जैव विविधता दिवस पर आइए हल्द्वानी के बायोडायवर्सिटी पार्क (ईटीवी भारत.) हल्द्वानी: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी विंग जैव विविधता के क्षेत्र में पूरे देश में पहचान बन चुका है. हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक धरोहर बनकर उभर रहा है. यहां करीब 18 एकड़ में 800 से अधिक प्रजातियों के पेड़-पौधों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है. इसमें बहुत सी ऐसी प्रजातियां हैं, जो विलुप्ति की कगार पर हैं. अनुसंधान केंद्र औषधि पौधों के संरक्षण के क्षेत्र में भी उपलब्धि हासिल कर रहा है.
भारत माता का चित्र गर्व की अनुभूति कराता है (Photo- ETV Bharat) बायोडायवर्सिटी पार्क बना आकर्षण का केंद्र: जैव विविधता के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड में सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क है. यहां जैव विविधता को बचाने के लिए अनुसंधान केंद्र में ही कछुआ, बत्तख, मधुमक्खी, तितलियों और पक्षियों के संरक्षण की व्यवस्था है. इससे लोग जैव विविधता के साथ पक्षियों का भी दीदार कर इनकी विशेषता जानने पहुंचते हैं. अनुसंधान केंद्र में एक जैव विविधता पार्क और गैलरी विकसित की गई है.
गलवान शहीद वाटिका आकर्षण का केंद्र है (Photo- ETV Bharat) गलवान शहीद वाटिका कराती है गर्व का अहसास: इस पार्क में धार्मिक, आध्यात्मिक, स्वास्थ्य सम्बन्धी वाटिका, बुद्ध वाटिका और गलवान शहीद वाटिका भी बनाई गई हैं. इस बायो डायवर्सिटी पार्क में 50 से ज्यादा औषधीय पौधों की भी प्रजातियां भी शामिल हैं. वहीं बायोडायवर्सिटी गैलरी में थ्रीडी के माध्यम से वनस्पतियों और वन्यजीवों की फोटो समेत पूरी जानकारी को विस्तार से दर्शाया गया है. गैलरी में विलुप्त होते 101 जीव-जंतुओं के साथ-साथ दुर्लभ वनस्पतियों को शामिल किया गया है. जुरासिक काल की वनस्पतियों की जानकारी के लिए यहां एक जुरासिक पार्क व मसालों के पौधों को संग्रहित किया गया है. अनुसंधान केंद्र में जड़ी-बूटियां, झाड़ियां, बांस, बेंत, घास, फर्न, साइकस, ऑर्किड, साइकेड के अलावा जलीय पौधे, कीटभक्षी पौधे, लाइकेन, ब्रायोफाइट्स जैसी भारी संख्या में पेड़ पौधे शामिल हैं.
जुरासिक काल की याद दिलाती तस्वीर (Photo- ETV Bharat) ऐसे दुर्लभ पौधे एक साथ कहीं नहीं मिलेंगे: उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने जैव विविधता के लिए चीन सीमा से सटे देश के प्रथम गांव माणा से लेकर मुनस्यारी तक अनूठे प्रयास किए हैं. हर्बल गार्डन, आर्किड गार्डन, लाइकेन गार्डन, पाम गार्डन, एरोमेटिक गार्डन, क्रिप्टोमेटिक गार्डन व फर्न प्रजाति संरक्षण केंद्र भी विकसित किए हैं. वन अनुसंधान केंद्र के मुताबिक यहां संरक्षित प्रजातियों का दुर्लभता, औषधीय और स्थानीयता के हिसाब से खासा महत्व है.
वन्यजीवों की फोटो लुभाती हैं (Photo- ETV Bharat) जैव विविधता दिवस पर घूमिए बायोडायवर्सिटी पार्क: वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी के नेतृत्व में उत्तराखंड वन संस्थान केंद्र कई नजीर पेश कर चुका है. अनुसंधान केंद्र की पहचान उत्तराखंड के साथ-साथ देश विदेशों में है. अनुसंधान केंद्र के पौधे उत्तराखंड के साथ-साथ ताजमहल, लालकिला, दिल्ली यूनिवर्सिटी और राष्ट्रपति भवन सहित कई महत्वपूर्ण स्थानों की शान बढ़ा रहे हैं. जैव विविधता दिवस के मौके पर अनुसंधान केंद्र में पेंटिंग प्रतियोगिता और जागरूकता अभियान चलाकर जैव विविधता संरक्षण के लिए जागरूक किया गया.
हल्द्वानी का बायोडायवर्सिटी पार्क मन मोहता है (Photo- ETV Bharat) ये भी पढ़ें: