नई दिल्ली: दिल्ली की सत्ता में भाजपा की 27 सालों बाद वापसी हो रही है. विधानसभा चुनाव नतीजे में पार्टी के प्रदर्शन से प्रदेश से लेकर केंद्र के नेता गदगद हैं. आम आदमी पार्टी के नंबर वन नेता अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव हार गए. वहीं दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसोदिया भी जंगपुरा विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं. ऐसे में भाजपा की जीत कई मायने में खास हो गई है.
राजनीति विश्लेषक अजय पांडेय कहते हैं ''सत्ता विरोधी लहर के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की मुफ्त योजनाओं पर जनता ने इस बार यकीन नहीं किया. दिल्ली की जनता ने भाजपा के संकल्प पत्र पर भरोसा कर इस बार जिस तरह वोट दिया, उससे 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया. जिस आक्रामकता के साथ भाजपा ने जीत दर्ज की है, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैक्टर की भूमिका सबसे अहम मानी जा सकती है.
नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले भाजपा के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा की जीत पर उनकी बहन मनीषा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि '' भाई के अंदर जज्बा है, उसी का नतीजा है की नई दिल्ली की जनता का भरोसा वह जितने में सफल रहे.'' क्या प्रवेश वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं? इस सवाल पर मनीषा ने कहा कि ''यह फैसला पार्टी के शीर्ष नेता करेंगे. उन्होंने हमेशा अपनी जिम्मेदारी को 100 फीसद पूरा करने की कोशिश की है और उनकी जीत से सब खुश हैं.''
दिल्ली चुनाव में भाजपा के जीत के 10 खास फैक्टर:
- मोदी की गारंटी और ब्रांड मोदी, जिसमें चुनावी सभाओं के द्वारा कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पार्टी ने जो संकल्प पत्र जारी किया है, वह मोदी की गारंटी है.
- केंद्र में भाजपा सरकार और दिल्ली में भी पार्टी की सरकार को डबल इंजन की सरकार बता कर काम में तेजी आने की बात पूरे चुनाव प्रचार के दौरान जोर-जोर से की गई थी.
- भाजपा का माइक्रो मैनेजमेंट, जिसके तहत बूथ स्तर के कार्यकर्ता से लेकर पार्टी नेता तक को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई थी. यह पहला चुनाव था, जिसमें प्रधानमंत्री ने खुद बूथ कार्यकर्ताओं के साथ संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया था.
- भाजपा अपने कैडर वोटरों के अलावा हर मतदाता को घर से बाहर निकालने में सफल रही. इस बार मतदाताओं को घर पर मतदान पर्ची पहुंचने के लिए प्रत्याशी स्वयं घर-घर तक पहुंचे.
- प्रधानमंत्री द्वारा पार्टी के संकल्प पत्र में की गई घोषणाएं, जिसमें जनहित की हर योजनाओं को जारी रखने की बात कही गई थी, उसे पार्टी के नेता सही तरीके से मतदाताओं तक पहुंचने में सफल रहे.
- भाजपा के लिए चुनाव प्रचार में संघ की भूमिका अहम रही. संघ का जबरदस्त समर्थन रहा. यह भी एक बहुत बड़ा फैक्टर भाजपा के पक्ष में गया.
- चुनावी घोषणा नहीं सिर्फ संकल्प पत्र के जरिए जनता के बीच जाना और उनका भरोसा पाने की कोशिश भाजपा के लिए फायदेमंद रही.
- आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचार पर भाजपा द्वारा शुरू से की जा रही चोट ने एक बड़ा डेंट देने का काम किया. दिल्ली शराब घोटाला हो या फिर केजरीवाल के सरकारी आवास शीशमहल में अवैध निर्माण और करोड़ों रुपए के सौंदर्यीकरण, इस मुद्दे को तूल देखकर पार्टी की रणनीति के तहत प्रचार कारगर साबित हुआ.
- दिल्ली देश की राजधानी है, मगर बीते वर्षों में इसकी जो दुर्दशा हुई है, इस पर भाजपा के शीर्ष नेताओं ने तल्ख टिप्पणी की. प्रधानमंत्री ने खुद कहा कि दिल्ली को वे मॉडर्न सिटी बनाना चाहते हैं, भाजपा ऐसा करेगी ये बात भी मतदाताओं का भरोसा पाने में सफल रही.
- दिल्ली में यमुना की दुर्दशा और प्रदूषण से दमघोंटू माहौल, लगातार भाजपा के चुनाव प्रचार में सबसे ऊपर रहा. इन दोनों मुद्दों पर पार्टी ने मतदाताओं से वोट देने की अपील कारगर साबित हुई. यूपी के मुख्यमंत्री योगी का केजरीवाल को डुबकी लगाने की चैलेंज और हरियाणा के सीएम नयाब सैनी का यमुना का पानी पीना जहर मिलाने के आप के दावे को एक्सपोज, इसी कड़ी का हिस्सा था.
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