवा हो सकता है.
बहुत अधिक पानी पीने के क्या साइड इफेक्ट हैं?
- अधिक पानी पीने के लक्षण डिहाइड्रेशन के लक्षणों जैसे लग सकते हैं...
- मतली या उल्टी आना
- सिर में तेज दर्द
- हाथों, पैरों और होंठों का रंग बदलना
- पेट फूलना और गैस
- पोषक तत्वों के अवशोषण से जुड़ी समस्याएं
- पेशाब में वृद्धि
- पेट में असुविधा
- सिरदर्द, भ्रम, मतली और गंभीर मामलों में दौरे या कोमा जैसे लक्षण हो सकते हैं
खाने के बाद आपको कितना पानी पीना चाहिए?
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण है, लेकिन संयम भी बहुत महत्वपूर्ण है. विशेषज्ञ आमतौर पर खाने के बाद कम से कम 30 मिनट से एक घंटे तक पर्याप्त मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं. यदि आपको भोजन के बाद पानी पीने की आवश्यकता हो, तो संभावित पाचन समस्याओं से बचने के लिए इसे एक छोटे गिलास, लगभग 4-8 औंस तक सीमित रखें.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. इनका पालन करने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा है.)