नई दिल्ली: केंद्र सरकार रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को सोशल सिक्योरिटी के तहत किए लाभ देने पर विचार कर रही है. इनमें कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े कर्मचारियों को अपने पीएफ फंड को पेंशन में बदलने का ऑप्शन भी शामिल है. अगर सरकार इस नियम को लागू कर देती है तो इससे इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन मिल सकेगी.
संभावना जताई जा रही है कि आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में भी सरकार सामाजिक सुरक्षा से जुड़े इन नियमों का ऐलान कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार के निर्देश पर श्रम और रोजगार मंत्रालय पहले से ही सामाजिक सुरक्षा योजना का दायरा बढ़ाने के ऑप्शन पर काम कर रहा है.
गौरतलब है कि अगर कर्मचारियों को अपने पीएफ फंड को पेंशन में बदलने का ऑप्शन मिलता है कि तो बुढ़ापे में ज्यादा पेंशन चाहने वाले कर्मचारी अपने फंड में जमा धनराशि को पेंशन फंड में डाल सकता है. इससे पेंशन के तौर पर मिलने वाली धनराशि में इजाफा होगा.
आईटी सिस्टम का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही सरकार
केंद्र सरकार पीएफओ के सिस्टम को बैंकिंग की तरह बनाने पर भी काम कर रही है, जिससे लोगों को बैंकिंग जैसी सुविधा मिलने लगेगी.इस सुविधा का ऐलान बजट या फिर उसके बाद भी किया जा सकता है. इसको लेकर ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के बीच नियमित तौर पर चर्चा कर रहे हैं.
एक्स्ट्रा अंशदान पर आयकर छूट पर विचार
मंत्रालय का मानना है कि बहुत से लोग बैंक से मिलने वाले कम ब्याज प्रतिशत की वजह से एफडी नहीं करवाते हैं. इन लोगों का मानना है कि एफडी पर बैंक 7 प्रतिशत से भी कम ब्याज देती है, जबकि पीएफ खाते में पैसा जमा करने पर आठ फीसदी से अधिक का ब्याज मिलता है. ऐसे में उन्हें एकमुश्त जमा की सुविधा मिल जाए तो उससे लोग भविष्य की सुरक्षा के लिए ईपीएफ खाते में पैसा डालना शुरू करेंगे.
पीएफ अकाउंट में एकमुश्त पैसा जमा कराने की व्यवस्था
रिपोर्ट्स के मुताबिक मंत्रालय चाहता है कि ईपीएफओ सदस्यों को नियमित निर्धारित मासिक अंशदान के साथ-साथ एकमुश्त धनराशि अपने अकाउंट में जमा करने की अनुमति भी दी जाए. इस विकल्प पर काफी समय से चर्चा हो रही है, लेकिन अब तक इस पर सहमति नहीं बन सकी है. ऐसे में अगर सरकार कर्मचारियों को ऐसी सुविधा देती है तो उससे पीएफ अकाउंट में ज्यादा अंशदान जमा हो सकेगा और रिटायर होने पर कर्मचारियों को ज्यादा पेंशन मिलेगी.
रिटायरमेंट के बाद पीएफ फंड पर ब्याज
अगर किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय लगता है कि उसके पास इनकम के अन्य विकल्प हैं और वह 58 साल की आयु में पेंशन लेना नहीं चाहता है. इसके जगह वह पेंशन को 60-65 या अन्य किसी उम्र से शुरू करना चाहता है तो उन्हें ऐसा विकल्प भी मिल सकता है.
यह भी पढ़ें- RTGS-NEFT में मिलेगा UPI वाला फीचर्स, गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने की टेंशन होगी खत्म, RBI के निर्देश