सर्दियों का मौसम कई बीमारियों को लेकर आता है, साथ में बहुत ही ऐसी बीमारियां होती हैं जो सर्दियों के मौसम में बढ़ जाती हैं, ऐसे में हर किसी को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है. गौरतलब है कि ठंड के मौसम में इम्यूनिटी सिस्टम अन्य मौसम की तुलना में कमजोर हो जाता है. जिस वजह से छोटी-मोटी बीमारियां भी हमें जल्दी जकड़ लेती हैं.
हमारे शरीर को उन बीमारियों से लड़ने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. जिसके कारण शरीर में कमजोरी बढ़ने लगती है और हमारा शरीर बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ने की क्षमता भी खो बैठता है. ऐसे में आज इस खबर के माध्यम से जानें कि कौन सी बीमारियां सर्दियों में ज्यादा बढ़ जाती हैं और क्यों...
ठंड के मौसम में इन सबसे ज्यादा बढ़ जाती है यह बीमारियां...
हार्ट प्रॉब्लम और बीपी की समस्या- ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के अनुसार, ठंड का मौसम आपके ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ा सकता है. कम तापमान से ब्लड वेसल्स सिकुड़ सकते हैं. जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, वहीं, कोलेस्ट्रॉल का लेवल इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि लोग ठंड के मौसम में ज्यादा आरामदायक (अनहेल्दी) खाना खाते हैं, जिसकी वजह से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ता है. इसी की वजह से कार्डियक अरेस्ट या हार्ट रिलेटेड प्रॉब्लम हो सकते हैं.
वहीं, वैज्ञानिकों के मुताबिक, ठंड के मौसम में अपने आपको गर्म रखने के लिए आपके दिल को पूरे शरीर में ऑक्सीजन पंप करने के लिए दोगुनी ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, ऐसे में ठंड के कारण आपकी ब्लड वेसल्स और कोरोनरी धमनियां सिकुड़ सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और ब्लड फ्लो रूक जा सकता है. जिसके कारण हार्ट को ऑक्सीजन की सप्लाई कम हो जाती है, जो अंत में दिल के दौरे का कारण बन सकती है.
डायबिटीज- एक शोध के मुताबिक, ठंड के मौसम में डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. क्योंकि ठंड में लोग कम्फर्ट फूड (कार्बोहाइड्रेट और हाई शुगर वाला खाना) खाते हैं. जिसकी वजह से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. इसके अलावा ठंड के मौसम में लोग एक्सरसाइज करने में भी आलस करते हैं. ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी नही हो पाती है, जिसकी वजह से भी शुगर लेवल बढ़ जाता है.
मेंटल हेल्थ इश्यूज, स्ट्रेस और डिप्रेशन - ठंड के मौसम में कई लोग विंटर ब्लूज यानी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर से पीड़ित होते हैं. सूरज की रोशनी इस मौसम में कम आती है. इससे आपके सेरोटोनिन यानी गुड फीलिंग वाले हार्मोन का लेवल गिर सकता है. जिसकी वजह से मेंटल हेल्थ की प्रॉब्लम हो सकती है.
सांस रिलेटेड समस्याएं- ज्यादा ठंड की वजह से चेस्ट में एयरवेज टाइट हो जाते हैं. जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है. जिससे ब्रीदिंग रेट बढ़ जाती है. बता दें, अस्थमा के मरीज इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. इस मौसम में ड्राई एयर सीधे फेफड़ों में जाती है और एयरवेज में सूजन का कारण बनती है.
आर्थराइटिस और जोड़ों में दर्द- ठंड के मौसम में आर्थराइटिस से पीड़ित लोगों का दर्द भी बढ़ता है. डॉक्टरों के अनुसार, जोड़ों में दर्द न हो , इसके लिए खुद को हाइड्रेट रखना चाहिए. साथ ही स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज भी करनी चाहिए.
एलर्जी - कुछ एलर्जी की समस्याएं भी ठंड में बढ़ जाती हैं. वास्तव में एलर्जी कई प्रकार की होती है जो पर्यावरण, कुछ खाद्य पदार्थों, मौसम या दवाओं सहित कई कारणों से उत्पन्न हो सकती है. कुछ प्रकार की एलर्जी को दवा से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कई बार ये एक स्थायी समस्या बन जाती है जो संबंधित एलर्जेन के संपर्क में आने के तुरंत बाद ट्रिगर हो जाती है. जनरल फिजीशियन डॉ. कुमुद सेनगुप्ता ने बताया कि एलर्जी के कई कारण होते हैं. हालांकि, अधिकांश एलर्जी के लिए हमारे शरीर का इम्यून सिस्टम जिम्मेदार होता है.
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