महाकुंभ में चार अमृत स्नान हो चुके हैं और पांचवां भी होने वाला है. ऐसे में शहर में भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. श्रद्धालु ट्रेन और अपने निजी वाहनों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं. ऐसे में अगर आप ट्रेन से यात्रा करने की योजना बना रहे हैं या आज पहुंचने वाले हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत उपयोगी है, अन्यथा स्टेशन पर उतरने के बाद आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, रेलवे ने भीड़ के चलते बदलाव कुछ किए हैं, आप भी जानें इसके बारे में और बचें परेशानी से, बता दें, संशोधित व्यवस्था अगली सूचना तक प्रभावी रहेगी...
उत्तर मध्य रेलवे ने जानकारी दी है कि 2025 महाकुंभ के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा और सुगम प्रवेश या निकास के लिए प्रयागराज जंक्शन पर आज सुबह 8:00 बजे से अगले आदेश तक वन-वे आवाजाही प्रभावी रहेगी. इसका मतलब है कि आप एक रास्ते से प्रवेश करेंगे और दूसरे रास्ते से बाहर निकलेंगे.
जानें कहां से प्रवेश और कहां से बाहर निकलें
महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं को सिटी साइड (प्लेटफॉर्म नंबर 1 की तरफ) से प्रवेश की अनुमति होगी और सिविल लाइंस साइड से ही बाहर निकलने की अनुमति होगी. पहले दोनों तरफ से प्रवेश और बाहर निकलने की अनुमति थी.
अनारक्षित यात्रियों का ध्यान
अनारक्षित यात्री कृपया ध्यान दें, यात्रियों को दिशात्मक यात्री आश्रयों से प्रवेश की अनुमति होगी. यात्री आश्रयों पर इनके लिए टिकट की व्यवस्था की गई है. अनारक्षित टिकट काउंटर, एटीवीएम और मोबाइल टिकटिंग के रूप में उपलब्ध होंगे.
यहां से आपको प्रवेश मिलेगा.
अनारक्षित यात्रियों को गेट नंबर 5 से प्रवेश की अनुमति होगी और ट्रेन आने से आधे घंटे पहले प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने की अनुमति होगी. इसलिए अनारक्षित यात्रियों को अपनी ट्रेन का समय देखकर ही स्टेशन जाना चाहिए. अन्यथा उन्हें बाहर इंतजार करना पड़ सकता है.
महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है, जिसमें लाखों श्रद्धालु, संत और आध्यात्मिक साधक प्रयागराज आते हैं. इस आध्यात्मिक उत्सव के केंद्र में पवित्र स्नान या शाही स्नान की काफी मान्यता और परंपरा है, जो गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर होता है. इस दिव्य कार्य को आध्यात्मिक शुद्धि और पुनर्जन्म के लिए जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर माना जाता है.
महाकुंभ के दौरान इन तारीखों को बनेगा शाही स्नान के शुभ संयोग
- पहला शाही स्नान 13 जनवरी 2025 को हो गया.
- दूसरा शाही स्नान 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के मौके पर हुआ
- मौनी अमावस्या पर तीसरा शाही स्नान किया गया. यह 29 जनवरी बुधवार के दिन हुआ.
- बसंत पंचमी के मौके पर को चौथा शाही स्नान किया जा चुका है, जो 3 फरवरी, 2025 सोमवार को हुआ
- वहीं, माघी पूर्णिमा को पांचवां शाही स्नान होगा, जो 12 फरवरी 2025 बुधवार के दिन को पड़ रहा है.
- छठा शाही स्नान अंतिम शाही स्नान होगा जो 26 फरवरी 2025 महाशिवरात्रि के मौके पर होगा और इसी के साथ महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा