हैदराबाद: उत्तर भारत में चिलचिलाती धूप के कारण एयर कंडीशनर (AC) की मांग में जबरदस्त वृद्धि हुई है. इसके चलते कंपनियां दक्षिणी राज्यों से एसी का स्टॉक उत्तर भारत में ले जा रही हैं. एसी के त्वरित निर्माण के लिए आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की मांग को पूरा करने के लिए विदेशों से विमान द्वारा सामानों का आयात किया जा रहा है. हालांकि इससे परिवहन शुल्क बढ़ रहा है. कंपनी प्रबंधकों के अनुसार, एसी के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण तांबा, एल्युमीनियम और स्टील की कीमतों में भी इस साल की शुरुआत की तुलना में काफी वृद्धि हुई है. इसलिए एसी की कीमतों में 4-8 फीसदी की वृद्धि हुई है.
आम तौर पर हर साल जनवरी से मई तक एसी की मांग अधिक रहती है. एसी की मांग को देखते हुए कंपनियां हर साल अक्टूबर और दिसंबर में ही स्पेयर पार्ट्स और कच्चा माल तैयार कर लेती हैं. जरूरी सामान जहाजों से मंगाए जाने के कारण ट्रांसपोर्ट चार्ज पर नियंत्रण रहता है.
आम तौर पर मई के बाद एसी की बिक्री कम हो जाती है. लेकिन इस बार जून के तीसरे हफ्ते में भी धूप की तीव्रता कम ना होने के कारण एसी की मांग अधिक रही. मानसून के आगमन के साथ जून के पहले हफ्ते में दक्षिण के कुछ इलाकों में बारिश हुई, पर अब फिर से यहां पर गर्मी पड़ने लगी है. नतीजतन यहां भी एसी की बिक्री सामान्य से अधिक रही है, ऐसा विक्रेताओं का कहना है.
AC पार्ट्स और परिवहन शुल्क में बढ़ोतरी
हालांकि AC हमारे देश में बनते हैं, लेकिन कम्प्रेसर, माइक्रोप्रोसेसर, क्रॉस फ्लो फैन जैसे कुछ पार्ट्स चीन, ताइवान, थाईलैंड, मलेशिया और जापान जैसे देशों से आयात होती हैं. कंपनियां अचानक मांग में उछाल का अनुमान नहीं लगा पईं, लिहाजा उनके पास स्टॉक कम हो गया.