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रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडाणी पर मुकदमा चलाने के लिए अमेरिका ने भारत से मांगी मदद - US INDICTMENT AGAINST GAUTAM ADANI

अमेरिकी एसईसी ने बताया है कि कथित रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडाणी और सागर अडाणी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के उसके प्रयास जारी हैं.

Gautam Adani
गौतम अडाणी (Getty Image)
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By PTI

Published : Feb 19, 2025, 10:56 AM IST

न्यूयॉर्क: अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) ने एक संघीय न्यायाधीश को बताया कि कथित रिश्वतखोरी मामले में गौतम अडाणी और सागर अडाणी के खिलाफ शिकायत संबंधी नोटिस पहुंचाने के उसके प्रयास जारी हैं. इसके लिए भारतीय अधिकारियों से भी सहायता का अनुरोध किया गया है. एसईसी ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी और सागर अडाणी को अपनी शिकायत के संबंध में नोटिस पहुंचाने के अपने प्रयासों के संबंध में न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के यूनाइटेड स्टेट्स डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश निकोलस गरौफिस के समक्ष मंगलवार को एक स्थिति रिपोर्ट पेश की.

एसईसी ने कहा कि गौतम अडाणी और सागर अडाणी दोनों भारत में बसे हैं, और उन्हें शिकायत का नोटिस जारी करने के लिए एसईसी के प्रयास जारी हैं. इसके लिए भारतीय अधिकारियों से दीवानी या वाणिज्यिक मामलों में न्यायिक तथा न्यायेतर दस्तावेजों की विदेश में सेवा के लिए हेग सर्विस कन्वेंशन के तहत मदद का अनुरोध भी किया गया है।.

क्या है आरोप?
एसईसी ने कहा कि पिछले वर्ष 20 नवंबर की उसकी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गौतम अडाणी और सागर अडाणी ने अडाणी ग्रीन द्वारा सितंबर 2021 की लोन पेशकश के संबंध में अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के बारे में जानबूझकर या लापरवाही से गलत तथा भ्रामक बयान देकर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन किया.

इसने कहा कि चूंकि प्रतिवादी विदेश में रहते हैं, इसलिए संघीय दीवानी प्रक्रिया नियम (एफआरसीपी) का नियम 4(एफ) समन तथा शिकायत जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है.

एफआरसीपी 4(एफ) में सेवा के लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है और एसईसी प्रतिवादियों को अंतरराष्ट्रीय रूप से सहमत किसी भी सेवा के जरिये कानूनी दस्तावेज दे सकता है.

प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने पिछले वर्ष नवंबर में गौतम अडाणी, सागर अडाणी और एज्योर पॉवर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी सिरिल कैबनेस पर व्यापक स्तर पर रिश्वतखोरी की योजना की साजिश रचने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम और सागर अडाणी और कैबनेस के अलावा अडाणी ग्रीन और एज्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए थे.

अडाणी पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय द्वारा अनुकूल सौर ऊर्जा ठेके हासिल करने के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की कथित साजिश में उनकी भूमिका के लिए अभियोग लगाया जा रहा है.

अडाणी समूह ने आरोप का किया था खंडन
अडाणी समूह ने हालांकि न्याय मंत्रालय और एसईसी द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार करार दिया और इनका खंडन किया है. अडाणी समूह के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि अमेरिकी न्याय मंत्रालय और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है.

प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि अभियोग में लगाए गए आरोप तक तक केवल आरोप हैं और जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं. समूह ने कहा कि वह ‘सभी संभव कानूनी विकल्प तलाश सकता है.

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एसईसी ने कहा कि गौतम अडाणी और सागर अडाणी दोनों भारत में बसे हैं, और उन्हें शिकायत का नोटिस जारी करने के लिए एसईसी के प्रयास जारी हैं. इसके लिए भारतीय अधिकारियों से दीवानी या वाणिज्यिक मामलों में न्यायिक तथा न्यायेतर दस्तावेजों की विदेश में सेवा के लिए हेग सर्विस कन्वेंशन के तहत मदद का अनुरोध भी किया गया है।.

क्या है आरोप?
एसईसी ने कहा कि पिछले वर्ष 20 नवंबर की उसकी शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गौतम अडाणी और सागर अडाणी ने अडाणी ग्रीन द्वारा सितंबर 2021 की लोन पेशकश के संबंध में अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के बारे में जानबूझकर या लापरवाही से गलत तथा भ्रामक बयान देकर संघीय प्रतिभूति कानूनों के धोखाधड़ी विरोधी प्रावधानों का उल्लंघन किया.

इसने कहा कि चूंकि प्रतिवादी विदेश में रहते हैं, इसलिए संघीय दीवानी प्रक्रिया नियम (एफआरसीपी) का नियम 4(एफ) समन तथा शिकायत जारी करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है.

एफआरसीपी 4(एफ) में सेवा के लिए कोई निर्धारित समय सीमा नहीं है और एसईसी प्रतिवादियों को अंतरराष्ट्रीय रूप से सहमत किसी भी सेवा के जरिये कानूनी दस्तावेज दे सकता है.

प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने पिछले वर्ष नवंबर में गौतम अडाणी, सागर अडाणी और एज्योर पॉवर ग्लोबल लिमिटेड के कार्यकारी अधिकारी सिरिल कैबनेस पर व्यापक स्तर पर रिश्वतखोरी की योजना की साजिश रचने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय ने गौतम और सागर अडाणी और कैबनेस के अलावा अडाणी ग्रीन और एज्योर पावर से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए थे.

अडाणी पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय द्वारा अनुकूल सौर ऊर्जा ठेके हासिल करने के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत देने की कथित साजिश में उनकी भूमिका के लिए अभियोग लगाया जा रहा है.

अडाणी समूह ने आरोप का किया था खंडन
अडाणी समूह ने हालांकि न्याय मंत्रालय और एसईसी द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार करार दिया और इनका खंडन किया है. अडाणी समूह के प्रवक्ता ने बयान में कहा कि अमेरिकी न्याय मंत्रालय और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है.

प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय मंत्रालय के एक बयान का हवाला देते हुए कहा कि अभियोग में लगाए गए आरोप तक तक केवल आरोप हैं और जब तक कि वे दोषी साबित न हो जाएं. समूह ने कहा कि वह ‘सभी संभव कानूनी विकल्प तलाश सकता है.

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