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हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान, दर्द और घाव से दिलाए राहत - ARCHA HERB BENEFITS

हिमालय कई बेशकीमती जड़ी-बूटियों की खान है. यहां कई तरह की जड़ी-बूटियां पाई जाती है, जो शायद ही कहीं और पाई जाती होंगी...

Archa, a divine medicine found in the Himalayas
हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)

By ETV Bharat Health Team

Published : Dec 10, 2024, 2:43 PM IST

हिमालय में कई तरह की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं, जिनके बारे में आम लोगों को जानकारी तक नहीं होती है. रामायण के मुताबिक, हनुमान जी ने भी हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए थे. आज ईटीवी भारत भी आप को एक ऐसी ही जड़ी बूटी के बारे में बताने जा रहा है, जिसके बारे में हिमालय क्षेत्र में रहने वाले लोग तो जानते है लेकिन अन्य लोगों को इसके बारे शायद ही जानकारी होगी. दरअसल, हिमालय क्षेत्र के लोग इस जड़ी-बूटी का उपयोग करने से पेट दर्द की समस्या दूर करने के लिए किया करते हैं. यह एक ऐसा दिव्य औषधि है जिससे पेट के सारे विकार खत्म किये जाते है...

हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)

3000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पाई जाती है यह दिव्य औषधि
बता दें, इस दिव्य जड़ी-बूटी का नाम आर्चा (रियम इमोडी) है. आर्चा पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पाया जाता है. यह पौधा हिमालय क्षेत्र में 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले बुग्याल और चट्टान वाले क्षेत्रों में पाया जाता है. गढ़वाल विश्विद्यालय उच्च हिमालयी पादप कार्यिकी शोध केंद्र के शोधकर्ता ओर गेस्ट फैकल्टी के तौर पर कार्य कर रहे डॉ. अंकित रावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि आर्चा (रियम इमोडी) एक ऐसा पौधा है, जो कई रोगों से निपटने में कारगर होता है और यह केवल हिमालय क्षेत्रों में 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली जगहों में होता है. इसमें कई औषधीय गुण होते हैं.

हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)
हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)

पेट से संबंधित रोगों के लिए माना जात है रामबाण
डॉ. अंकित रावत ने आगे बताया कि इस पौधे के जड़ों का प्रयोग पेट संबंधित विकारों में किया जाता है. जैसे पेट में गर्मी होना, पेट दर्द और पेट में मरोड़ जैसे रोगों में इसके काढ़े का प्रयोग कर राहत मिलती है. इसके काढ़े का प्रयोग पेट विकारों में नियमित रूप से किया जा सकता है. इसके अलावा अगर कोई अंदरूनी चोट जिसमें लंबे समय से दर्द हो रहा हो, तो इसकी पत्तियों का लेप लगाकर काफी आराम मिलता है. चोट या अन्य किसी भी प्रकार के घावों के लिए इसके लेप को रामबाण माना जाता है. घाव पर इसके प्रयोग से वह धीरे-धीरे ठीक होने लगता है.

हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)
हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)

इस जड़ी-बूटि की खेता करनी बेहद जरूरी
डॉ. अंकित बताते हैं कि यह पौधा अब हिमालय से धीरे-धीरे विलुप्त हो रहा है. इसके लिये इस पौधे की हिमालय क्षेत्र में खेती करने की आवश्यकता है. बाजार में इस पौधे की प्रति किलो के हिसाब से 250 रुपये से लेकर 500 रुपये किलो तक है. हिमालय क्षेत्र के लोग सालों से इस पौधे का प्रयोग अपने दैनिक जीवन में करते आ रहे हैं. इस पौधे की खेती बीज बुवाई द्वारा की जाती है और दिसंबर माह इस पौधे की बीज बुवाई के लिये उपयुक्त होता है. इस पौधे की खेती के लिए दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है. इसकी खेती से पर्वतीय क्षेत्र के किसानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है. ये जड़ी-बूटियां कई रोगों के इलाज में कारगर होती है.

हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)
हिमालय में पाई जाने वाली यह दिव्य औषधि पेट के लिए वरदान (Photo Credit- Dr. Ankit Rawat)


(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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