पटना: बिहार में दूसरे चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है. प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. सीमांचल के तीन और अंग प्रदेश के दो लोकसभा सीटों के लिए मतदाताओं ने मत का इस्तेमाल किया है. पूर्णिया और किशनगंज लोकसभा सीट पर पूरे देश की निगाहें टिकी हैं. पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव की मौजूदगी ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है तो किशनगंज में असदुद्दीन ओवैसी के प्रत्याशी अख्तरुल ईमान की दमदार उपस्थिति से लड़ाई त्रिकोणात्मक हो चुकी है.
पहले चरण से ज्यादा वोटिंग : वहीं कटिहार भागलपुर और बांका में एनडीए और महागठबंधन के बीच आमने-सामने की लड़ाई है. पहले चरण के मुकाबले दूसरे चरण में वोटिंग प्रतिशत अधिक हुई है लेकिन वोटिंग 2019 के मुकाबले कम दर्ज की गई है.
पूर्णिया में 2019 के मुकाबले 5.4 प्रतिशत कम वोटिंग:पूर्णिया जिले में 199 मतदान केंद्रों पर वोटिंग हुई. तापमान 40 डिग्री सेंटीग्रेड पर होने के बावजूद 59.94 प्रतिशत लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया. 2019 के लोकसभा चुनाव में पूर्णिया में 65.37 प्रतिशत लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया था. इस बार 5.4% मतदान में कमी दर्ज की गई.
पप्पू ने पूर्णिया की जंग को बनाया त्रिकोणीय: पूर्णिया लोकसभा सीट पर जदयू के संतोष कुशवाहा और निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव के बीच कड़ा मुकाबला है. पप्पू यादव एक बार फिर इतिहास दोहराने की तैयारी में है. आपको बता दें कि पप्पू यादव पूर्णिया से तीन बार सांसद रह चुके हैं जिसमें कि वो दो बार वह निर्दलीय सांसद रहे हैं. वोटिंग प्रतिशत की अगर बात करें तो विधानसभा वार पूर्णिया में 61% बनमनखी में 59.10% कस्बा में 63.5% रुपौली में 60.50% धमधाहा में 61.01% और कोढ़ा में 63.51% लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया.
पप्पू यादव पड़ रहे हैं भारी : राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का मानना है कि पूर्णिया लोकसभा सीट पर पप्पू यादव भारी पड़ते दिख रहे हैं. पप्पू यादव को सभी समाज के लोगों का समर्थन मिला है. इस लिहाज से संतोष कुशवाहा को वहां परेशानी हो सकती है.
बीजेपी चिंतित क्यों? :राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है कि जब-जब वोटिंग में गिरावट आती है इससे लगता है कि सरकार के खिलाफ एंटी इंकमबैंसी है. बीजेपी के लोग भी इस कारण परेशान दिख रहे हैं. उनको चिंता सता रही है, कहीं उलटफेर ना हो जाए. वैसे भी कहा जाता है कि दिल्ली का सिंघासन का रास्ता बिहार-यूपी से होकर गुजरता है. अगर बिहार में कहीं 'खेला' हो गया तो बीजेपी को चिंता में डाल देगी.
'एंटी इनकंबेंसी फैक्टर' : वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक भोलानाथ का मानना है कि पूर्णिया लोकसभा सीट पर 2019 के मुकाबले 2024 में वोट प्रतिशत घटा है. लोगों ने बदलाव के लिए वोट किए हैं. वर्तमान सांसद के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी फैक्टर है. तेजस्वी यादव के बयान ने पप्पू यादव को बढ़त लेने का मौका दे दिया और ऐसे में पप्पू यादव आगे दिख रहे हैं.
किशनगंज में ओवैसी का असर!: किशनगंज लोकसभा सीट भी इस बार हॉट सीट बन चुका है. असदुद्दीन ओवैसी ने 5 दिनों तक कैंप कर सबकी निगाहें अपनी ओर खींच ली थी. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से बिहार प्रदेश के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान चुनाव लड़ रहे थे. असदुद्दीन ओवैसी ने अख्तर उल ईमान के लिए दिन-रात एक कर दिया और एआईएमआईएम के पक्ष में माहौल बना दिया. आपको बता दें कि किशनगंज लोकसभा सीट पर तीनों प्रत्याशी मुस्लिम थे और त्रिकोणात्मक मुकाबले की बात कही जा रही थी. वोटिंग के बाद तस्वीर साफ होने लगी है और असदुद्दीन ओवैसी की दमदार उपस्थिति का असर भी देखा जा रहा है.
किशनगंज में दूसरे चरण में 64 प्रतिशत वोटिंग: किशनगंज में तापमान 38 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास रहा और 64% लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया. 2019 की लोकसभा चुनाव में किशनगंज में 66.38 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट किए थे. इस बार लगभग 2.38 प्रतिशत कम वोटिंग हुई. विधानसभा वार अगर वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो किशनगंज में 52.73% बहादुरगंज में 59.37% ठाकुरगंज में 58.44% कोचाधामन में 57.52 प्रतिशत अमर में 50.80% और बैसी में 64.23% मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया.
"जहां तक किशनगंज लोकसभा सीट की बात है तो कांग्रेस उस सीट को फिर बचा ले जा सकती है. किशनगंज में 70% आबादी मुस्लिम की है और तीनों उम्मीदवार मुस्लिम हैं. असदुद्दीन ओवैसी के उम्मीदवार अख्तर ईमान कांग्रेस के मोहम्मद जावेद को कड़ी टक्कर दे रहे हैं."- भोलानाथ, वरिष्ठ पत्रकार
कटिहार में 64.6% मतदान:कटिहार लोकसभा सीट पर जदयू और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है. जदयू के दुलारचंद गोस्वामी और कांग्रेस के तारिक अनवर मैदान में हैं. कटिहार में 64.6% से अधिक लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया है. अब तक के हुए चुनाव में यह सबसे अधिक मत प्रतिशत है. तापमान 41 डिग्री सेंटीग्रेड होने के बावजूद भारी संख्याओं में मतदाता मतदान केंद्रों तक पहुंचे. 2019 के लोकसभा चुनाव में कटिहार में 67.64% लोगों ने अपने मत का इस्तेमाल किया था. इस बार तीन प्रतिशत वोटिंग कम दर्ज की गई. विधानसभा वार वोटिंग प्रतिशत को देखा जाए तो कटिहार में 59.80% कड़वा में 56.01% बलरामपुर में 63.02% प्राणपुर में 54.63% मनिहारी में 52% और बरारी में 61.49 प्रतिशत लोगों ने अपने मत का प्रयोग किया.