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उत्तराखंड में कोहरा बन रहा 'यमराज', सड़क हादसों में सात लोगों की गई जान, जानें कैसे बनता है कोहरा - SEVEN PEOPLE DIED DUE TO FOG

उत्तराखंड में कोहरे से अभी तक सात लोग मौत के मुंह में चले गए हैं. आखिर कैसे बनता है कोहरा जानिए इस रिपोर्ट में.

SEVEN PEOPLE DIED DUE TO FOG
उत्तराखंड में कोहरे का कहर (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 5, 2025, 1:19 PM IST

Updated : Jan 5, 2025, 1:59 PM IST

देहरादून: पूरे देश में ठंड का प्रकोप है. पहाड़ों में भी भारी बर्फबारी का दौर जारी है. इसी क्रम में उत्तराखंड में भी ठंड और कोहरे ने अपना कहर बरपाया है. आलम ये है कि शाम 6 के बाद सामने से आने वाला व्यक्ति या वाहन दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब यह कोहरा जानलेवा साबित हो रहा है. कोहरे की वजह से सात लोगों की जान चली गई है.

हरिद्वार और उधम सिंह नगर में सबसे ज्यादा कोहरा: उत्तराखंड के 13 जिलों में से दो जिला सबसे अधिक कोहरे की मार झेलते हैं. उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिला कोहरे से ढके हुए हैं. साथ ही कोटद्वार बिजनौर का इलाका भी शाम होते ही कोहरे की चादर ओढ़ लेते हैं. हर साल कोहरे से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में कई मौत होती हैं. ऐसे में उत्तराखंड में भी कोहरा अब लोगों की जान ले रहा है. हाल ही में हरिद्वार में कोहरे की वजह से छह लोगों की जान चली गई.

हरिद्वार से हरियाणा जाते समय 4 लोगों की हुई थी मौत: पहला हादसा हरिद्वार में 1 जनवरी को उस वक्त हुआ, जब नए साल के स्वागत के लिए चार दोस्त हरिद्वार पहुंचे थे. देर रात जब वह हरिद्वार से हरियाणा की तरफ सफर कर रहे थे, तभी हाईवे पर खड़े एक ट्रक में उनकी गाड़ी जा घुसी. हरिद्वार से रुड़की की तरफ जाते हुए हाईवे पर इतना कोहरा था कि सामने खड़े ट्रक को गाड़ी सवार ड्राइवर और बाकी सदस्य देख नहीं पाए. ज्यादा स्पीड होने की वजह से मौके पर ही चारों लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में पांचवा दोस्त गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज चल रहा है. इस घटना में दो चचेरे भाइयों की भी मौत हुई थी.

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कोहरे ने सात लोगों की ली जान (PHOTO-ETV Bharat)

कोहरे की वजह से दो छात्रों की मौत : घने कोहरे की वजह से 3 जनवरी को एक और बड़ा हादसा हो गया. जिस जगह पर 1 जनवरी को हरियाणा के चार दोस्तों की जान गई थी, वहां से ही लगभग 1 किलोमीटर दूर हरिद्वार के ही बहादराबाद में 3 जनवरी की रात एक और बड़ा हादसा हुआ. यहां पर दो बाइक सवार छात्र जब अपने घर की तरफ जा रहे थे, तभी कोहरे की वजह से एक अज्ञात वाहन को वो देख नहीं पाए और जब तक ड्राइवर देख पाता, तब तक दोनों सड़क पर गिर गए थे. कोहरा इतना घना था कि पीछे से आ रहे एक वाहन को दोनों दोस्त सड़क पर पड़े हुए दिखाई नहीं दिए और वह उन्हें कुचलता हुआ चला गया.

कोहरे से आपस में टकराई थी कई कारें: हरिद्वार के रुड़की में फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी को 3 जनवरी के दिन ही सुबह एक रोडवेज ने जोरदार टक्कर मार दी थी, जिससे कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई थी. मृतक कर्मचारी हरिद्वार के ज्वालापुर का रहने वाला था. वहीं नए साल के मौके पर कोहरे की वजह से कई कार आपस में टकरा गई थी. गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह की कोई भी जनहानि नहीं हुई. घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह से मार्ग खुलवाया था.

क्यों और कहां से आता है ये कोहरा: मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले दो दिनों तक मौसम शुष्क रहने वाला है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लगते इलाकों में ऐसा ही मौसम बना रहेगा. उन्होंने कहा कि कोहरा एक तरह का पानी ही होता है, जब पानी से निकलने वाली भाप अपने गैस फॉर्म को गाढ़ा कर लेती है, तब कोहरे की चादर चारों तरफ फैल जाती है. आप ऐसा भी कह सकते हैं की हवा में पानी के छोटे-छोटे कण तैरते रहते हैं. वहीं, जब आप कोहरे में निकलते हैं तो आपके कपड़ों, चेहरे और गाड़ियों पर छोटे-छोटे पानी के कण दिखाई देते हैं. यह कोहरा जब नीचे किसी चीज पर बैठता है, तो पानी बन जाता है.

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क्यों और कहां से आता है ये कोहरा (PHOTO-ETV Bharat)

ह्यूमिडिटी 100% तक पहुंचने पर बनता है कोहरा: निर्देशक विक्रम सिंह ने बताया कि जब वातावरण में ह्यूमिडिटी 100% तक पहुंच जाती है, तब जाकर कोहरा बनता है. कई जगहों पर यह कोहरा लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत देता है. सर्दियों में यह इसलिए दिखाई देता है, क्योंकि जब ठंडी हवा चलती हैं, तो जमीन की गर्मी ऊपर बह रही ठंडी हवाओं के बीच रूक जाती है और ही मिश्रण कोहरे को बना देती है. उन्होंने कहा कि कोहरे के भी कई तरह के प्रकार हो सकते हैं, जैसे रेडिएशन कोहरा, एजुकेशन कोहरा और अप्सलोप कोहरा आदि.

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कोहरा शरीर के लिए भी घातक (PHOTO-ETV Bharat)

स्वास्थ्य के लिए घातक है कोहरा: दून मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सायना ने बताया कि कोहरे से शरीर में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. कई लोगों को कोहरे में सांस लेने में भी दिक्कत महसूस होती है. सर्दी लगने के अधिक चांस हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि कोहरे में आने वाली नमी हमारे सीने और फेफड़ों पर सीधे असर डाल सकती है. अगर किसी की इम्युनिटी कम है, तो उसको यह कोहरा सीधा असर करता है. लिहाजा ऐसे समय पर मुंह को बांधकर रखें, कपड़े बेहतर तरीके से पहने और जरूरी ना हो तो खुले वाहन में सफल न करें.

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देहरादून: पूरे देश में ठंड का प्रकोप है. पहाड़ों में भी भारी बर्फबारी का दौर जारी है. इसी क्रम में उत्तराखंड में भी ठंड और कोहरे ने अपना कहर बरपाया है. आलम ये है कि शाम 6 के बाद सामने से आने वाला व्यक्ति या वाहन दिखाई नहीं दे रहे हैं. ऐसे में अब यह कोहरा जानलेवा साबित हो रहा है. कोहरे की वजह से सात लोगों की जान चली गई है.

हरिद्वार और उधम सिंह नगर में सबसे ज्यादा कोहरा: उत्तराखंड के 13 जिलों में से दो जिला सबसे अधिक कोहरे की मार झेलते हैं. उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे हरिद्वार और उधम सिंह नगर जिला कोहरे से ढके हुए हैं. साथ ही कोटद्वार बिजनौर का इलाका भी शाम होते ही कोहरे की चादर ओढ़ लेते हैं. हर साल कोहरे से दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में कई मौत होती हैं. ऐसे में उत्तराखंड में भी कोहरा अब लोगों की जान ले रहा है. हाल ही में हरिद्वार में कोहरे की वजह से छह लोगों की जान चली गई.

हरिद्वार से हरियाणा जाते समय 4 लोगों की हुई थी मौत: पहला हादसा हरिद्वार में 1 जनवरी को उस वक्त हुआ, जब नए साल के स्वागत के लिए चार दोस्त हरिद्वार पहुंचे थे. देर रात जब वह हरिद्वार से हरियाणा की तरफ सफर कर रहे थे, तभी हाईवे पर खड़े एक ट्रक में उनकी गाड़ी जा घुसी. हरिद्वार से रुड़की की तरफ जाते हुए हाईवे पर इतना कोहरा था कि सामने खड़े ट्रक को गाड़ी सवार ड्राइवर और बाकी सदस्य देख नहीं पाए. ज्यादा स्पीड होने की वजह से मौके पर ही चारों लोगों की मौत हो गई थी. इस हादसे में पांचवा दोस्त गंभीर रूप से घायल है, जिसका इलाज चल रहा है. इस घटना में दो चचेरे भाइयों की भी मौत हुई थी.

SEVEN PEOPLE DIED DUE TO FOG
कोहरे ने सात लोगों की ली जान (PHOTO-ETV Bharat)

कोहरे की वजह से दो छात्रों की मौत : घने कोहरे की वजह से 3 जनवरी को एक और बड़ा हादसा हो गया. जिस जगह पर 1 जनवरी को हरियाणा के चार दोस्तों की जान गई थी, वहां से ही लगभग 1 किलोमीटर दूर हरिद्वार के ही बहादराबाद में 3 जनवरी की रात एक और बड़ा हादसा हुआ. यहां पर दो बाइक सवार छात्र जब अपने घर की तरफ जा रहे थे, तभी कोहरे की वजह से एक अज्ञात वाहन को वो देख नहीं पाए और जब तक ड्राइवर देख पाता, तब तक दोनों सड़क पर गिर गए थे. कोहरा इतना घना था कि पीछे से आ रहे एक वाहन को दोनों दोस्त सड़क पर पड़े हुए दिखाई नहीं दिए और वह उन्हें कुचलता हुआ चला गया.

कोहरे से आपस में टकराई थी कई कारें: हरिद्वार के रुड़की में फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारी को 3 जनवरी के दिन ही सुबह एक रोडवेज ने जोरदार टक्कर मार दी थी, जिससे कर्मचारियों की मौके पर ही मौत हो गई थी. मृतक कर्मचारी हरिद्वार के ज्वालापुर का रहने वाला था. वहीं नए साल के मौके पर कोहरे की वजह से कई कार आपस में टकरा गई थी. गनीमत रही कि इस हादसे में किसी तरह की कोई भी जनहानि नहीं हुई. घटना के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह से मार्ग खुलवाया था.

क्यों और कहां से आता है ये कोहरा: मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले दो दिनों तक मौसम शुष्क रहने वाला है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से लगते इलाकों में ऐसा ही मौसम बना रहेगा. उन्होंने कहा कि कोहरा एक तरह का पानी ही होता है, जब पानी से निकलने वाली भाप अपने गैस फॉर्म को गाढ़ा कर लेती है, तब कोहरे की चादर चारों तरफ फैल जाती है. आप ऐसा भी कह सकते हैं की हवा में पानी के छोटे-छोटे कण तैरते रहते हैं. वहीं, जब आप कोहरे में निकलते हैं तो आपके कपड़ों, चेहरे और गाड़ियों पर छोटे-छोटे पानी के कण दिखाई देते हैं. यह कोहरा जब नीचे किसी चीज पर बैठता है, तो पानी बन जाता है.

SEVEN PEOPLE DIED DUE TO FOG
क्यों और कहां से आता है ये कोहरा (PHOTO-ETV Bharat)

ह्यूमिडिटी 100% तक पहुंचने पर बनता है कोहरा: निर्देशक विक्रम सिंह ने बताया कि जब वातावरण में ह्यूमिडिटी 100% तक पहुंच जाती है, तब जाकर कोहरा बनता है. कई जगहों पर यह कोहरा लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत देता है. सर्दियों में यह इसलिए दिखाई देता है, क्योंकि जब ठंडी हवा चलती हैं, तो जमीन की गर्मी ऊपर बह रही ठंडी हवाओं के बीच रूक जाती है और ही मिश्रण कोहरे को बना देती है. उन्होंने कहा कि कोहरे के भी कई तरह के प्रकार हो सकते हैं, जैसे रेडिएशन कोहरा, एजुकेशन कोहरा और अप्सलोप कोहरा आदि.

SEVEN PEOPLE DIED DUE TO FOG
कोहरा शरीर के लिए भी घातक (PHOTO-ETV Bharat)

स्वास्थ्य के लिए घातक है कोहरा: दून मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सायना ने बताया कि कोहरे से शरीर में कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं. कई लोगों को कोहरे में सांस लेने में भी दिक्कत महसूस होती है. सर्दी लगने के अधिक चांस हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि कोहरे में आने वाली नमी हमारे सीने और फेफड़ों पर सीधे असर डाल सकती है. अगर किसी की इम्युनिटी कम है, तो उसको यह कोहरा सीधा असर करता है. लिहाजा ऐसे समय पर मुंह को बांधकर रखें, कपड़े बेहतर तरीके से पहने और जरूरी ना हो तो खुले वाहन में सफल न करें.

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Last Updated : Jan 5, 2025, 1:59 PM IST
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