पटना : बीपीएससी 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा को रद्द कराने और री एग्जाम कंडक्ट कराने की मांग को लेकर अभ्यर्थी 34 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों की डिमांड के समर्थन में बिहार के जाने-माने शिक्षा विद गुरु रहमान ने बुधवार को अपना हाथ का नस काट लिया. नस काट कर खून से उन्होंने री एग्जाम के कई स्लोगन लिखे और अपने खून से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल आयोग के अध्यक्ष और सचिव को पत्र भी लिखा है. पत्र के माध्यम से सभी से उन्होंने परीक्षा कैंसिल कर री एग्जाम की डिमांड की है.
'जरूरत पड़ी तो काट लेंगे गर्दन' : गुरु रहमान ने कहा कि बच्चे इतने दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. मामला हाई कोर्ट में चल रहा है और इसी बीच आयोग की ओर से रोज नोटिफिकेशन के माध्यम से धमकी दी जा रही है कि अब रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा. बच्चे मानसिक तौर पर परेशान हैं और मुख्यमंत्री मौनी बाबा बने हुए हैं. इसलिए वह आज अपना अपना हाथ काटे हैं ताकि सरकार का इस विषय पर ध्यान पड़े.
''मैं सरकार को अपनी हाथ का नस काट कर अपना और छात्रों का दर्द दिखाना चाह रहे हैं. हम री एग्जाम की डिमांड पर कायम हैं. अभी तो हाथ का का नस कटा है, अगर गर्दन काटने की भी जरूरत पड़ेगी तो काट लेंगे.''- गुरु रहमान, शिक्षाविद
'कोई छात्र ऐसा ना करे' : गुरु रहमान ने कहा कि आयोग ने उन्हें अभ्यर्थियों के समर्थन में खड़ा होने के लिए लीगल नोटिस भेजा है. आयोग ने माफी की मांग की है, लेकिन वह आयोग को स्पष्ट कर दे रहे हैं कि जवाब में माफी का 'म' तक नहीं लिखेंगे. वह मरना पसंद करेंगे लेकिन आयोग से माफी नहीं मांगेंगे. गुरु रहमान ने कहा कि छात्र उन्हें काफी पसंद करते हैं लेकिन वह छात्रों से आग्रह और अपील करेंगे की उनके जैसा कदम छात्र ना उठाएं.
''छात्रों से यह कहेंगे कि जब बाप जैसा गुरु ने कदम उठाया है तो छात्र ऐसा कुछ ना करें. छात्र अपने आप को मानसिक तौर पर मजबूत रखें और यह विश्वास रखें कि गुरु रहमान मरते दम तक छात्रों के साथ खड़ा रहेगा. इसलिए कोई भी छात्र ऐसा कदम नहीं उठाए.''- गुरु रहमान, शिक्षाविद
गुरु रहमान के कारनामे से छात्र स्तब्ध : छात्र नेता सौरभ ने कहा कि वह भी बीपीएससी अभ्यर्थी हैं और 34 दिनों से गर्दनीबाग में प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. उन्हें अचानक सूचना मिली कि गुरु जी ने हाथ काट लिया है तो भागे भागे यहां आए हैं और नर्सिंग स्टाफ को बुलाकर ड्रेसिंग करवाया है. इस घटना से वह स्तब्ध है. मैं गुरु रहमान के इस भावना का पूरा सम्मान करते हैं लेकिन इस कारनामे से काफी नाराज भी हूं. गुरु जी को ऐसा नहीं करना चाहिए था और अपनी जान को जोखिम नहीं डालना चाहिए था.
पहली बार नहीं काट रहे हैं हाथ : गौरतलब है कि गुरु रहमान यह पहली बार हाथ नहीं काट रहे हैं. 25 वर्ष पहले जब एक हिंदू लड़की से प्रेम हुआ था और परिवार वाले शादी के लिए राजी नहीं थे, तब उन्होंने शादी करने की जिद को लेकर प्यार में हाथ काटा था. इसके बाद उन्होंने एक बार धारा 370 को देश से समाप्त करने के लिए हाथ काट कर खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को भेजा था. आज उन्होंने बीपीएससी अभ्यर्थियों के मांग के समर्थन में हाथ काटे हैं.
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