ETV Bharat / lifestyle

मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा खाने का क्या है महत्व? जानें ज्योतिष की राय - MAKAR SANKRANTI 2025

पूरे भारत में मकर संक्रांति अलग-अलग नाम से 14 जनवरी को मनाया जाएगा, इस खबर में जानें कि मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा क्यों खाते हैं...

Makar Sankranti 2025 What is the significance of eating curd and chuda on Makar Sankranti?
मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा खाने का क्या है महत्व? जानें ज्योतिष की राय (FREEPIK)
author img

By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Jan 13, 2025, 2:22 PM IST

भारत में मकर संक्रांति का त्योहार बडे़ ही धूमधाम के साथ 14 जनवरी को मनाया जाएगा, मकर संक्रांति त्योहार को देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है, बिहार और उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी पर्व, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में पोंगल, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मकर संक्रांति, असम में भोगाली बिहू और पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है.

देश में सभी फेस्टिवल पर खास पकवान बनाने और खाने की परंपरा है. ये सभी पकवान ज्यादातर समय, काल और मौसम के अनुसार होते है. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के मौके पर खास तौर से बिहार और उत्तर प्रेदेश में लोग दही-चूड़ा खाते हैं. खबर के माध्यम से जानते हैं कि मकर संक्रांति के मौके पर क्यों खाया जाता है दही और चूड़ा...

जानें क्यों खाया जाता है दही-चूड़ा
दरअसल, दही-चूड़ा को भगवान सूर्य का प्रिय भोग माना जाता है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को दही-चूड़ा अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं, साथ ही मान्यता यह भी है कि इस मौके पर दही-चूड़ा खाने से सौभाग्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, दही-चूड़ा खाने से कुंडली में स्थित ग्रह दोष दूर भी होत जाते हैं. इसके साथ ही मकर संक्रांति के मौके पर मान्यता है कि संक्रांति के दिन खिचड़ी दान करना और खिचड़ी खाना बेहद फलदाई होता है. इसलिए उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है.

दही चूड़ा कैसे बनाएं, जानें रेसिपी

दही चूड़ा बनाने के लिए आपको मोटा पोहा चाहिए, जिसे चूड़ा भी कहते हैं. चूड़ा या पोहा को पानी में अच्छी तरह भिगोकर चावल की तरह धो लें. अगर पोहा गाढ़ा है, तो उसे करीब 2 मिनट के लिए साफ पानी में भिगो दें. पानी छान लें और पोहा को कुछ देर के लिए ऐसे ही रहने दें.

अब आपको दही चूड़ा के लिए दही तैयार करना है. एक कटोरी में ताजा और गाढ़ा दही लें. इसे हल्का ब्लेंड करें. अब दही में पिसा हुआ गुड़ या चीनी डालकर मिक्स करें. आप इसमें अपनी पसंद के हिसाब से चीनी या शहद भी मिला सकते हैं. कुछ लोग दही चूड़ा को गुड़ के साथ भी खाते हैं.

अब पोहा को हल्के हाथों से चला लें. सर्व करने के लिए सबसे पहले भीगे हुए पोहे को एक प्लेट या कटोरी में डालें. इसके ऊपर दही डालें. अब दोनों चीजों को हाथ या चम्मच की मदद से मिला लें. तैयार मिश्रण में गांठ नहीं पड़नी चाहिए.

दही चूड़ा खाने के फायदे
इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आंत की सेहत भी अच्छी रहती है. अगर आपका पेट खराब है या फूड पॉइजनिंग है तो आप दही चूड़ा खा सकते हैं.दही में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया आपकी आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. दही चूड़ा खाने से वजन भी कम किया जा सकता है.

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ETV भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

ये भी पढ़ें-

भारत में मकर संक्रांति का त्योहार बडे़ ही धूमधाम के साथ 14 जनवरी को मनाया जाएगा, मकर संक्रांति त्योहार को देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है, बिहार और उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी पर्व, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में पोंगल, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मकर संक्रांति, असम में भोगाली बिहू और पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है.

देश में सभी फेस्टिवल पर खास पकवान बनाने और खाने की परंपरा है. ये सभी पकवान ज्यादातर समय, काल और मौसम के अनुसार होते है. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के मौके पर खास तौर से बिहार और उत्तर प्रेदेश में लोग दही-चूड़ा खाते हैं. खबर के माध्यम से जानते हैं कि मकर संक्रांति के मौके पर क्यों खाया जाता है दही और चूड़ा...

जानें क्यों खाया जाता है दही-चूड़ा
दरअसल, दही-चूड़ा को भगवान सूर्य का प्रिय भोग माना जाता है. मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को दही-चूड़ा अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं, साथ ही मान्यता यह भी है कि इस मौके पर दही-चूड़ा खाने से सौभाग्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, दही-चूड़ा खाने से कुंडली में स्थित ग्रह दोष दूर भी होत जाते हैं. इसके साथ ही मकर संक्रांति के मौके पर मान्यता है कि संक्रांति के दिन खिचड़ी दान करना और खिचड़ी खाना बेहद फलदाई होता है. इसलिए उत्तर प्रदेश और बिहार में इसे खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है.

दही चूड़ा कैसे बनाएं, जानें रेसिपी

दही चूड़ा बनाने के लिए आपको मोटा पोहा चाहिए, जिसे चूड़ा भी कहते हैं. चूड़ा या पोहा को पानी में अच्छी तरह भिगोकर चावल की तरह धो लें. अगर पोहा गाढ़ा है, तो उसे करीब 2 मिनट के लिए साफ पानी में भिगो दें. पानी छान लें और पोहा को कुछ देर के लिए ऐसे ही रहने दें.

अब आपको दही चूड़ा के लिए दही तैयार करना है. एक कटोरी में ताजा और गाढ़ा दही लें. इसे हल्का ब्लेंड करें. अब दही में पिसा हुआ गुड़ या चीनी डालकर मिक्स करें. आप इसमें अपनी पसंद के हिसाब से चीनी या शहद भी मिला सकते हैं. कुछ लोग दही चूड़ा को गुड़ के साथ भी खाते हैं.

अब पोहा को हल्के हाथों से चला लें. सर्व करने के लिए सबसे पहले भीगे हुए पोहे को एक प्लेट या कटोरी में डालें. इसके ऊपर दही डालें. अब दोनों चीजों को हाथ या चम्मच की मदद से मिला लें. तैयार मिश्रण में गांठ नहीं पड़नी चाहिए.

दही चूड़ा खाने के फायदे
इससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और आंत की सेहत भी अच्छी रहती है. अगर आपका पेट खराब है या फूड पॉइजनिंग है तो आप दही चूड़ा खा सकते हैं.दही में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया आपकी आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं. दही चूड़ा खाने से वजन भी कम किया जा सकता है.

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ETV भारत इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.