ETV Bharat / business

70 या 90 घंटे काम करने का सुझाव देने वालों पर आनंद महिंद्रा का मजेदार जवाब - ANAND MAHINDRA ON WORKING HOURS

आप जितना देर भी काम करें, लेकिन गुणवत्ता को ध्यान में रखकर काम करें, यही काफी है. यह कहना है आनंद महिंद्रा का.

Anand Mahindra
आनंद महिंद्रा, महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन (ANI)
author img

By IANS

Published : Jan 11, 2025, 7:33 PM IST

नई दिल्ली : महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को कहा कि ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी 'काम की गुणवत्ता' है न कि 'काम की मात्रा'. उन्होंने देश के टॉप कॉर्पोरेट लीडर्स द्वारा शुरू किए गए कार्य-घंटे बैलेंस पर चल रही बहस पर बात की.

राष्ट्रीय राजधानी में 'विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025' कार्यक्रम में बोलते हुए, महिंद्रा ने खचाखच भरे सदन में कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है. बिजनेस लीडर ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं नारायण मूर्ति और दूसरे कॉर्पोरेट लीडर्स का बहुत सम्मान करता हूं. मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर. इसलिए यह 70 या 90 घंटे काम करने के बारे में नहीं है.”

आनंद महिंद्रा ने आगे कहा कि यह काम के आउटपुट पर निर्भर करता है और "आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं." जब उनसे पूछा गया कि वे काम पर कितने घंटे लगाते हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि यह समय के बारे में हो. मैं नहीं चाहता कि यह मात्रा के बारे में हो. मुझसे पूछें कि मेरे काम की गुणवत्ता क्या है. मुझसे यह न पूछें कि मैं कितने घंटे काम करता हूं."

उनके अनुसार, रिन्यूएबल एनर्जी का उनका स्रोत “युवा लोगों के साथ बातचीत कर अपनी बैटरी रिचार्ज करना” है. उन्होंने कहा, "आज, मैं अपनी सभी उम्मीदों पर खरा उतरा, इसलिए मेरी बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो गई है. इस हफ्ते वर्क-लाइफ बैलेंस पर विवाद तब शुरू हुआ जब एलएंडटी के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने कर्मचारियों को रविवार सहित सप्ताह में 90 घंटे काम करने का सुझाव दिया. आलोचनाओं का सामना करने के बाद, कंपनी ने कहा कि चेयरमैन की टिप्पणी राष्ट्र निर्माण की बड़ी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है.

बॉलीवुड सुपरस्टार दीपिका पादुकोण से लेकर आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका तक, शीर्ष हस्तियों ने सुब्रह्मण्यन की टिप्पणी की निंदा की. इस बीच, युवा मामलों का विभाग 10-12 जनवरी को भारत मंडपम में 'विकसित भारत युवा नेता संवाद' का आयोजन कर रहा है. यह आयोजन राष्ट्रीय युवा महोत्सव का नया रूप है, जिसका उद्देश्य युवाओं को 'विकसित भारत' के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशन पेश करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें : एलएंडटी प्रमुख का सुझाव, सप्ताह में 90 घंटे काम कीजिए, ‘कबतक पत्नी को निहारेंगे’

नई दिल्ली : महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने शनिवार को कहा कि ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की कुंजी 'काम की गुणवत्ता' है न कि 'काम की मात्रा'. उन्होंने देश के टॉप कॉर्पोरेट लीडर्स द्वारा शुरू किए गए कार्य-घंटे बैलेंस पर चल रही बहस पर बात की.

राष्ट्रीय राजधानी में 'विकसित भारत युवा नेता संवाद 2025' कार्यक्रम में बोलते हुए, महिंद्रा ने खचाखच भरे सदन में कहा कि यह बहस गलत दिशा में जा रही है. बिजनेस लीडर ने चुटकी लेते हुए कहा, “मैं नारायण मूर्ति और दूसरे कॉर्पोरेट लीडर्स का बहुत सम्मान करता हूं. मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि काम की मात्रा पर. इसलिए यह 70 या 90 घंटे काम करने के बारे में नहीं है.”

आनंद महिंद्रा ने आगे कहा कि यह काम के आउटपुट पर निर्भर करता है और "आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं." जब उनसे पूछा गया कि वे काम पर कितने घंटे लगाते हैं, तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि यह समय के बारे में हो. मैं नहीं चाहता कि यह मात्रा के बारे में हो. मुझसे पूछें कि मेरे काम की गुणवत्ता क्या है. मुझसे यह न पूछें कि मैं कितने घंटे काम करता हूं."

उनके अनुसार, रिन्यूएबल एनर्जी का उनका स्रोत “युवा लोगों के साथ बातचीत कर अपनी बैटरी रिचार्ज करना” है. उन्होंने कहा, "आज, मैं अपनी सभी उम्मीदों पर खरा उतरा, इसलिए मेरी बैटरी पूरी तरह से चार्ज हो गई है. इस हफ्ते वर्क-लाइफ बैलेंस पर विवाद तब शुरू हुआ जब एलएंडटी के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यन ने कर्मचारियों को रविवार सहित सप्ताह में 90 घंटे काम करने का सुझाव दिया. आलोचनाओं का सामना करने के बाद, कंपनी ने कहा कि चेयरमैन की टिप्पणी राष्ट्र निर्माण की बड़ी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है.

बॉलीवुड सुपरस्टार दीपिका पादुकोण से लेकर आरपीजी ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका तक, शीर्ष हस्तियों ने सुब्रह्मण्यन की टिप्पणी की निंदा की. इस बीच, युवा मामलों का विभाग 10-12 जनवरी को भारत मंडपम में 'विकसित भारत युवा नेता संवाद' का आयोजन कर रहा है. यह आयोजन राष्ट्रीय युवा महोत्सव का नया रूप है, जिसका उद्देश्य युवाओं को 'विकसित भारत' के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशन पेश करने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करना है.

ये भी पढ़ें : एलएंडटी प्रमुख का सुझाव, सप्ताह में 90 घंटे काम कीजिए, ‘कबतक पत्नी को निहारेंगे’

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.